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मेघालय पुलिस के हनीमून मर्डर मिस्ट्री मामले में एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) टीम की देश भर में तारीफ हो रही है। केस को मेघालय पुलिस ने अपने राज्य के सम्मान के रूप में लिया। पुलिस टीम ने सात दिन तक चुपचाप बिना लाइमलाइट में आए हुए दिन-रात एक करते हुए केस को सुलझाया। वारदात में शामिल सभी आरोपियों को पुलिस ने एक ही रात में पकड़ लिया। उधर राजा के भाई विवेक रघुवंशी ने मेघालय पुलिस से माफी मांगी है।
सोशल मीडिया पर एक मैसेज से घिर गई सोनम
पुलिस की एक टीम ने जब राजा, सोनम के सोशल मीडिया अकाउंट्स को देखा तो चौंक गई। हनीमून कपल रील, फोटो, वीडियो सभी डालते हैं, लेकिन इनके अकाउंट में कोई एक्टिविटी नहीं थी। पहले पुलिस को लगा था कि राजा की हत्या कर हत्यारे सोनम को किडनैप कर ले गए लेकिन जब राजा की बॉडी मिली और नए सिरे से इन अकाउंट्स को देखा तो चौंक गए कि कपल की कोई भी फोटो क्यों नहीं है।
इसी से आशंका हुई कि सोनम और राजा के बीच सबकुछ अच्छा नहीं था। राजा और सोनम का मोबाइल 23 मई की दोपहर एक साथ बंद हुआ। इससे पहले राजा के इंस्टाग्राम अकाउंट से दोपहर सवा दो बजे करीब पोस्ट हुआ, जिसमें लिखा- सात जन्मों का साथ…। पुलिस को शक करने के लिए यह संदेश ही काफी था क्योंकि इसके पहले हनीमून कपल का कोई मैसेज, फोटो नहीं था।
एसपी शिलांग ने की एमपी पुलिस की तारीफ
एसआईटी को लीड कर रहे एसपी ईस्ट खासी हिल्स विवेक स्येम ने मीडिया से कहा कि इस पूरे केस में एमपी पुलिस खासकर इंदौर पुलिस और यूपी पुलिस ने काफी मदद की। यही इस खाकी की खासियत है कि एक कॉप दूसरे कॉप की हर तरह से हर जगह मदद करता है और इसी कारण से हम सभी आरोपियों को तत्काल पकड़ने में कामयाब रहे।
दो आरोपियों राज और विशाल को रविवार रात को इंदौर में पकड़ा, तो एक टीम ने ललितपुर यूपी में जाकर आकाश को पकड़ा और एक टीम ने बीना में जाकर आनंद कुर्मी को पकड़ा। वहीं एक अन्य टीम ने गाजीपुर में जाकर रात को सरेंडर हुई सोनम को रिकवर किया।
एसआईटी ने इस तरह किया काम, ये अधिकारी बने हीरो
इस मामले में मेघालय ने राजा की बॉडी मिलने के बाद इसे कपल मिसिंग केस की जगह मर्डर मिस्ट्री के रूप में जांच तेज कर दी। इसके लिए कठघरे में आ रहे मेघालय राज्य को देखते हुए सीएम और डिप्टी सीएम सभी अलर्ट मोड में आए और एसआईटी बनाई गई। इस पूरी जांच में एसपी विवेक स्येम के साथ ही एसपी सिटी हरबर्ट पिन्यायड करकोंगोर की भूमिका अहम रही और पूरी जांच में हीरो बनकर उभरे।
एसआईटी ने ऐसे पूरा किया ऑपरेशन हनीमून
मेघालय पुलिस ने इसे 'ऑपरेशन हनीमून' नाम दिया था और इसके लिए 5 टीमें बनाई गईं। सभी टीमों ने अलग-अलग जानकारियां जुटाईं। मौके पर 42 सीसीटीवी खंगाले गए, कई मोबाइल के रिकॉर्ड देखे गए। स्कूटी किराए पर देने वालों से लेकर लोकल गाइड तक से जानकारी जुटाई, साइबर टीम ने लॉग डेटा जुटाया और फिर सभी टुकड़ों को एक साथ जोड़ा। एसआईटी में कुल 15 अधिकारी शामिल हुए।
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पहली टीम ने पूरी हत्या को समझा, 23 मई को दोपहर में हत्या हुई और बॉडी दो जून को मिली और वहीं हत्या के समय के दौरान ही सोनम की उसकी सास उमा से 1.43 बजे बात हुई। राजा पर उसने सास से कहा कि वो आगे निकल गए और मैं पीछे छूट गई। वहीं गाइड ने बताया कि राजा के साथ तीन युवक थे जो हिंदीभाषी थे। सोनम ने कहा कि एकादशी व्रत है लेकिन होम स्टे से पता चला कि उस दिन सोनम ने भरपेट भोजन किया।
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सीसीटीवी फुटेज जुटाने की जिम्मेदारी - राजा और सोनम 21 तारीख को शिलांग गए, वहां कमरा लिया, फिर 22 मई को दोनों सोहरा के लिए निकले। नोंग्रियात गांव में लिविंग रूट ब्रिज को देखने के लिए स्कूटी किराए पर ली। रात को होम स्टे में रुके और अगले दिन मावलखियात लौटने के लिए चेक आउट किया। सभी के सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने देखे। इसमें होटल पहुंचने का 14 मिनट का वीडियो आया। इसमें सोनम मोबाइल से संदेश भेजते दिख रही है। यह भी बताया जा रहा है कि एक सीसीटीवी में सोनम हत्या के बाद तीन कातिलों के साथ दिखी।
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एक अन्य टीम ने सोनम और राजा के फोन नंबरों की कॉल डिटेल्स निकालीं। सोनम की कॉल राज कुशवाह से लगातार बात कर रही थी। पहले भी उनके संपर्क रहे हैं। हत्या के बाद 23 मई के बाद सोनम का मोबाइल बंद हो गया था, लेकिन राज कुशवाह का नंबर सक्रिय था। पुलिस ने नंबरों को सर्विलांस पर लिया। एनालिसिस से पता चला कि जिस दिन राजा-सोनम मेघालय आए थे, उसी के आसपास ये नंबर भी सक्रिय हुए थे। सोनम से लगातार मैसेज जा रहे थे।
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एक टीम ने लोकल गाइड, होम स्टे संचालक और स्थानीय लोगों से इनपुट लिए। इसमें किराए से एक्टिवा देने वालों के पास एक हत्यारे का आधार कार्ड मिल गया, वहीं लोकल गाइड ने सीसीटीवी में एक हत्यारे को पहचान लिया जो राजा के साथ चल रहे थे।
5 लाइन में समझें पूरी खबर
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सोनम और राजा के सोशल मीडिया से पुलिस को पहला शक हुआ।
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23 मई को हत्या, 2 जून को बॉडी बरामद हुई।
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एक ही रात में सभी आरोपी पकड़े गए – इंदौर, बीना, ललितपुर, गाजीपुर से।
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5 SIT टीमों ने 42 सीसीटीवी और कॉल डिटेल से केस सुलझाया।
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SP विवेक स्येम और हरबर्ट करकोंगोर बने केस के हीरो।
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