INDORE. इंदौर नगर निगम के फर्जी बिल घोटाले के बाद अब एमआईसी (मेयर इन काउंसिल) मेंबर की हरकतें ज्यादा चर्चा में हैं। हालत यह है कि जनता की नजरों में हीरो बननने के लिए पार्षद और एमआईसी मेंबर मनीष मामा और जीतू यादव ने पूरी फिल्मी स्क्रिप्ट ही रच डाली और खुद एक वीडियो बनवाया और वायरल करवा दिया। बैठक में हुए हंगामे के बाद इंजीनियर गुप्ता को निगम से रिलीव कर दिया गया है।
क्या हुआ एमआईसी में...
एमआईसी की शुक्रवार दोपहर में बैठक हुई। इस बैठक के कुछ देर बाद 30 सेकंड का एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें मनीष मामा और जीतू यादव दोनों नाराज हो रहे हैं अपनी कुर्सी से खड़े होकर बोलते हैं कि यह इंजीनियर सुनील गुप्ता बैठक में क्या कर रहे हैं? हमेशा ठेकेदारों का पक्ष लेते हैं और कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। इन्हें बैठक के पहले बाहर करना पड़ेगा। हमारा नाम खराब होता है। इन्हें तो बाहर करना होगा। हर बार यह आ जाते हैं। सभी ठेकेदारों की बचत कर रहे हैं यह। अभी भी उनका वही चल रहा है।
अब किसने किया वीडियो वायरल
यह वीडियो वायरल किया है रवि झावड़े नाम के मस्टरकर्मी ने। यह मनीष मामा के कार्यालय में अटैच है। सूत्रों के अनुसार इस वीडियो के वायरल होने के बाद इसे लेकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त शिवम वर्मा की आपत्ति आई की बैठक के अंदर का वीडियो कैसे बन गया और वायरल हो गया। जिस एंगल से वीडियो बना था उस कमरे के अन्य फुटेज देखे गए तो रवि झावड़े दिख गया। बताया जा रहा है कि इससे जब पूछा गया ऐसा क्यों किया गया, वह तैश में आकर मनीष मामा का रूआब दिखाने लगा कि हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता है। इसके बाद बात उच्च स्तर पर गई है और सचिव को निर्देशित किया गया है कि इसमें मामले में एक्शन लें।
जीतू, मनीष, राजेंद्र, पहाडिया यह चारों एमआईसी मेंबर इन विवादों में आए
जीतू यादव : जनहित पार्टी आरएसएस के पूर्व प्रचारकों ने बनाई है। इस पार्टी के सदस्यों ने रहवासियों की बैठक ली थी जिस से नाराज होकर जीतू यादव के समर्थकों ने बैठक में पहुंचकर हंगामा किया और धमकाया था। कट्टा तक निकाला गया। इसकी शिकायत पुलिस आयुक्त हो चुकी है।
नंदू पहाडिया : इनके रिश्तेदार प्रकाश पहाडिया ने विधायक महेंद्र हार्डिया के कई करीबियों को ही करोड़ों का चूना लगा दिया है, और चार सौ बीसी की गई। जब इनसे राशि मांग रहे है तो वह यह नंदू पहाडिया के नाम से धमकी दे रहे हैं। इसकी शिकायत भी थाने पर हो गई है।
राजेंद्र राठौर : यह भी पुराने निगम सभापति और अभी एमआईसी मेंबर हैं। इनके नाम से सहायक बिल कलेक्टर ने राजस्व विभाग में जमकर हंगामा किया और कपड़े उतार कर प्रदर्शन किया।
मनीष मामा : इनका नाम महापौर परिषद के अंदर का वीडियो बनवाकर वायरल करने के मामले में सामने आया है।
कौन है सुनील गुप्ता जिन्हें बाहर किया गया
