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आईएएस संतोष वर्मा को कृषि विभाग के उप सचिव के पद से हटा कर जीएडी पूल में भेजा गया है। यह कार्रवाई 11 दिसंबर की रात को हुई थी। इसके बाद भी ब्राह्मण समाज का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है।
शुक्रवार को भोपाल के वल्लभ भवन के बाहर जोरदार विरोध-प्रदर्शन हुआ। ब्राह्मण समाज संयुक्त मोर्चा अभी भी नाराज है। उन्होंने वर्मा को बर्खास्त करने की मांग की है। लोग चाहते हैं कि वर्मा पर कड़ी कार्रवाई हो।
कल सीएम हाउस घेराव की बड़ी तैयारी
विरोध की इस कड़ी में मोर्चा ने एक बड़ा ऐलान किया है। ब्राह्मण समाज 14 दिसंबर यानी कल सीएम मोहन यादव के घर का घेराव करेगा। इस बड़े प्रदर्शन में सिर्फ मध्य प्रदेश नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के ब्राह्मण भी शामिल होंगे।
वर्मा के विवादित बयान पर अब बात सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं रही। अब यह विरोध पूरे देश में फैल चुका है। आंदोलन अब अंतर-राज्यीय बन गया है। संतोष वर्मा ने ब्राह्मणों को लेकर जो बयान दिया था, वही इस पूरे विवाद की वजह है।
ब्राह्मण बेटियों पर की थी विवादित टिप्पणी
वर्मा ने पहले बयान में ब्राह्मण समाज और उनके परिवारों को लेकर विवादित टिप्पणी की थी।
अजाक्स संगठन के प्रांतीय अधिवेशन के दौरान जब संतोष वर्मा को संगठन का नया प्रांताध्यक्ष चुना गया। इसी दौरान संतोष वर्मा ने कहा कि, जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं देता या उससे संबंध नहीं बनता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि समाज में आरक्षण (Reservation ) तब तक रहेगा, जब तक रोटी-बेटी का व्यवहार समान नहीं होता।
दूसरा विवादित बयान- हाईकोर्ट पर आरोप
अजाक्स के ही कार्यक्रम के दौरान वर्मा ने कहा कि एसटी वर्ग के बच्चों को सिविल जज कोई और नहीं, बल्कि हाईकोर्ट नहीं बनने दे रहा है। वर्मा ने आगे कहा कि यह वही हाईकोर्ट है, जिससे हम बाबा साहब के संविधान के हिसाब से चलने की गारंटी मांगते हैं।
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मंत्रालय और एमपी नगर में गूंजा वर्मा के खिलाफ नारा
शुक्रवार को विरोध के दो बड़े ठिकाने थे। दोपहर में, ब्राह्मण समाज संयुक्त मोर्चा से जुड़े संगठन के लोग नारे लगाते हुए सीधे मंत्रालय के गेट पर पहुंचे और वहां वर्मा के खिलाफ प्रदर्शन किया।
उनकी मुख्य मांग बहुत साफ थी। वो चाहते हैं कि वर्मा को सिर्फ पद से हटाया न जाए, बल्कि उन्हें गिरफ्तार किया जाए। सेवा से बर्खास्त भी किया जाए। यानी, प्रदर्शनकारी कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
शाम होते-होते विरोध की लहर भोपाल के व्यावसायिक इलाके एमपी नगर तक पहुंच गई। मोर्चा से जुड़े दूसरे संगठनों ने ज्योति चौराहे पर इकट्ठा होकर जोरदार नारे लगाए। मोर्चा की एक और अहम मांग ये थी कि सरकार आईएएस वर्मा के खिलाफ की गई कार्रवाई से जुड़े सभी दस्तावेज सार्वजनिक करे ताकि सब कुछ पारदर्शी रहे।
बर्खास्तगी का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी
सरकार भी इस बढ़ते गुस्से को गंभीरता से ले रही है। मध्य प्रदेश सरकार ने संतोष वर्मा की बर्खास्तगी के लिए केंद्र सरकार को भेजे जाने वाले प्रस्ताव की तैयारी पूरी कर ली है।
इस प्रस्ताव के पीछे जो आरोप लगाए गए हैं, वो बेहद गंभीर माने जा रहे हैं। इसमें प्रमोशन में फर्जीवाड़ा और IAS चयन के दौरान फर्जी दस्तावेज़ देने जैसे बड़े आरोप शामिल हैं। इन आरोपों के आधार पर ही बर्खास्तगी का प्रस्ताव तैयार किया गया है, और इसे जल्द ही केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को भेजा जाएगा।
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