BHOPAL. मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 5 दिन में ही खत्म हो गया। मानसून सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दी गई है। 1 जून से शुरू हुआ मानसून सत्र 19 जुलाई तक चलना था।
3 लाख 65 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट पेश
इससे पहले मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने 3 जुलाई को अपना पहला पूर्ण बजट पेश किया। जिस पर दो दिन चली चर्चा के बाद बजट पारित हो गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने प्रदेश के विकास के लिए 3 लाख 65 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट पेश किया था। जिसे सदन में पास कर दिया गया है। साथ ही सरकार ने 4 विधेयक भी पारित किए। बजट पेश होने के बाद से ही विपक्ष सरकार पर हमलावर रहा। कांग्रेस ने बजट को जनविरोधी बताया है। इस पर सत्ता पक्ष का कहना है कि यह बजट प्रदेश के विकास को गति देगा।
पांचवें दिन 5 विधेयक पारित
मानसून सत्र के पांचवें दिन 5 विधेयक पारित किए गए। मप्र गौवंश वध प्रतिषेध संशोधन विधेयक सदन में पारित हो गया है। अब अवैध गौवंश परिवहन पर सख्त कार्रवाई होगी। इसी तरह मध्य प्रदेश माल और सेवा कर संशोधन विधेयक भी पारित किया गया है। मध्य प्रदेश में खुले नलकूप ट्यूबवेल में मानव के गिरने से होने वाले हादसों की रोकथाम एवं संशोधन विधेयक 2024 पारित हुआ है।
शुक्रवार को सदन में क्या हुआ...
शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के विनियोग विधेयक को पारित करने के प्रस्ताव पर बोलना शुरू किया। इस पर विपक्ष ने डिवीजन की मांग की। इसे स्वीकार नहीं किया गया। विपक्ष का कहना था कि डिवीजन मांगना विपक्ष का अधिकार है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आपने समय से डिवीजन नहीं मांगा। इसके बाद विनयोग विधेयक पारित कर दिया गया। साथ ही विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
विपक्ष के विधायकों को नहीं मिला बोलने का मौका
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि विपक्ष पर हंगामा कर सदन नहीं चलने देने के आरोप लगाए जाते हैं। विपक्ष ने इस बार सदन में हंगामा किया, लेकिन सदन चलने में असहयोग नहीं किया। इसके बाद भी विधायकों को बोलने का मौका नहीं मिला।
ये खबर भी पढ़ें... लोकसभा चुनाव के नतीजों ने लगाई नितिन नबीन के नाम पर मुहर, फिर बने छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रभारी