संजय गुप्ता, INDORE. यशवंत क्लब में सौ नए सदस्य बनाने का मामला मैनेजिंग कमेटी की जल्दबाजी से फिर उलझ गया है। फर्म्स एंड सोसायटी ने नए सदस्य बनाने संबंधी संविधान संशोधन को 20 फरवरी से ही मंजूरी दी है, यानी कि इसके पहले की गई 172 सदस्यों के फार्म जमा करने, स्क्रूटनी करने और प्राथमिकता तय करने की पूरी प्रक्रिया जारी हो गई है।
खुद लीगल कमेटी सदस्य बागड़िया ने बताया गलत
यशवंत क्लब की लीगल कमेटी के सदस्य अजय बागड़िया ने इस मामले में कहा कि कायदे से सारी कार्रवाई निरस्त हो चुकी है और पूरी प्रक्रिया फिर से करना होगी, अब कुछ नहीं बचा है, जो संविधान संशोधन के बाद करना था वह कार्रवाई पहले कर ली। अब संशोधन होने के बाद फिर से क्लब को नए सिरे से कार्रवाई करना चाहिए, फिर से फार्म लीजिए। बागड़िया ने कहा कि इस विषय में क्लब मैनेजिंग कमेटी ने लीगल कमेटी के सदस्य होन के बाद भी मुझसे किसी तरह की जानकारी, सलाह नहीं ली और ना ही कोर्ट केस के संबंध में बताया। कमेटी ने बाले-बाले ही यह काम किया है। मामला ईओजीएम तक जाएगा और फिर प्रक्रिया होगी।
पूर्व चेयरमैन भी बोले नए सिरे से प्रक्रिया जरूरी
क्लब के पूर्व चेयरमैन परमजीत सिंह छाबड़ा ने भी कहा कि क्लब को नए सिरे से ही पूरी प्रक्रिया करना होगी। हम सभी चाहते हैं कि नए सौ सदस्य बनें, जिससे क्लब को विकास के लिए पर्याप्त राशि मिले, लेकिन यदि प्रक्रिया सही से नहीं की गई और दोबारा नए सिरे से नहीं हुआ तो मामला फिर लिटिगेशन में उलझेगा, इससे बेहतर है प्रक्रिया को नए सिरे से किया जाए।
फर्म्स एंड सोसायटी ने यह किया आदेश
फर्म्स एंड सोसायटी ने स्पेशल मेंबर कैटेगरी को लेकर यशवंत क्लब के संविधान संशोधन को मंजूरी दे दी है, लेकिन यह मंजूरी आदेश के दिनांक से 20 फरवरी 2023 से दी गई है। यशवंत क्लब की मैनेजिंग कमेटी तो इस तारीख से पहले ही सदस्यता फार्म बांट चुकी, उनके आवेदन की स्क्रूटनी कर चुकी और सदस्यता देने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है।
सदस्यता प्रक्रिया दोबारा नहीं की तो फिर जाएगा कोर्ट में मामला
जानकारों के अनुसार जब संविधान में संशोधन ही बाद में मान्य हुआ तो इसके पहले जो बीते साल सदस्यता को लेकर प्रक्रिया हुई है, उसका कोई औचित्य ही नहीं बनता है। ऐसे में सदस्यता फार्म भरने सहित अन्य प्रक्रिया फिर से करना होगी। हालांकि, क्लब सचिव संजय गोरानी ने फर्म्स एंड सोसायटी के आदेश के बाद क्लब में नोटिस चस्पा कर इसकी जानकारी दी है कि नया संविधान मंजूर हो गया है, लेकिन सदस्यता प्रक्रिया को लेकर कुछ भी नहीं लिखा गया है।
क्यों है विवाद, अभी तक क्या हुआ ?
चेयरमैन टोनी सचदेवा और सचिव संजय गोरानी की मैनेजिंग कमेटी ने क्लब संविधान में संशोधन कर सदस्यता की नई कैटेगरी का प्रस्ताव 29 जून 2023 को एजीएम में और फिर 18 अगस्त 2023 ईओजीएम में पास किया। इसके साथ ही सदस्यता की प्रक्रिया शुरू कर दी। इसमें करीब 182 आवेदन पहुंचे, लेकिन इसमें से करीब दस आवेदन खारिज कर 172 को मंजूर किया गया। इसे लेकर क्लब सदस्य बलमीत सिंह छाबड़ा ने फर्म्स एंड सोसायटी में केस लगा दिया, याचिका में यही था कि बिना संविधान संशोधन मंजूर हुए ही यह प्रक्रिया की जा रही है। जिससे अक्टूबर में सदस्यता प्रक्रिया पर स्टे हो गया। बाद में क्लब हाईकोर्ट गया, जिस पर आदेश हुए कि फर्म्स एंड सोसायटी दो सप्ताह में इस पर फैसला करें।
एक से 172 सदस्यता की प्राथमिकता सूची कैसे तय हुई ?
यशवंत क्लब द्वारा चार साल में कुल सौ नए सदस्यों को सदस्यता दी जाएगी। इसमें हर साल 25 सदस्यों को कमेटी द्वारा चयन किया जाएगा। इसके लिए फार्म भरवाकर पहले ही इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन भी ले लिए और इन्हें क्रम से एक से 172 तक नंबर भी दे दिए। यह फार्म स्क्रूटनी किस तरह से हुई, इसमें सदस्यता की प्राथमिकता एक से 172 तक कैसे तय हुई, इसका खुलासा कभी भी क्लब में किसी सदस्य को नहीं दिया और यही पूरी ट्रांसपेंरेंसी नहीं होने से मामला उलझा हुआ है।
172 सदस्यता के लिए यह है प्रमुख नाम
पहले नंबर पर डॉ. अमित नाहर हैं फिर सर्वेश झंवर, गिराज डागा, निरमित शाह, पराग देसाई, निलेश अग्रवाल, दिशा बक्सी, मेहुल मेहता, सौरभ मेहता, हरपाल उर्फ मोन सिंह भाटिया के साथ ही हितेंद्र मेहता, भरत शाह, सौरभ डाफरिया, अमित लालवानी, अमित वाधवानी, नीलेश काबरा, विवेक दम्मामनी, चिराग गर्ग, शांतनु सिंह ठाकुर, अक्षत चेलावत, गौरव चावला, अजय देसाईष कबीर चुग, संजय दासौद, गोपाल गोयल, नीलेश पोरवाल, दीपक जैन, नीतेश चुग, पराक्रम सिंह चंद्रावत आदि शामिल हैं।