भोपाल जिले के लोगों को राजस्व के मामले को निपटाने के लिए अब दूर नहीं जाना होगा। भोपाल में पांच नई तहसीलों का गठन किया जाएगा, जिसके बाद तहसीलों के साथ संख्या बढ़कर आठ हो जाएगी। शासन जल्द ही जिला पुनर्गठन के प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगाएगा। इस प्रस्ताव के तहत भोपाल में पांच नई तहसीलें बनाई जाएंगी। मौजूदा तीन तहसीलों के साथ अब इन नई तहसीलों का भी गठन होगा, जिससे भोपाल जिले में कुल आठ तहसीलें होंगी। इससे जिले के निवासियों को उनके क्षेत्र में ही तहसील कार्यालय से संबंधित कार्यों को करवाने में सुविधा मिलेगी।
नए तहसील क्षेत्र और उनके गठन की प्रक्रिया
भोपाल जिले के पुनर्गठन को लेकर जिला प्रशासन द्वारा भेजे प्रस्ताव में शासन की ओर से मांगी गई आपत्तियों पर एसडीएम और तहसीलदार को 15 दिन में जवाब देना है। नीति के तहत भोपाल जिले में पांच नई तहसील बनेगी। भोपाल शहर के उपनगरों को नई तहसील बनाया जाएगा। पांच नई तहसीलें बैरागढ़, कोलार, भेल गोविंदपुरा, पुराना शहर, और नया शहर, नर्मदापुरम रोड बनाई जाएंगी। पांच नई तहसील बनने के बाद जिले में कुल आठ तहसील हो जाएगी।
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शहरी और ग्रामीण का नक्शा होगा अलग
पांच नई तहसीलें क्षेत्रों की दूरी और क्षेत्रफल के अनुसार बनाई जाएंगी, और प्रत्येक क्षेत्र में अलग-अलग नजूल क्षेत्रों की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को स्पष्ट रूप से अलग किया जाएगा और तहसील के कार्यालयों को नगर निगम के वार्ड से भी जोड़ा जाएगा। इस कदम से लोगों के लिए संबंधित राजस्व कार्यों को पूरा करना अधिक सुलभ हो जाएगा। नई तहसीलें बनाए जाने से संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या में भी वृद्धि की जाएगी। शहरी क्षेत्र की तहसीलों में आबादी चार लाख के भीतर निर्धारित की जाएगी, ताकि वहां की व्यवस्था बेहतर हो सके।
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बदलावों की आवश्यकता और उद्देश्य
भोपाल जिले में मौजूदा समय में तीन तहसीलें कोलार, हुजूर, और बैरसिया हैं, लेकिन इनकी कार्यप्रणाली में कई समस्याएं थीं, खासकर क्षेत्रीय स्तर पर। आठ नजूल क्षेत्र में एसडीएम है। कोलार, बैरसिया को छोडकर बाकी में तहसील कार्यालय अन्य क्षेत्रों में हैं। बैरागढ़, हुजूर, ओल्ड सिटी नजूल पुराने शहर में कलेक्ट्रेट में है तो एमपी नगर नजूल कोलार तहसील में है। हुजूर तहसील में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र दोनों का 70 फीसदी हिस्सा आता है, जिससे काम में कठिनाइयां आती हैं।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रमसिंह ने इस पुनर्गठन प्रक्रिया को जिले के विकास और लोगों की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया है। उनका कहना है कि इस नई योजना से सभी को लाभ होगा और लोग अपने नजदीकी क्षेत्र में ही तहसील संबंधी कार्य करवा सकेंगे।
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