किशोर वाधवानी, नितेश को 2022 करोड़ के जीएसटी कर नोटिस पर मिला स्टे खत्म, सरकार ने माना वाधवानी और एक्साइज अधिकारी मिले हुए थे

गुटखा किंग किशोर वाधवानी (  Kishore Wadhwani ) के साथ उनके रिश्तेदार नितेश वाधवानी सहित 21 लोग मुश्किल में आ गए हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला...

Advertisment
author-image
Sandeep Kumar
एडिट
New Update
the sootr

गुटखा किंग किशोर वाधवानी

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

संजय गुप्ता @ INDORE. गुटखा किंग किशोर वाधवानी (  Kishore Wadhwani ) के साथ उनके रिश्तेदार नितेश वाधवानी (  Nitesh Wadhwani ) सहित 21 लोग मुश्किल में आ गए हैं। हाईकोर्ट इंदौर की डबल बैंच ने डीजीजीआई द्वारा दिए गए 2022 करोड़ की जीएसटी चोरी के मामले में 3 अक्टूबर 2023 को दिया गया स्टे हटा दिया है। एलौरा टौबेको कंपनी की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। यानि अब डायेरक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस ( डीजीजीआई ) को अब जून और अगस्त 2022 में जारी किए गए नोटिस पर वसूली के अधिकार मिल गए हैं।

ये खबर भी पढ़िए...MPPSC एक साल के भीतर दूसरी बार लेगा राज्य पात्रता परीक्षा (सेट), विज्ञापन किया जारी

इन लोगों को मिला था 2022 करोड़ का नोटिस

डीजीजीआई ( DGGI ) ने मई-जून 2020 में एलौरा टोबेको कंपनी के सांवेर इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित फैक्टरी सहित कई जगह छापे मारे थे। इसमें भारी मात्रा में गैरकानूनी तरीके से सिगरेट बनना पाया गया। ऑपरेशन कर्क के तहत की गई इस बड़ी कार्रवाई में पाया गया कि मशीनों को कागज में बंद बताते थे लेकिन असल में सिगरेट बनती थी और उसे बिना कागज पर दिखाए बेचा जाता था। हर दिन औसतन 10-12 लाख सिगेरट बनती औऱ् दिखाते मात्र 30 हजार ही थे। इस तरह जुलाई 2017 से जून 2020 के दौरान इन्होंने कुल 2022 करोड़ की टैक्स चोरी की जिसमें 1946 करोड़ जीएसटी और करीब 76 करोड़ रुपए सेंट्रल एक्साइट ड्यूटी थी। इसकी वसूली के लिए विभाग ने जून और अगस्त 2022 में नोटिस दिए। इसमें किशोर वाधवानी, नीतेश वाधवानी, श्याम खेतानी, धर्मेंद्र पिठादिया, दबंग दुनिया, राजू गर्ग, अनमोल मिश्रा, शिमला इंडस्ट्रीज व अन्य को वसूली नोटिस जारी किए थे।

ये खबर भी पढ़िए..मध्य प्रदेश में 11 एसपी सहित 47 IPS अफसरों के ट्रांसफर

कंपनी ने हाईकोर्ट में यह दिए तर्क

कंपनी ने इस मामले में हाईकोर्ट ( High Court ) ने तर्क दिए कि विभाग ने बिना दिमाग लगाए केवल मशीनों की उत्पादकता के आधार पर यह वसूली नोटिस बनाए हैं, जबकि पूरा काम विभाग के नियुक्ती अधिकारियों की उपस्थिति में ही 24 घंटे काम होता था, उन्हीं की उपस्थिति में मशीन शुरू होती और बंद होती थी। पूरी मॉनीटरिंग विभाग के अधिकारियों की होती थी, ऐसे में इस तरह के नोटिस का कोई मतलब ही नहीं है।
 ये खबर भी पढ़िए...DA Hike in MP: MP के 12 लाख सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, DA 4 फीसदी बढ़ा

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने माना अधिकारी मिले हुए थे

इस मामले में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल वीआर वेंकटरमण (  Additional Solicitor General VR Venkatraman ) ने कोर्ट में साफ कहा कि यह सभी अधिकारियों की मॉनीटरिंग में उत्पादन होता था लेकिन हमारे विभाग के अधिकारियों के साथ इनकी मिलीभगत थी, दोनों ने मिलकर यह टैक्स चोरी को अंजाम दिया है। इन जिम्मेदार अधिकारयों के खिलाफ विभाग कार्रवाई कर रहा है। रही बात बिना दिमाग लगाए और केवल मशीन की उत्पादकता के आधार पर नोटिस की तो यह बताना चाहेंगे कि इसके लिए दो साल तक जांच चली है, 2020 में छापे हुए और नोटिस जून-अगस्त 2022 में किए गए हैं। इस नोटिस के लिए 250 से ज्यादा सक्षम दस्तावेज, प्रमाण मौजूद है, इसके बाद नोटिस जारी हुए हैं। 

ये खबर भी पढ़िए..मध्य प्रदेश में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, पंकज और अंतरसिंह ने थामा बीजेपी का दामन

तो नोटिस 4238 करोड़ रूपए का होता

एडिशनल सॉलिसीटर जनरल (   Additional Solicitor General ) ने कहा कि केवल मशीन की उत्पादकता के आधार पर विभाग नोटिस बनाता तो यह 2022 करोड़ का नहीं बनता बल्कि 4238 करोड़ रुपए का बनता जिसमें 4059 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी होती और 179 करोड़ की सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी ( Central Excise Duty ) बनती। लेकिन विभाग ने सभी दस्तावेज और दो साल की जांच के बाद 2022 करोड़ का नोटिस जारी किया है। वैसे भी इसमें शोक़ॉज नोटिस रद्द करने के लिए हाईकोर्ट का मामला ही नहीं बनता है क्योंकि जीएसटी एक्ट के तहत इन्हें वहां कानूनी रूप से अपील में आना चाहिए था। इसका कोई आधार नहीं है। इन सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट इंदौर डबल बैंच ने एलौरा कंपनी को मिला स्टे खत्म करते हुए याचिका का निराकृत कर दिया।

 

DGGI Kishore Wadhwani Central Excise Duty Nitesh Wadhwani Additional Solicitor General Additional Solicitor General VR Venkatraman गुटखा किंग किशोर वाधवानी