मध्य प्रदेश के 170 कॉलेजों में बंद होगा वाट्सएप! अब इस स्वदेशी एप का होगा उपयोग

मध्य प्रदेश में राजा मानसिंह संगीत एवं कला विश्वविद्यालय और 170 कॉलेजों में वॉट्सएप की जगह स्वदेशी 'अरत्तई' एप का इस्तेमाल शुरू होगा। यह बदलाव केंद्र सरकार के स्वदेशी अपनाने के आह्वान का हिस्सा है, जिसमें डेटा भारत में स्टोर किया जाएगा

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Jitendra Shrivastava
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arattai app

Photograph: (thesootr)

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मध्यप्रदेश| ग्वालियर के राजा मानसिंह संगीत एवं कला विश्वविद्यालय (Raja Mansingh Tomar University) और उसके 170 संबद्ध कॉलेजों में अब वॉट्सएप (WhatsApp) की जगह स्वदेशी एप 'अरत्तई' (Arattai) का इस्तेमाल किया जाएगा। 

यह कदम केंद्र सरकार के स्वदेशी तकनीकों को बढ़ावा देने के आह्वान के तहत उठाया गया है। राजा मानसिंह विश्वविद्यालय के कुलसचिव अरुण चौहान के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया, जो 2021 में जोहो कॉर्पोरेशन द्वारा विकसित किया गया था।

'अरत्तई' एप क्या है?

अरत्तई एप भारतीय मैसेजिंग एप है, जिसे जोहो कॉर्पोरेशन ने 2021 में लॉन्च किया था। अरत्तई एक तमिल शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'बातचीत' या 'गपशप'। यह एप वॉट्सएप के भारतीय विकल्प के रूप में डिजाइन किया गया है, जो अब भारतीय यूजर्स को सुरक्षित और प्राइवेसी-फ्रेंडली विकल्प प्रदान करेगा। इस एप में टेक्स्ट मैसेज, फोटो, वीडियो, दस्तावेज़ शेयरिंग, वॉयस और वीडियो कॉलिंग जैसी सुविधाएं हैं, और इसे एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन द्वारा सुरक्षित किया गया है।

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मुख्य विशेषताएं...

  1. ग्रुप चैट, स्टिकर्स और एन्क्रिप्शन
  2. वॉयस और वीडियो कॉलिंग
  3. दस्तावेज और मीडिया शेयरिंग

डेटा भारत में स्टोर होता है

यह एप भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए एक सुरक्षित, विश्वसनीय और गोपनीय विकल्प के रूप में विकसित किया गया है, जिसमें डेटा केवल भारत में स्टोर किया जाएगा, जिससे प्राइवेसी को अधिक महत्व दिया गया है।

केंद्र सरकार का स्वदेशी आह्वान 

केंद्र सरकार द्वारा स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया गया है, और इसके तहत अब कई सरकारी और शैक्षणिक संस्थान विदेशी एप्स के स्थान पर भारतीय एप्स को प्राथमिकता दे रहे हैं। राजा मानसिंह संगीत एवं कला विश्वविद्यालय और उसके संबद्ध कॉलेजों द्वारा 'अरत्तई' एप को अपनाना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कदम से न केवल भारतीय एप्स को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इसका उद्देश्य युवाओं को स्वदेशी तकनीकों की ओर आकर्षित करना भी है।

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ऐसे होगा 'अरत्तई' एप का उपयोग 

अब विश्वविद्यालय और उसके संबद्ध कॉलेजों में सभी आधिकारिक संचार, दस्तावेजों का आदान-प्रदान, और छात्रों से जुड़ी हर अपडेट केवल 'अरत्तई' एप पर की जाएगी। यह बदलाव अगले सप्ताह से प्रभावी होगा, और वॉट्सएप का उपयोग पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। सभी विभागों और छात्रों के ग्रुप 'अरत्तई' पर बनाए जाएंगे, ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान निर्बाध रूप से किया जा सके।

विभागीय बैठकों, शैक्षिक मार्गदर्शन, और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं के लिए 'अरत्तई' एप का इस्तेमाल होगा। विश्वविद्यालय के प्रबंधन ने साफ किया है कि अन्य एप्स से किसी भी प्रकार के दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान स्वीकार नहीं किया जाएगा, ताकि डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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'अरत्तई' का भारतीय तकनीक में महत्व 

'अरत्तई' एप न केवल एक सुरक्षित और उपयोगकर्ता-मित्रवत विकल्प है, बल्कि यह भारतीय तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का प्रतीक भी है। इसका डेटा भारत में ही स्टोर होता है, जो इसे विदेशी एप्स की तुलना में अधिक भरोसेमंद बनाता है। भारतीय तकनीकी कंपनियों को इस तरह के एप्स के जरिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में अपनी जगह बनाने का अवसर मिलता है, और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'आत्मनिर्भर भारत' योजना को भी प्रोत्साहित करता है।

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स्वदेशी एप्स के लाभ...

  1. डेटा सुरक्षा: डेटा भारत में ही स्टोर होता है, जिससे यूजर्स को अधिक गोपनीयता और सुरक्षा मिलती है।
  2. भरोसा: भारतीय एप्स का विकास भारतीय तकनीकी कंपनियों द्वारा किया गया है, जो स्थानीय बाजार की जरूरतों को समझते हैं।
  3. आत्मनिर्भरता: इससे भारत की तकनीकी स्वावलंबन को बढ़ावा मिलता है और विदेशी तकनीकों पर निर्भरता कम होती है।

FAQ

'अरत्तई' एप क्या है और यह वॉट्सएप से कैसे अलग है?
'अरत्तई' एप एक भारतीय मैसेजिंग एप है जिसे जोहो कॉर्पोरेशन ने 2021 में लॉन्च किया था। यह वॉट्सएप का भारतीय विकल्प है और इसमें एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के साथ सुरक्षित डेटा स्टोरेज की सुविधा है, जो भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक गोपनीयता और सुरक्षा प्रदान करता है।
'अरत्तई' एप का उपयोग क्यों किया जा रहा है?
'अरत्तई' एप का उपयोग भारतीय प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने और स्वदेशी तकनीकों को अपनाने के लिए किया जा रहा है। यह एप वॉट्सएप के स्थान पर उपयोग किया जाएगा और सभी आधिकारिक संचार और दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान इस पर किया जाएगा, क्योंकि इसका डेटा भारत में ही स्टोर होता है।
'अरत्तई' एप को कब से अपनाया जाएगा और इसके क्या लाभ हैं?
'अरत्तई' एप को अगले सप्ताह से अपनाया जाएगा। इसके प्रमुख लाभों में डेटा सुरक्षा, भारतीय तकनीक का समर्थन, और स्वदेशी एप्स का प्रचार शामिल है। यह एप अधिक सुरक्षित, उपयोगकर्ता-मित्रवत और भरोसेमंद है।

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