संजय गुप्ता, INDORE. मप्र लोक सेव आयोग (पीएससी) की राज्य सेवा मेन्स परीक्षा 2023 को लेकर आ रहे संकट के बीच उम्मीदवारों ने इसकी तारीख बढ़ाने के लिए नए सिरे से मांग तेज कर दी है। अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम पर खुला खत लिखा गया है और इसमें मांग की गई है कि इसकी तारीख आगे बढ़ाई जाए। वहीं हाईकोर्ट से मेन्स के लिए फार्म भराने संबंधी आदेश पाने वाले उम्मीदवारों के लिए आयोग ने लिंक चार मार्च तक खोल दी है।
MPPSC मेन्स के लिए यह लिखा खत
मुख्यमंत्री महोदय,
वल्लभ भवन अरेरा हिल्स भोपाल (म.प्र.)
विषय : राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2023 के सन्दर्भ में।
महोदय,
जैसा कि विदित है कि हाल ही में माननीय मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2023 में पूछे गए प्रश्नों पर एक अंतरिम फैसला आया है जिसमें कुछ प्रश्नों पर संदेह व्यक्त किया गया है जिससे प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम प्रभावित हो सकता है तथा न्यायालय द्वारा उससे प्रभावित अभ्यर्थियों को भी मुख्य परीक्षा में सम्मिलित होने का अवसर दिए जाने की बात कही है साथ ही न्यायालय ने अपने फैसले में यह बात भी कही है कि वह आगे की कार्रवाई जो कि 12 मार्च, 2024 को होनी है, में परीक्षा आगे बढ़ाने के लिए भी निर्देश दे सकता है। लेकिन उससे पहले ही आयोग द्वारा मुख्य परीक्षा का आयोजन किया जाना है।
यदि आयोग द्वारा मुख्य परीक्षा का आयोजन 11 मार्च से किया जाता है और न्यायालय द्वारा आगे की कार्रवाई में प्रभावित उम्मीदवारों को भी मुख्य परीक्षा में शामिल करने का फैसला दिया जाता है तो आयोग को उन उम्मीदवारों के लिए फिर अलग से मुख्य परीक्षा का आयोजन कराना होगा। इससे यह परीक्षा भी राज्य सेवा परीक्षा 2019 की तरह विवादित हो जाएगी जिनकी नियुक्तिया माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले के अधीन थी। इन सब प्रक्रियाओं के चलते अभ्यर्थी पुनः 4-5 वर्षों के लंबे इन्तजार में फंस जाएंगे।
माननीय आप से विनम्र अनुरोध है कि राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2023 का आयोजन माननीय उच्च न्यायालय के अंतिम फैसले के बाद ही किया जाए इस संदर्भ में माननीय मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग को निर्देशित किया जाए जिससे अभ्यर्थियों के हित में जल्द ही कोई उचित फैसला लिया जा सके जिससे वह अपना पूरा ध्यान पढ़ाई की ओर दे पाए।
...प्रार्थी समस्त अभ्यर्थी राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2023
पीएससी चेयरमैन ने कहा, परीक्षा तय समय पर
पीएससी चेयरमैन डॉ. राजेश लाल मेहरा से शनिवार को 'द सूत्र' ने सीधी बात की। उन्होंने कहा कि राज्य सेवा मेन्स 2023 परीक्षा की पूरी तैयारी है, सेंटर आदि सभी तय हो चुके हैं और नियत समय पर होगी। हाईकोर्ट में केस लगने और उम्मीदवारों को मेन्स में बैठाने के हाईकोर्ट आदेश पर उन्होंने कहा कि माननीय कोर्ट के आदेश के पालन में विंडो खोली गई है और आगे भी जिनके लिए आदेश होंगे उनके लिए विंडो खोलेंगे। डॉ. मेहरा ने साफ कहा कि परीक्षा उम्मीदवारों की भर्ती के लिए ही हो रही है, इसमें आयोग का कोई फायदा-नुकसान नहीं है, छात्रों को परीक्षा की तैयारी पर फोकस करना चाहिए। आगे हाईकोर्ट से किसी तरह का विपरीत फैसला आने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि माननीय कोर्ट का आगे जो भी फैसला होगा, आयोग उसका पालन करेगा।
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उधर... जबलपुर हाईकोर्ट में और भी याचिकाएं दायर
वहीं राज्य सेवा प्री 2023 को लेकर और भी याचिकाएं जबलपुर हाईकोर्ट में दायर हो गई है, जिसकी सुनवाई 5 मार्च को संभावित है। माना जा रहा है कि पुराने आधार पर इन्हें भी मेन्स में बैठने की पात्रता मिल जाएगी, यानि आयोग को ऐसे में फिर से फार्म भरने के लिए लिंक खोलना होगी। वहीं इसमे मेरिट पर सुनवाई 12 मार्च को होना है। वहीं मेन्स 11 मार्च से शुरू हो रही है।
उधर आयोग मांग मानने की जिद पर अड़ा
उधर आयोग उम्मीदवारों की मांग परीक्षा तारीख आगे नहीं बढ़ाने की जिद पर अड़ चुका है। वह इस बारे में फिलहाल किसी तरह का विचार नहीं कर रहा है, जबकि इसी तरह के लिटिगेशन मामले में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती परीक्षा आगे बढ़ा चुका है। वहीं अगले सप्ताह अब मेन्स के एडमिट कार्ड भी जारी होना शुरू हो जाएंगे।
राजस्थान रद्द कर चुका है प्री का रिजल्ट
राजस्थान राज्य सेवा 2021 की प्री पर भी इस तरह के सवाल हाईकोर्ट में खड़े हुए थे तब हाईकोर्ट ने प्री के रिजल्ट को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया था, जिसके बाद 2022 में राजस्थान लोक सेवा आयोग ने नया रिवाइज्ड रिजल्ट जारी किया था। मप्र में भी यही स्थिति हो रही है, पीएससी 2023 प्री के पांच सवालों पर आपत्ति लग चुकी है, ऐसे में प्री के रिजल्ट में बड़े स्तर पर बदलाव हो सकता है। सभी उम्मीदवारों की मांग है कि आयोग को हाईकोर्ट के अंतिम फैसले तक रुकना चाहिए। ताकि बाद में लिटिगेशन नहीं हो जैसा कि 2019 की परीक्षा में हुआ था।