/sootr/media/media_files/2025/12/15/rojgaar-2025-12-15-15-53-58.jpg)
मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार युवाओं के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। इनका मुख्य उद्देश्य युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार देना है। हालांकि, अप्रैल से अक्टूबर 2025 तक के ताजा आंकड़े चौंकाने वाले हैं। MP के कुल 55 जिलों में से 51 जिले अपने निर्धारित लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए हैं। यह लगभग 93 प्रतिशत जिलों का पिछड़ापन दिखाता है।
इन 5 पॉइंट्स से समझें पूरा मामला
| |
प्रदेश के बड़े और घनी आबादी वाले जिले भी सूची में
मध्य प्रदेश के बड़े जिले भी इस समस्या से अछूते नहीं हैं। इंदौर, भोपाल, जबलपुर, रीवा और सतना जैसे जिले भी पीछे चल रहे हैं। यह स्थिति बताती है कि योजनाओं का लाभ ठीक से युवाओं तक नहीं पहुंच रहा। गुना जिला रोजगार अधिकारी बी.एस. मीना के अनुसार, बैंक से ऋण न मिलना भी एक बड़ी वजह है। सरकार अब वित्तीय वर्ष के अंत तक लक्ष्य पूरे करने पर जोर देगी। एमपी में रोजगार के आंकड़े हर के एक को चौका रहे हैं।
ये खबरें भी पढ़ें...
भाजपा का समन्वय भोज फार्मूला, पर क्या इससे खत्म होगी पार्टी की गुटबाजी?
जबलपुर जिला अस्पताल में मरीज के बेड पर घूम रहे चूहे, वायरल वीडियो ने खोली पोल
एमपी में रोजगार लक्ष्य पूरा न कर पाने वाले टॉप 10 पिछड़े जिले (अधूरी रिक्तियां)
| क्रमांक (S. No.) | जिला (District) | अधूरी रिक्तियां प्रतिशत में (%) (Percentage Unfilled) |
| 1 | डिंडोरी (Dindori) | 94.03% |
| 2 | राजगढ़ (Rajgarh) | 92.54% |
| 3 | शहडोल (Shahdol) | 90.34% |
| 4 | अलीराजपुर (Alirajpur) | 90.00% |
| 5 | झाबुआ (Jhabua) | 89.54% |
| 6 | नीमच (Neemuch) | 88.24% |
| 7 | खंडवा (Khandwa) | 85.46% |
| 8 | सीधी (Sidhi) | 85.05% |
| 9 | भोपाल (Bhopal) | 82.89% |
| 10 | धार (Dhar) | 81.47% |
प्रदेश के सभी 55 जिलों में डिंडोरी बेरोजगारी में अव्वल नंबर पर है। यहां 94% वैकेंसी खाली है।
भोपाल की स्थिति चिंताजनक, 83% पद खाली
भोपाल की स्थिति चिंताजनक, 83% पद खाली राजधानी भोपाल की स्थिति भी काफी चिंताजनक है। यहां 8 हजार 324 वैकेंसी में से 83% पद अधूरे हैं। वहीं, इंदौर में 13 हजार 570 रिक्तियों में से 63% सीटें खाली हैं। दमोह में भी 17 हजार 188 में से 58% पद अधूरे पड़े हैं। राजगढ़ में तो 3 हजार 965 रिक्तियों में से 93% पद नहीं भरे जा सके हैं। डिंडोरी (94.03%) और राजगढ़ (92.54%) सबसे पिछड़े जिलों में हैं।
| जिला (District) | कुल रिक्तियां (Total Vacancies) | अधूरे/खाली पद (Vacancies Unfilled) | अधूरे पदों का प्रतिशत (%) (Percentage Unfilled) |
| भोपाल (Bhopal) | 8,324 | जानकारी उपलब्ध नहीं | 83% |
| इंदौर (Indore) | 13,570 | जानकारी उपलब्ध नहीं | 63% |
| दमोह (Damoh) | 17,188 | जानकारी उपलब्ध नहीं | 58% |
| राजगढ़ (Rajgarh) | 3,965 | जानकारी उपलब्ध नहीं | 93% |
| डिंडोरी (Dindori) | जानकारी उपलब्ध नहीं | जानकारी उपलब्ध नहीं | 94.03% |
| राजगढ़ (Rajgarh) | जानकारी उपलब्ध नहीं | जानकारी उपलब्ध नहीं | 92.54% |
सिर्फ इन 4 जिलों ने मारी बाजी
मध्य प्रदेश में रोजगार देने के मामले में सिर्फ 4 जिलों ने अपने लक्ष्य पूरे किए हैं। ये जिले हैं गुना, अशोकनगर, खरगोन और शिवपुरी। इन जिलों में स्वरोजगार योजना ऋण वितरण और ऑफर लेटर जारी करने की स्थिति बेहतर रही। खरगोन (+262%) और गुना (+255%) ने तो निर्धारित लक्ष्य से कहीं ज्यादा उपलब्धि हासिल की है।
ये खबरें भी पढ़ें...
बाबा भारती की तरह ठगे गए ग्वालियर के साइंटिस्ट, भरोसा जीत कर ड्राइवर ने लगा दी 16 लाख चपत
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us