एमपी में एसआईआर की शुरुआत होते ही अधिकारी बर्खास्त, कलेक्टर ने इसलिए लिया एक्शन

भोपाल जिले में 4 नवंबर को गहन मतदाता सूची‑सर्वे (SIR) अभियान शुरू हुआ। वहीं, यह पहले दिन ही लापरवाही के कारण सुर्खियों में आ गया। कुछ बीएलओ घर‑घर सर्वे में नहीं पहुंचे।

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Amresh Kushwaha
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BHOPAL.मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार, 4 नवंबर से वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की शुरुआत हुई। वहीं, पहले ही दिन एसआईआर सर्वे में बड़ी लापरवाही सामने आ गई। वोटर्स तक फॉर्म पहुंचाने की जिम्मेदारी जिन बीएलओ की थी, उनमें से कुछ मौके से नदारद रहे।

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस लापरवाही पर तुरंत एक्शन लिया। साथ ही, सहायक ग्रेड-3 प्रशांत दुबे को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। दुबे की ड्यूटी गोविंदपुरा विधानसभा के बूथ नंबर-150 पर थी, लेकिन वे वहां नहीं पहुंचे। प्रशासन ऐसे अन्य कर्मचारियों की भी सूची बना रहा है, जिन पर जल्द कार्रवाई हो सकती है।

2029 BLO और 250 सुपरवाइजर कर रहे काम

इस सर्वे के लिए भोपाल जिले में 2029 बीएलओ और 250 सुपरवाइजर तैनात किए गए हैं। हर बीएलओ को एक महीने तक क्षेत्र में तीन बार जाना होगा।

वे वोटर्स को दो प्रतियों वाला एनरोलमेंट सीट देंगे। एक वोटर के पास रहेगा और दूसरी बीएलओ के पास जमा होगी।

भोपाल जिले में कुल 21 लाख वोटर्स हैं और ये अभियान उन्हें सीधे जोड़ने के लिए चलाया जा रहा है।

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केवल एनरोलमेंट सीट से होगा सत्यापन

भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने साफ कहा कि मतदाताओं से कोई भी दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे। सिर्फ गणना पत्रक (Enumeration Sheet) में दी गई जानकारी के आधार पर ही सत्यापन (Verification) होगा।

यदि कोई व्यक्ति मृत हो चुका है, बाहर शिफ्ट हुआ है या किसी अन्य राज्य में नाम दर्ज है, तो उसकी जानकारी एसडीएम के पास भेजी जाएगी और वे जरूरी दस्तावेज मांग सकते हैं।

एमपी में एसआईआर वाली खबर को एक नजर में समझें...

  • भोपाल में वोटर लिस्ट सर्वे शुरू: 4 नवंबर से एसआईआर (SIR) सर्वे की शुरुआत, पहले ही दिन बीएलओ की लापरवाही सामने आई।

  • कर्मचारी पर कार्रवाई: ड्यूटी से गैरहाजिर रहने पर सहायक ग्रेड-3 प्रशांत दुबे को बर्खास्त किया गया, अन्य लापरवाह कर्मचारियों की सूची भी तैयार।

  • सर्वे की प्रक्रिया: 2029 बीएलओ और 250 सुपरवाइजर तैनात, बीएलओ तीन बार क्षेत्र में जाकर वोटर्स से एनरोलमेंट सीट भरवाएंगे।

  • दस्तावेज नहीं, सिर्फ एनरोलमेंट सीट से सत्यापन: मृत, बाहर शिफ्ट हुए या दोहरी एंट्री वाले वोटर्स की सूचना एसडीएम को भेजी जाएगी।

  • 2003 के बाद सबसे बड़ा सर्वे: 2003 की वोटर लिस्ट से मिलान किया जाएगा, परिवार में किसका नाम तब था, यह बताना जरूरी होगा।

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2003 के बाद पहली बार इतना बड़ा वोटर सर्वे

इस बार का सर्वे इसलिए भी खास है क्योंकि 2003 के बाद पहली बार वोटर लिस्ट को लेकर इतना बड़ा डोर-टू-डोर अभियान चलाया जा रहा है। इसमें यह जांच होगी कि क्या 2003 की वोटर लिस्ट में किसी परिवार का नाम था या नहीं।

जो मतदाता वर्तमान में लिस्ट में हैं लेकिन 2003 की सूची में नहीं थे, उन्हें बताना होगा कि उस समय उनके परिवार में किसका नाम दर्ज था। जानकारी सही पाए जाने पर ही नाम को सूची में शामिल किया जाएगा।

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कलेक्टर और अफसर भी उतरे मैदान में

कलेक्टर खुद मंगलवार को हुजूर विधानसभा के कई बूथों पर पहुंचे। साथ ही, मतदाताओं को फॉर्म देकर भरवाए। बुधवार, 4 नवंबर को भी यह काम जारी रहेगा। उप जिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता ने बताया कि पहले 5-6 दिन फॉर्म बांटे जाएंगे, फिर उन्हें कलेक्ट किया जाएगा। एक अलग टीम भी इस काम में लगी है।

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ऐसे देखें 2003 की वोटर लिस्ट

2003 की वोटर लिस्ट देखने के लिए https://voters.eci.gov.in वेबसाइट पर जाकर SIR विकल्प चुनें। फिर राज्य और विधानसभा का चयन करें। इसके बाद अपने पोलिंग बूथ या मोहल्ले के आधार पर नाम सर्च कर सकते हैं। यहां 2003 और वर्तमान दोनों सूचियां उपलब्ध हैं।

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