धार में किसान आंदोलन के बाद पुलिस की कार्रवाई, 700 लोगों पर केस दर्ज, किसान नेता को पता ही नहीं

धार जिले में किसान आंदोलन के बाद पुलिस ने करीब 700 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया है। वहीं, मामले की जांच जारी है। हालांकि किसान नेताओं को कार्रवाई की जानकारी नहीं थी।

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Amresh Kushwaha
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DHAR. मध्यप्रदेश के धार जिले में किसान आंदोलन हुआ था। इसके बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में करीब 700 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है। इनमें से 17 को नामजद किया गया है। हालांकि, इस कार्रवाई की जानकारी राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के धार जिला अध्यक्ष को नहीं है।

प्रदर्शन के बाद हुई पुलिस की कार्रवाई

सोमवार, 1 दिसंबर को किसानों ने धामनोद के खलघाट टोल प्लाजा पर प्रदर्शन किया था। पुलिस का कहना है कि किसानों ने बिना अनुमति के सड़कें जाम कर दी थीं। इससे यातायात पर असर पड़ा था।

एमपी पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन में शामिल किसानों ने कई प्रतिबंधित धाराओं का उल्लंघन किया था। इस आधार पर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

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किसान आंदोलन के दौरान क्या हुआ था?

यह आंदोलन राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ मालवा निमाड़ प्रांत के कार्यकर्ताओं और किसानों ने किया था। किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों के तहत खलघाट टोल प्लाजा के पास राष्ट्रीय हाईवे-52 पर धरना दिया था। प्रदर्शन के दौरान किसानों ने प्रशासन से अपनी बात रखने के लिए ज्ञापन दिया था। वहीं, आश्वासन मिलने पर आंदोलन को समाप्त कर दिया गया था।

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धार में किसान आंदोलन की खबर पर एक नजर...

  • 1 दिसंबर को किसानों ने धामनोद के खलघाट टोल प्लाजा पर बिना अनुमति के सड़कें जाम कर प्रदर्शन किया, जिससे यातायात प्रभावित हुआ।

  • पुलिस ने वीडियोग्राफी के आधार पर करीब 700 अज्ञात लोगों और 17 किसानों पर केस दर्ज किया, विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए।

  • किसान नेता प्रकाश धाकड़ ने कहा कि उन्हें किसी भी केस की जानकारी नहीं है और जल्द स्थिति स्पष्ट करेंगे।

  • धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने किसानों को आश्वासन दिया था कि उनकी मांगें मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक पहुंचाई जाएंगी।

  • किसानों की प्रमुख मांगें थीं: सरकारी खरीद, ऋण मुक्ति, गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा, और आयात-निर्यात नीति में बदलाव।

पुलिस रिपोर्ट: वीडियोग्राफी से खुलासा

पुलिस ने प्रदर्शन की वीडियोग्राफी की थी। इसी आधार पर केस दर्ज किया है। इन पर बीएनएस की धारा 223(a), 126(2), 191(2), और राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 की धारा 8बी के तहत आरोप लगाए गए हैं। फिलहाल, पुलिस जांच कर रही है और एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही है।

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किसान नेता को केस की जानकारी नहीं

वहीं, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के धार जिला अध्यक्ष प्रकाश धाकड़ ने कहा कि उन्हें और अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ कोई केस की जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि वह जल्द ही सभी पदाधिकारियों से चर्चा करेंगे और अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे।

कलेक्टर ने किसानों को आश्वासन दिया

धार जिले के कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने किसानों से बातचीत के बाद आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि किसानों की सभी मांगें मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक पहुंचाई जाएंगी। इसके अलावा, केंद्रीय राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर के नेतृत्व में किसानों का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में अपनी बात रखेगा। इस आश्वासन के बाद किसानों ने अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया था।

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किसानों की ये थी प्रमुख मांगें

किसानों की चार मुख्य मांगें हैं-

  • पहली, मक्का, सोयाबीन और कपास की सरकारी खरीद पहले की योजना के अनुसार हो।
  • दूसरी, सभी किसानों को ऋण मुक्त किया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी दी जाए।
  • तीसरी, आदि गुरु शंकराचार्य के संकल्प के अनुसार गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जाए।
  • चौथी, केंद्र सरकार आयात-निर्यात नीति किसानों के हित में बनाए और दलहन, कपास तथा प्याज के निर्यात पर लगी रोक हटाई जाए।

नेशनल हाईवे पर यातायात में रुकावट

प्रदर्शन के कारण पूरे दिन नेशनल हाईवे-52 पर यातायात प्रभावित रहा। बड़ी संख्या में किसान धार, बड़वानी, खरगोन और खंडवा जिलों से आए थे। स्थिति को काबू में करने के लिए जिला प्रशासन ने बीएनएस की धारा 163 लागू की थी। साथ ही भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।

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