लव जिहाद : भोपाल में 3 दिन रही महिला आयोग की टीम, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेजी रिपोर्ट

भोपाल में लव जिहाद केस की जांच रिपोर्ट में बड़ा नेटवर्क, फंडिंग और संस्थानों के दुरुपयोग की आशंका जताई गई, जांच की अनुशंसा की गई है। राष्ट्रीय महिला आयोग की एक उच्चस्तरीय समिति ने तीन दिन तक शहर में रहकर जांच की।

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Reena Sharma Vijayvargiya
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MP News : भोपाल में कॉलेज छात्राओं से जुड़े कथित लव जिहाद (Love Jihad) मामलों की जांच करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की एक उच्चस्तरीय समिति ने तीन दिन तक शहर में रहकर जांच की। 3 से 5 मई 2025 के दौरान टीम ने कई पीड़िताओं, कॉलेज प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से बातचीत की। रिपोर्ट राज्यपाल और मुख्यमंत्री को सौंपी गई है जिसमें कई गंभीर आशंकाएं जताई गई हैं।

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धर्मांतरण के लिए महंगी चीजों का लालच

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि आरोपी युवकों ने सुनियोजित तरीके से कॉलेज छात्राओं को प्रेमजाल में फंसाया। उन्हें महंगे उपहार, बाइक और कपड़ों का लालच दिया गया। इसके बाद उन पर धर्म परिवर्तन के लिए मानसिक दबाव बनाया गया। कई छात्राओं की मानसिक स्थिति खराब पाई गई।

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संगठित फंडिंग और ड्रग्स लिंक की संभावना 

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि जिन आरोपियों की पारिवारिक स्थिति सामान्य है, वे अत्यधिक विलासिता से जी रहे हैं। इससे ड्रग तस्करी या अन्य अवैध फंडिंग नेटवर्क की आशंका को बल मिला है। रिपोर्ट में इस दिशा में गहन जांच की सिफारिश की गई है।

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पुलिस और प्रशासन के लिए सुझाव:-

  • -संगठित अपराध की धाराओं में केस दर्ज हो 
  • -पुलिस को पीडि़त छात्राओं के लिए काउंसलिंग सेंटर स्थापित करने की सलाह दी गई है ताकि Post Traumatic Stress Disorder (PTSD) से बचा जा सके।
  • -जेंडर सेंसिटाइजेशन और कम्युनिकेशन स्किल की ट्रेनिंग अनिवार्य करने की अनुशंसा।
  • -पुलिस को निर्देश दिया गया है कि ऐसे मामलों में संगठित अपराध की धाराओं में केस दर्ज करें।
  • -ड्रग्स और आतंक फंडिंग एंगल की भी जांच हो।
  • -मोहल्ला समितियों के साथ त्रैमासिक बैठकें अनिवार्य की जाएं।

शिक्षा संस्थानों के लिए निर्देश :-

  • -अनुपालन और छात्र रिकॉर्डिंग पर जोर
  • -सभी कॉलेजों में POSH (Prevention of Sexual Harassment)  नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
  • -आंतरिक शिकायत समिति के सदस्यों को प्रशिक्षित किया जाए।
  • -हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी प्रमुखता से प्रदर्शित हों।
  • -जहां छात्रवृत्ति या मुफ्त शिक्षा दी जाती है, वहां छात्रों की उपस्थिति और स्रह्म्शश्चशह्वह्ल का रिकॉर्ड अनिवार्य हो।
  • -सरकारी और निजी संस्थानों को महिलाओं से जुड़ी योजनाओं की राशि का audited utilization report देना होगा।

शिक्षा के नाम पर चल रही दुकानें जांच के दायरे में

महिला आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह चेतावनी दी है कि कुछ संस्थानों ने शिक्षा के नाम पर स्कॉलरशिप योजनाओं, सस्ती दर की जमीनों और सरकारी अनुदानों का दुरुपयोग कर एक तरह का धनार्जन केंद्र बना लिया है। यह भी एक organized scam हो सकता है जिसकी विस्तृत जांच जरूरी है।

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आयोग की मुख्य सिफारिशें :-

  • -पुलिस केस में संगठित अपराध की धाराएं जुड़ें।
  • -ड्रग्स, फंडिंग और धर्मांतरण के नेटवर्क की जांच हो।
  • -कॉलेजों को POSH नियमों पर रिपोर्ट देना अनिवार्य हो।
  • -मुफ्त शिक्षा देने वाले संस्थानों का ऑडिट हो।
  • -मोहल्ला निगरानी समितियां सक्रिय की जाएं।
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