मध्यप्रदेश में तबादला नीति में पक्षपात, कांग्रेस विधायक ने उठाए गंभीर सवाल

मध्यप्रदेश में तबादला नीति पर कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने पक्षपात और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है।

author-image
Jitendra Shrivastava
एडिट
New Update
mp-transfer-policy-corruption

Photograph: (THESOOTR)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने हाल ही में सरकार की तबादला नीति (Transfer Policy) पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह नीति पूरी तरह जाति, वोट बैंक और आर्थिक लाभ के आधार पर संचालित हो रही है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है।

तबादला नीति में पक्षपात और अपमान

अभय मिश्रा का कहना है कि सेमरिया क्षेत्र के विधायकों को तबादला नीति की बैठक में जानबूझकर नहीं बुलाया गया जबकि अन्य विधायकों और सांसदों को शामिल किया गया। इसे उन्होंने अपनी उपेक्षा और जनता के अपमान के तौर पर देखा। उन्होंने स्पष्ट किया कि विधायक जनता के प्रतिनिधि होते हैं, किसी राजनीतिक दल के अधीन नहीं।

जाति और वोट बैंक के आधार पर तबादले

विधायक अभय मिश्रा ने आरोप लगाया कि तबादला नीति का आधार जाति, वोट बैंक और आर्थिक लेन-देन है। यह नीति पारदर्शिता और निष्पक्षता से कोसों दूर है। इसका उद्देश्य जनहित नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष के हित साधना और अपने चहेतों को लाभ पहुंचाना है।

ये खबरें भी पढ़ें...

HC ने कुलगुरु की जांच पर जताया असंतोष, कलेक्टर को जांच कर हलफनामा देने का आदेश

मंत्री विजय शाह केस में एसआईटी करेगी जांच, शाह को मिलेगी राहत या बढ़ेगी मुसीबत

राजनीतिक बदले की भावना से वसूली

अभय मिश्रा ने बताया कि सेमरिया में पिछले 15 दिनों से सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर एक वसूली अभियान चलाया जा रहा है, जो पूरी तरह राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है।

पारदर्शिता की मांग और लोकतंत्र के लिए खतरा

कांग्रेस विधायक ने सरकार से स्पष्ट मांग की है कि तबादला नीति में पूरी पारदर्शिता लाई जाए और भेदभावपूर्ण रवैया बंद किया जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की तानाशाही रवैया लोकतंत्र के लिए खतरा है और जनप्रतिनिधियों की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है।

ये खबरें भी पढ़ें...

विजय शाह विवाद: पहले हाईकोर्ट ने फटकारा, अब सुप्रीम कोर्ट ने जताया अविश्वास

मंत्री विजय शाह की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, पुलिस ने वीडियो अब तक जांच के लिए नहीं भेजा

तबादला नीति में पारदर्शिता के लिए जरूरी कदम

  • स्पष्ट और सार्वजनिक नियम बनाना।
  • सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को बैठक में शामिल करना।
  • तबादले के फैसलों का कारण लिखित रूप में देना।
  • पक्षपात और अनियमितताओं पर सख्त जांच।
  • शिकायत निवारण तंत्र का सुदृढ़ीकरण।

 एमपी तबादला नीति 2024 | मध्य प्रदेश तबादला नीति | सेमरिया विधायक अभय मिश्रा | भ्रष्टाचार 

भ्रष्टाचार सेमरिया विधायक अभय मिश्रा मध्यप्रदेश मध्य प्रदेश तबादला नीति एमपी तबादला नीति 2024