मध्य प्रदेश में वित्त विभाग ने जारी किया बजट आवंटन, खर्च पर नियंत्रण के नए नियम जारी

मध्य प्रदेश में नया वित्तीय वर्ष शुरू होते ही वित्त विभाग ने सरकारी विभागों को बजट आवंटित कर दिया है। हालांकि, खर्च पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और विभागों को वित्त विभाग से अनुमति के बाद ही खर्च करने की छूट मिलेगी।

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Vikram Jain
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BHOPAL. मध्य प्रदेश में नया वित्तीय वर्ष शुरू हो चुका है और वित्त विभाग ने सभी सरकारी विभागों को बजट आवंटित कर दिया है। हालांकि, इस बार खर्च पर सख्त नियंत्रण रखा गया है। विभागों को अब खर्च करने के लिए वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी, खासकर 50 करोड़ से अधिक के बिलों के भुगतान पर रोक लगा दी गई है। इस नई व्यवस्था में सरकार ने कई योजनाओं के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

बजट आवंटन और खर्च पर कड़ी निगरानी

मध्य प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सभी सरकारी विभागों को बजट आवंटित कर दिया है। हालांकि, खर्च पर कड़ी निगरानी रखने के लिए दो श्रेणियां बनाई गई हैं।

  • मुक्त श्रेणी में विभागों को पूरा बजट मिलेगा, जिससे वे बिना किसी रोक-टोक के खर्च कर सकेंगे।
  • अनुमति श्रेणी में विभागों को वित्त विभाग से अनुमति प्राप्त करने के बाद ही खर्च की अनुमति मिलेगी।

50 करोड़ से ज्यादा के बिलों पर रोक

मोहन यादव सरकार ने 50 करोड़ रुपए से अधिक के बिलों के भुगतान पर रोक लगा दी है। अगर कोई विभाग इस सीमा से अधिक का भुगतान करना चाहता है, तो उसे वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी। हालांकि, इस रोक का असर निर्माण कार्य, केंद्र की सहायता से चल रही योजनाओं और केंद्र प्रवर्तित योजनाओं पर नहीं पड़ेगा।

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विभागों को तीन-तीन माह में मिलेगा बजट

विभागों को अपनी निर्धारित बजट राशि तीन-तीन माह के अंतराल में मिलेगी। वित्त विभाग ने सभी विभागों से कहा है कि यदि उन्हें त्रैमासिक व्यय सीमा में कोई संशोधन करना हो तो वे 15 अप्रैल तक प्रस्ताव भेज सकते हैं।

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इन योजनाओं में अनुमति के बाद ही मिलेगी खर्च की छूट

कुछ योजनाओं को इस नए निर्देश से बाहर रखा गया है। इनमें मुख्यमंत्री समृद्ध परिवार योजना, नगरीय क्षेत्रों में मेट्रोपॉलियन प्राधिकरणों का गठन, कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास निर्माण, स्वास्थ्य एवं आंगनबाड़ी सेवाओं के लिए एकीकृत अधोसंरचना, वृंदावन ग्राम योजना, और टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्रों का विकास शामिल हैं। इन योजनाओं के लिए खर्च की अनुमति वित्त विभाग द्वारा विशेष रूप से दी जाएगी।

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5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला 

✅  मध्य प्रदेश सरकार ने नया वित्तीय वर्ष शुरू होते ही सरकारी विभागों को बजट आवंटित किया है।

✅  खर्च पर कड़ी निगरानी रखी गई है और विभागों को वित्त विभाग से अनुमति लेकर ही खर्च करने की छूट मिलेगी।

✅ 50 करोड़ से ज्यादा के बिलों के भुगतान पर रोक लगा दी गई है।

✅ विभागों को त्रैमासिक आधार पर बजट मिलेगा और संशोधन के लिए 15 अप्रैल तक प्रस्ताव भेजे जा सकते हैं।

✅ कुछ योजनाओं को विशेष अनुमति दी गई है, जैसे मुख्यमंत्री समृद्ध परिवार योजना और टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्रों का विकास।

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