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मध्य प्रदेश में अब नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद चुनावों में प्रत्याशियों की व्यक्तिगत जानकारी भी सार्वजनिक की जाएगी। यह कदम लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तरह पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उठाया गया है। इसमें उम्मीदवारों के आपराधिक मामलों, संपत्ति और शिक्षा की जानकारी सामने आएगी। राज्य निर्वाचन आयोग के जरिए हाल ही में किए गए बदलावों के बाद यह जानकारी वेबसाइट पर आसानी से उपलब्ध होगी। इससे आम जनता को अपने वोट का फैसला अधिक जानकारी के साथ करने का मौका मिलेगा।
शपथ-पत्र डिजिटल रूप में सार्वजनिक होना
अब से हर उम्मीदवार को चुनाव में नामांकन करते वक्त जो शपथ-पत्र (affidavit) देना होगा, उसकी डिजिटल कॉपी राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट और संबंधित जिले के वेबपेज पर अपलोड की जाएगी। इससे आम नागरिक आसानी से जान सकेंगे कि उनके क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार किस शिक्षा स्तर का है। क्या उसके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज है? उसकी कुल संपत्ति कितनी है। पहले नगरीय निकाय चुनावों में ये जानकारी सार्वजनिक नहीं होती थी, लेकिन अब इसे सांसद और विधायक चुनावों की तरह पारदर्शी बनाया गया है।
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2027 के चुनाव में सार्वजनिक डेटा
राज्य निर्वाचन आयोग के जरिए इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए गजट नोटिफिकेशन (gazette notification) भी जारी कर दिया गया है। अब मध्य प्रदेश में अगला नगर निकाय चुनाव 2027 में प्रस्तावित है, जब पहली बार सभी उम्मीदवारों का व्यक्तिगत डेटा सार्वजनिक डोमेन में होगा। यह बदलाव मतदाताओं को सोच-समझकर फैसला लेने में मदद करेगा और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा।
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पार्षदों के डेटा की खबर पर एक नजर
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शौचालय की जानकारी भी देनी होगी
इसके साथ ही, उम्मीदवारों को अपने शपथ पत्र में यह भी बताना होगा कि उनके घर में शौचालय (toilet) है या नहीं। यदि शौचालय है, तो क्या वह फ्लश (flush) या जलरहित (waterless) है। अगर शौचालय फ्लश नहीं है, तो उसका पूरा विवरण भी शपथ-पत्र में देना होगा।
मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय संरचना
मध्य प्रदेश में कुल 418 नगरीय निकाय (urban bodies) हैं। इनमें 16 नगर निगम (municipalities), 99 नगर पालिका (municipal councils), 298 नगर परिषद (municipalities), और 5 छावनी परिषद (cantonal boards) शामिल हैं। इन निकायों में कुल 7829 पार्षद (councilors) हैं। हर चुनाव में 70 हजार से 80 हजार उम्मीदवार मैदान में उतरते हैं।