1 नवंबर से पहले एक बार फिर 5200 करोड़ का कर्ज लेगी एमपी सरकार

मध्य प्रदेश सरकार एक नवंबर से पहले 5200 करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। इससे चालू वित्त वर्ष का कुल कर्ज 42600 करोड़ हो जाएगा। इस कर्ज का उपयोग राज्य की परियोजनाओं और योजनाओं के भुगतान के लिए किया जाएगा।

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Amresh Kushwaha
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मध्य प्रदेश सरकार ने एक बार फिर 5200 करोड़ रुपए का कर्ज लेने का फैसला किया है, जो 1 नवंबर से पहले लिया जाएगा। यह कर्ज राज्य की विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने और सरकारी कार्यों के लिए लिया जाएगा।

दो किश्तों एमपी सरकार कर्ज लेगी

एमपी सरकार के जरिए लिया जा रहा कर्ज दो किश्तों में होगा। पहली किश्त 2700 करोड़ रुपए की होगी, जोकि मंगलवार, 28 अक्टूबर को लिया जाएगा। वहीं, दूसरी किश्त 2500 करोड़ रुपए की होगी। यह 29 अक्टूबर को लिया जाएगा।

यह कर्ज चालू वित्त वर्ष के 20वें और 21वें कर्ज के रूप में लिया जाएगा। 2700 करोड़ रुपए का कर्ज 21 साल के लिए होगा, जिसे अक्टूबर 2046 तक ब्याज के रूप में चुकाना होगा।

वहीं, 2500 करोड़ रुपए का कर्ज 22 साल के लिए होगा, जिसका भुगतान अक्टूबर 2047 तक किया जाएगा। इस कर्ज के बाद एमपी पर कर्ज चालू वित्त वर्ष में 42 हजार 600 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।

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सरकार ने बताया कर्ज लेने का उद्देश्य

सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कर्ज केंद्रीय सरकार के जरिए आरबीआई (RBI) के माध्यम से मंजूर की गई योजनाओं के लिए लिया जा रहा है। यह योजनाएं उत्पादक योजनाओं के तहत सिंचाई, पावर प्रोजेक्ट्स और कम्युनिटी डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में लागू की जाएंगी। इन योजनाओं का उद्देश्य राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारना और बुनियादी ढांचे का विस्तार करना है।

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एमपी सरकार के कर्ज लेने की सूची पर एक नजर

मध्यप्रदेश सरकार ने इस वित्त वर्ष में कई कर्ज लिए हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण कर्जों का उल्लेख किया गया है-

  • 30 सितंबर को 1500-1500 करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए गए थे।

  • 9 सितंबर को तीन कर्ज लिए गए थे, जिनकी कुल राशि 4000 करोड़ रुपए थी।

  • 1 अक्टूबर को 3000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया था।

  • 5 अगस्त को 4000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया था।

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सरकार पहले भी कई बार ले चुकी कर्ज

इससे पहले, मध्य प्रदेश सरकार ने 1 अक्टूबर को 3000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इससे पहले सितंबर महीने में भी कई कर्ज लिए गए थे। 30 सितंबर को 1500-1500 करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए गए थे, जिनकी अवधि 20 और 23 साल थी।

वहीं, 9 सितंबर को तीन कर्ज लिए गए थे, जिनकी राशि 1500 करोड़ रुपए से लेकर 4000 करोड़ रुपए तक थी। इन कर्जों के बाद, राज्य सरकार पर कुल कर्ज की राशि 4 लाख 64 हजार 340 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगी।

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कर्ज लेने की सीमा और सरकार का रेवेन्यू

मध्य प्रदेश सरकार ने यह भी बताया कि कर्ज लेने की सीमा का उल्लंघन नहीं किया गया है। वित्त वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार का रेवेन्यू सरप्लस (Revenue Surplus) 12487.78 करोड़ रुपए था।

इसमें कुल आय 2 लाख 34 हजार 26.05 करोड़ रुपए थी, जबकि खर्च 2 लाख 21 हजार 538.27 करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार की अनुमानित आय 2 लाख 62 हजार 9.01 करोड़ रुपए और खर्च 2 लाख 60 हजार 983.10 करोड़ रुपए रहेगा।

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