लीगल है तो ठीक, वर्ना टूटकर रहेगी आपकी कॉलोनी, जानें भवन अनुज्ञा शाखा का गड़बड़झाला

शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को सुविधा देने के लिए उन्हें वैध करने की घोषणा की थी। हालांकि नई सरकार के मुखिया डॉ. मोहन यादव ने किसी भी अवैध कॉलोनी को वैध करने से इनकार कर दिया है। 

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Sanjay Sharma
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अवैध कॉलोनी
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  • सरकार की मंशा के विपरीत 338 से ज्यादा कॉलोनियों को किया गया वैध
  • भोपाल सहित महानगरों की भवन अनुज्ञा शाखा में जारी है गड़बड़झाला 

अपने फायदे के लिए नियमों की परवाह न करने वाले कॉलोनाइजर एक बार फिर अवैध कॉलोनियों को वैध करने की जुगाड़ में लग गए हैं। पूर्व सीएम शिवराज सिंह द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की गई थी। जिसे हाल ही में सीएम डॉ. मोहन यादव की सरकार द्वारा पलट दिया गया है। 

सरकार अवैध कॉलोनी काटने वाले कॉलोनाइजरों पर अपराध दर्ज करने की घोषणा भी कर चुकी है। कॉलोनाइजर कार्रवाई से बचने रेरा, टीएंडसीपी और नगरीय निकायों के नियमों के विरुद्ध काटी गई कॉलोनियों को वैध कराने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार चेतावनी के बाद भी बीते दो माह में नगरीय निकाय प्रदेश में 338 कॉलोनियों को वैध कर चुके हैं।

ऐसे हैं नगरीय निकाय सीधे तौर पर सरकार के निर्णय की अनदेखी करते नजर आ रहे हैं।  हांलाकि सीएम डॉ.मोहन यादव और नगरीय विकास मंत्री अवैध कॉलोनियों पर अपनी मंशा साफ कर चुके हैं। 

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को सुविधा देने उन्हें वैध करने की घोषणा की थी। इससे अपने मुनाफे के लिए लोगों को मूलभूत सुविधाओं का झांसा देकर कॉलोनी काटने वाले कॉलोनाइजर बेफिक्र हो गए थे। हांलाकि नई सरकार के मुखिया डॉ.मोहन यादव ने किसी भी अवैध कॉलोनी को वैध करने से इनकार कर दिया है।

नगरीय विकास मंत्री भी अवैध कॉलोनियों के जाल के पीछे नैक्सस फैला होने की बात कह चुके हैं। उन्होंने तो ऐसे कॉलोनाइजरों पर रासुका लगाने की भी चेतावनी दी है। इससे जहां प्रदेश में अवैध कॉलोनी काटकर हजारों प्लॉट और भवन बेंच चुके कॉलोनाइजरों में खलबली है। इस बीच राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के बड़े शहरों में नियमों के झोल के सहारे कॉलोनियों को अनुमति देने के मामले सामने आए हैं।

नगरीय प्रशासन विभाग को भी अनुमति हासिल करने वाली ऐसी  338 से ज्यादा अवैध कॉलोनियों की भनक लग गई है। सरकार के तेवरों को देखते हुए अफसर अब इन कॉलोनियों को साल 2016 से पहले की बता कर अपने बचाव में जुट गए हैं। ये सभी वे कॉलोनियां हैं जिन्हें अवैध चिन्हित कर कॉलोनाइजरों पर अपराध दर्ज कराया जाना था 

कार्रवाई में देरी से फैल रहा मकड़जाल 

कॉलोनियों को वैध कराने की जुगाड़ में लगे कॉलोनाइजरों के सक्रिय होने की भनक के बाद सरकार सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रही है। अब एक बार फिर नगरीय निकायों को ऐसी अवैध कॉलोनियों को चिन्हित करने के आदेश दिए गए हैं। इन कॉलोनियों को बसाने वाले कॉलोनाइजरों पर भी कार्रवाई तय की जा रही है। पिछली बार भी सरकार ने अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन अफसरों के गठजोड के सहारे कॉलोनाइजर बचकर निकल गए थे।

वहीं सीएम डॉ.मोहन यादव और नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की घोषणा के बावजूद बीते पांच महीनों में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, उज्जैन सहित अन्य जिलों में 600 से ज्यादा अवैध कॉलोनी बनने की जानकारी सामने आई है। इनमें से करीब 180 कॉलोनियां राजधानी भोपाल में ही काटी जा रही हैं। इन कॉलोनियों में बिना डायवर्सन, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से नक्शा पास और नगर निगम से अनुमति लिए बिना ही काटकर प्लॉट बेंचे जा रहे हैं।  

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मंत्री के सुर में सुर पर कार्रवाई का क्या 

भोपाल ही नहीं पूरे प्रदेश में अब भी शहरी क्षेत्रों में अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। सीएम से लेकर नगरीय विकास मंत्री अवैध कॉलोनी ध्वस्त करने और कॉलोनाइजरों पर रासुका लगाने की चेतावनी दे रहे हैं। अफसर भी अवैध कॉलोनियों पर रोक लगाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन हकीकत किसी से छिपी नहीं है। यानी नगरीय निकाय से लेकर जिला प्रशासन तक अधिकारियों की ढील ही कॉलोनाइजरों का सहारा बनी हुई है।

बीते साल भोपाल में प्रशासन ने 576 अवैध कॉलोनियां चिन्हित की गई थी। पूर्व सीएम की घोषणा के बाद सवा तीन सौ कॉलोनियों को वैध किया जा चुका है। ऐसे में बाकी ढाई सौ कॉलोनियों का क्या हुआ, इसके बाद कितनी नई अवैध कॉलोनियां काटी गईं और उनमें से कितने कॉलोनाइजरों पर कार्रवाई हुई इसका जवाब नगर निगम के अफसर भी नहीं दे पा रहे हैं। 

शहरी सीमा पर अवैध कॉलोनियों की बाढ़

शहरों के अवैध कॉलोनियां कितनी तेजी से बढ़ रही हैं। इसे किसी भी छोटे- बड़े शहर की स्थिति से समझा जा सकता है। भोपाल की बाहरी सीमा पर स्थित नीलबड़, कलखेड़ा, करोंद, कोलार, बैरागढ़, भौंरी के साथ ही नरसिंहगढ़, विदिशा, रायसेन और बैरसिया रोड पर सबसे तेजी से अवैध कॉलोनियों का मकड़जाल फैल रहा है। ऐसी करीब 150 अवैध कॉलोनियां प्रशासन ने चिन्हित भी कर रखी हैं लेकिन प्रस्तावित कार्रवाई कॉलोनाइजरों को नोटिस जारी करने के साथ फाइल में ही दबकर रह गई है।

कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने शहरी सीमा से बाहर ग्रामीण क्षेत्र में काटी गई कॉलोनियां चिन्हित करने राजस्व अधिकारियों को भी निर्देशित किया है। वहीं बीते साल कोलार के कान्हासैया में 4, पिपलिया बेरखेड़ी की 2, थुआखेड़ा की 3, कालापानी की 2, कोटरा, सुरैया नगर, पचामा, अमरावद खुर्द, शोभापुरा जहेज और खंडाबड़ की 1-1 कॉलोनियां। हुजूर की छावनी पठार की 7 और कोलुआखुर्द व सेवनिया ओंकार की एक-एक कॉलोनी को नोटिस भेजा जा चुका है।

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