एमपी के हर जिला अस्पताल में होंगे मेडिको लीगल विशेषज्ञ, जानें और क्या होगा खास
एमपी सरकार हर जिला अस्पताल में मेडिको लीगल विशेषज्ञ तैनात करेगी। विशेषज्ञ पोस्टमार्टम के साथ कानूनी राय देंगे, जिससे जांच में पारदर्शिता और न्याय में तेजी आएगी।
मध्य प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (IPHS) के अनुरूप बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। हर जिला अस्पताल में अब मेडिको लीगल यानी फोरेंसिक विशेषज्ञ की नियुक्ति की जाएगी। ये विशेषज्ञ न केवल संवेदनशील मामलों में पोस्टमार्टम करेंगे बल्कि मेडिको लीगल ओपिनियन भी देंगे। यह फैसला प्रदेशभर में 46 हजार 491 स्वास्थ्य पदों की भर्ती प्रक्रिया के तहत लिया गया है।
फोरेंसिक विशेषज्ञ की जरूरत क्यों?
अब तक, जटिल मौत के मामलों में सभी दस्तावेज भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज के मेडिको लीगल इंस्टीट्यूट भेजे जाते थे। इससे न केवल देरी होती थी बल्कि संसाधनों पर भी दबाव बनता था।
✅ तेज और सटीक पोस्टमार्टम जटिल मामलों में तत्काल विशेषज्ञ राय मिलने से जांच प्रक्रिया में देरी नहीं होगी।
✅ स्थानीय स्तर पर कानूनी सलाह पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र), सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) और सिविल अस्पतालों में भी केस आने पर जिला विशेषज्ञ से राय मिल सकेगी।
✅ संसाधनों का विस्तार मेडिको लीगल मामलों को देखते हुए जिला अस्पतालों में सुविधाएं और उपकरण भी बढ़ाए जाएंगे, जिससे काम की गुणवत्ता और गति दोनों बढ़ेगी।
✅ न्याय व्यवस्था को सहयोग बेहतर रिपोर्ट्स और फोरेंसिक राय से दोषमुक्ति की बजाय दोषसिद्धि दर में बढ़ोतरी संभव होगी।
कैबिनेट से मंजूरी के बाद मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के माध्यम से इन विशेषज्ञ पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पदों में नियमित, संविदा और आउटसोर्स तीनों प्रकार की नियुक्तियां होंगी।