मध्यप्रदेश सरकार ने भूमि विकास नियम 2012 में कई अहम बदलाव किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य शहरी विकास को बढ़ावा देना, रियल एस्टेट निवेश को आकर्षित करना और पर्यावरणीय मानकों को मजबूत करना है। मध्यप्रदेश में घर बनाने के लिए आर्किटेक्ट के साथ ही नगर निगम और नगर पालिका से परमिशन के लिए बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
सरकार के नए नियमों के मुताबिक अब 2000 वर्ग फीट तक का मकान बगैर बिल्डिंग परमिशन लिए बनाया जा सकता है। नए संशोधनों के तहत FAR, TDR, आवासीय और औद्योगिक भूमि उपयोग में सुधार किए गए हैं। इन बदलावों से रियल एस्टेट क्षेत्र में नई संभावनाएं और तेज़ विकास की उम्मीद है।
भूमि विकास नियम में ये हुए महत्वपूर्ण बदलाव...
मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम 2012 में शहरी विकास और रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इन संशोधनों से शहरीकरण की प्रक्रिया को गति मिलेगी और नए निवेश के अवसर पैदा होंगे।
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FAR में बढ़ोतरी
शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए FAR को बढ़ाया गया है। केंद्रीय व्यापार क्षेत्रों और ट्रांजिट ओरिएंटेड क्षेत्रों में FAR को 1:5.0 से बढ़ाकर 1:7.0 किया गया है। इससे उच्च घनत्व वाले क्षेत्रों ( जैसे बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन ) में विकास को बढ़ावा मिलेगा।
TDR में होगा सुधार
TDR को अधिक प्रभावी बनाने के लिए बदलाव किए गए हैं। अब TDR के माध्यम से भूमि अधिग्रहण और अतिरिक्त निर्माण क्षमता प्राप्त करना आसान होगा। शहरी पुनर्विकास परियोजनाओं में TDR ( विकास के लिए दूसरों को जमीन देना ) को प्रोत्साहित किया जाएगा।
आवासीय भूमि उपयोग में सुधार
अब छोटे भूखंडों पर भवन निर्माण प्रक्रिया को सरल किया गया है। 2000 वर्गफुट तक के भूखंडों पर स्वीकृति की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। इसके अलावा, किफायती आवास योजनाओं (EWS/LIG) को बढ़ावा देने के लिए डेवलपर्स को FAR बोनस मिलेगा।
औद्योगिक भूमि के उपयोग में बदलाव
अब बहुमंजिला औद्योगिक भवनों की अनुमति दी गई है। लॉजिस्टिक हब और IT पार्क के लिए भूमि उपयोग को सरल बनाया गया है। व्यावसायिक FAR में बढ़ोतरी और मिक्स जमीन के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
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बड़े भवनों को ग्रीन मानकों का पालन जरूरी
100 वर्गमीटर से बड़े भवनों में ग्रीन बिल्डिंग मानकों का पालन अनिवार्य किया गया है। ई-वाहन चार्जिंग पॉइंट्स और सौर ऊर्जा संयंत्र को अनिवार्य किया गया है। जल संरक्षण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग और पुनर्चक्रण (Recycling) को अनिवार्य किया गया है।
स्वीकृति प्रक्रियाओं और नियमों में सुधार
स्वीकृति प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए 2000 वर्गफुट तक के छोटे आवासीय प्लॉट्स के लिए ‘स्वतः स्वीकृति’ (Deemed Permission) का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही, स्व-प्रमाणन (Self-Certification) प्रणाली लागू की गई है।
पहले 105 वर्गमीटर यानी एक हजार स्क्वायर फीट से ज्यादा के प्लाट पर घर बनाने के लिए डिम्ड अनुमति मिलती थी। डीम्ड अनुमति यानी आर्टिकेट ही अपने स्तर पर दस्तावेजों के आधार पर नियमों के तहत अनुमति दे देता था। अब इसका प्लाट साइज का आकार बढ़ा दिया है। अब 105 वर्गमीटर को बढ़ाकर 186 वर्गमीटर कर दिया गया है। यानी अब दो हजार स्क्वायर फीट से ज्यादा का प्लाट है तो डीम्ड मंजूरी लेना होगी।
निवेश और विकास के अवसर
इन नए बदलावों से रियल एस्टेट निवेश में वृद्धि की संभावना है। FAR और TDR में लचीलापन आने से नए डेवलपर्स को अधिक अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही, शहरों में नए वाणिज्यिक और औद्योगिक केंद्रों का विकास होगा।
कानूनी और प्रशासनिक सुधार
नई प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ाई गई है। बिल्डिंग अनुमोदन में देरी रोकने के लिए ‘समयबद्ध अनुमोदन’ प्रणाली लागू की गई है। साथ ही, डेवलपर्स को कानूनी विवादों से बचाने के लिए नियम स्पष्ट किए गए हैं।