सुनील गुप्ता ड्रेनेज विभाग में इंजीनियर हैं। इन्हीं के जरिए निगम ने फर्जी बिल घोटाले में एफआईआर कराई है। इनकी ही कार से फाइल चोरी हुई थी। वहीं मास्टर माइंड माने जा रहे इंजीनियर अभय राठौर ने इस घोटाले का मास्टरमाइंड सुनील गुप्ता को बताया है और कोर्ट में कहा है कि थाना प्रभारी विजय सिंह सिसौदिया और सुनील गुप्ता के घनिष्ठ संबंध है, इसलिए यह मामला उन पर बनाकर केस दर्ज कराया गया है। राठौर की पत्नी ने जिला कोर्ट में परिवाद लगाया है तो साथ ही हाईकोर्ट में भी याचिका दायर कर दी है। जिसमें सिसौदिया और गुप्ता पर सांठगांठ के आरोप लगाए हैं।
मामले में बोले महापौर
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि गुप्ता का नाम भ्रष्टाचार में बार-बार आया है। उनकी कार से फाइल चोरी हुई है। मैंने ही उनका बोलकर ट्रांसफर कराया था। मैंने ही आदेश दिए थे कि ट्रांसफर होने के बाद भी उन्हें रिलीव नहीं किया गया है। एमआईसी में भी यह फैसला हुआ कि उन्हें रिलीव करने का आदेश दिया जाता है। उन दोनों सदस्यों (मनीष मामा और जीतू यादव) का भी यही कहना था कि जिस अधिकारी का नाम भ्रष्टाचार में बार-बार आ रहा है, वह बैठक में क्या कर रहा है? इसलिए गुप्ता को बाहर जाने के लिए कहा गया और जिसने वीडियो बनाया उसे नौकरी से बाहर कर रहे हैं।
मेयर इन काउंसिल में यह हुए फैसले
- भ्रष्टाचार न हो इसके लिए 1 जनवरी से नगर निगम का डिजिटल पोर्टल शुरू किया जाएगा।
- एमआर-3 रोड अब निगम नहीं आईडीए बनाएगा।
- मास्टर प्लान की 23 महत्वपूर्ण सड़कों को लेकर कंसल्टेंट नियुक्त करने और चार क्लस्टर में करने की अनुमति दी गई है।
बायपास का सर्विस लेन दो की बजाय फोर लेन किया जाएगा। इसका लैंड यूज चेंज करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है। - अभी निगम द्वारा 51 लाख पौध रोपण मिशन में 15 लाख पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए 11 जेसीबी और 11 डंपर खरीदने का प्रस्ताव पारित किया गया है।
- रेवेन्यू के लिहाज से जेंट्री, फूट ओवर ब्रिज उनके टेंडर भी जारी करने की स्वीकृति दी गई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में जितनी भी रजिस्ट्रियां आचार संहिता के कारण रुकी थी, उन्हें भी मंजूरी दी गई है। - इंदौर की सराफा चौपाटी को लेकर परम्परा भी बनी रहे और सुरक्षा भी रहे, इसके लिए मार्केट डिपार्टमेंट को एक एसओपी तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। वह सुंदर कैसे दिखे, सुरक्षा कैसी हो और दुकानें सुचारू चलती रहे, इसका प्रस्ताव बनाकर एमआईसी में रखा जाएगा। इसमें तय होगा कि यहां कितनी दुकानें रहना चाहिए।
- गांधी हॉल के मेंटेनेंस के लिए भी चर्चा हुई है। वहां यहां कार्यक्रम हो, इसके लिए प्रस्ताव बनाने को कहा गया है।
पोर्टल हैंग कर मांगी जा रही थी फिरौती
मप्र सरकार के निगम पालिका के पोर्टल को लेकर मेयर ने खुलासा किया कि उस पर रैंडसम अटैक हुआ। कुछ लोगों ने उसे हैक कर लिया। फिर उसे रिलीज करने के एवज में रैंडसम (फिरौती) मांग रहे थे। इसमें सरकार के अच्छे सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स सहित टीम ने लगातार प्रयास कर लगभग पूरा डाटा रिकवर कर लिया। अब 2022-23 तक का डाटा पोर्टल पर दिख रहा है। पिछले साल जिन लोगों ने पेमेंट दिया था वह अभी ड्यूज में दिखा रहा है। जिन लोगों के पास रसीदे हैं, उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। रिबेट की समय सीमा भी बढ़ाई जाएगी।
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