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BHOPAL. मध्य प्रदेश के भोपाल में रविवार को मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग संयुक्त संघर्ष मोर्चा की बड़ी बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता संस्था संयोजक भुवनेश पटेल ने की। बैठक में ओबीसी आरक्षण के तहत रुकी हुई भर्तियों को बहाल करने, सुप्रीम कोर्ट में विधि विशेषज्ञ की नियुक्ति और जातिगत जनगणना कराने समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में राज्यभर के ओबीसी संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों की मौजूदगी देखी गई।
होल्ड की गई भर्तियों को बहाल करने की मांग
पिछड़ा वर्ग संयुक्त संघर्ष मोर्चा की इस बैठक में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई है। इसके बावजूद मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता के अभिमत के आधार पर सरकार ने भर्ती प्रक्रिया रोक दी, जिससे लाखों उम्मीदवार सरकारी नौकरियों से वंचित हो गए। ओबीसी संघर्ष मोर्चा ने इन रोकी गई भर्तियों को तुरंत बहाल करने की मांग की।
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एडवोकेट जनरल को हटाने की रखी मांग
मोर्चा के पदाधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तावित सुनवाई के लिए सरकार से छत्तीसगढ़ की तर्ज पर अनुभवी विधि विशेषज्ञ नियुक्त करने का आग्रह किया। यह भी कहा गया कि मौजूदा एडवोकेट जनरल को हटाया जाए क्योंकि उनके कारण केस सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर हुआ।
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जातिगत जनगणना और निजी संस्थानों में आरक्षण की मांग
मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग संयुक्त संघर्ष मोर्चा की बैठक में जातिगत जनगणना सरल तरीके से कराने की मांग की गई। साथ ही, निजी संस्थानों में ओबीसी, एससी और एसटी को आरक्षण का लाभ देने पर जोर दिया गया।
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मंत्रियों की निजी पदस्थापना में दी जाए ओबीसी को प्राथमिकता
बैठक में यह भी मांग रखी गई कि मंत्रियों की निजी पदस्थापना में ओबीसी अधिकारियों को प्राथमिकता दी जाए। इसके साथ ही सरकारी अधिवक्ताओं के रूप में सभी वर्गों के वकीलों को समान प्रतिनिधित्व देने की बात कही गई।
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