एमपी में मौसम का तगड़ा पलटाव, कई जिलों में 150% तक बारिश का अनुमान!!
इस बार मध्यप्रदेश में मानसून का मौसम खुशकिस्मत रहने की उम्मीद है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुमान के अनुसार, राज्य में औसत से ज्यादा, लगभग 104 से 106 प्रतिशत बारिश होने की संभावना जताई जा रही है, यानी करीब 38 से 39 इंच वर्षा हो सकती है।
MP News : इस बार मध्यप्रदेश में मानसून मेहरबान रहने वाला है। भारतीय मौसम विभाग (imd) के अनुमान के मुताबिक, राज्य में औसत से अधिक, करीब 104 से 106 प्रतिशत बारिश हो सकती है — यानी लगभग 38 से 39 इंच पानी गिरने की संभावना है।
सबसे ज्यादा बारिश जबलपुर और शहडोल संभाग में होने की उम्मीद है। वहीं भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल संभाग में भी अच्छी बारिश के चलते पूरे "कोटे" की पूर्ति हो सकती है।
गौरतलब है कि साल 2023 में प्रदेश के 25 से अधिक जिलों में औसत से कम बारिश दर्ज की गई थी। हालांकि, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर समेत 44 जिलों में अनुमान से अधिक पानी गिरा, जिसका असर फसलों पर साफ नजर आया। खासतौर पर सोयाबीन की पैदावार में प्रति हेक्टेयर दो क्विंटल तक की बढ़त देखने को मिली थी। साथ ही गेहूं और चने की फसल के लिए भी पर्याप्त नमी मिली थी।
मंगलवार को भारतीय मौसम विभाग ने आगामी मानसून को लेकर ताज़ा पूर्वानुमान जारी किया। रिपोर्ट के अनुसार, जून से सितंबर के बीच देश में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। भोपाल में मौसम विज्ञानी वीएस यादव ने बताया कि इस बार भी अच्छी बारिश की उम्मीद है, जो कि औसतन 106 प्रतिशत तक हो सकती है।
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किन इलाकों में होगी अच्छी बारिश?
मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में औसत से ज्यादा बारिश हो सकती है। खासतौर पर जबलपुर और शहडोल संभाग में सबसे ज्यादा वर्षा की संभावना जताई गई है। इसके अलावा भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर, चंबल, सागर और रीवा संभाग के जिलों में भी अच्छी बारिश के आसार हैं — यह आंकड़ा करीब 100 फीसदी तक पहुंच सकता है। वहीं, उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे कुछ जिलों में सामान्य बारिश होने की उम्मीद जताई गई है। इसके अलावा कई जिलों में 125% से 150% तक बारिश का अनुमान है।
पिछले दस वर्षों के बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2017 सबसे सूखा साल रहा, जब प्रदेश में औसतन केवल 29.9 इंच बारिश दर्ज की गई। जबकि प्रदेश की सामान्य औसत वर्षा 37.3 इंच मानी जाती है। इसके मुकाबले 2015 में 32.4 इंच और 2018 में 34.3 इंच बारिश दर्ज की गई थी।
वहीं, 2019 में रिकॉर्डतोड़ 53 इंच वर्षा हुई, जो इस अवधि की सबसे अधिक रही। 2021 और 2023 में बारिश थोड़ी कम जरूर रही, लेकिन सामान्य के आसपास रही। इन आंकड़ों से साफ है कि पिछले छह वर्षों से प्रदेश में संतोषजनक बारिश हो रही है। यदि इस साल मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही साबित होता है, तो लगातार सातवें साल प्रदेश में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की जाएगी।