आयुध निर्माणियों के कर्मचारियों को HC से राहत, केंद्र सरकार पर 3 लाख का जुर्माना

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की 30 याचिकाओं को खारिज करते हुए तीन लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह मामला आयुध निर्माणियों के कर्मचारियों के ओवरटाइम भत्ते की गणना में हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और ट्रैवलिंग अलाउंस (TA) शामिल करने से संबंधित था।

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Neel Tiwari
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Ordnance factory employees

Photograph: (THESOOTR)

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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर ने केंद्र सरकार को कड़ा संदेश देते हुए उसकी 30 याचिकाओं को खारिज कर दिया और तीन लाख रुपये का जुर्माना भी ठोक दिया है।

यह मामला जबलपुर स्थित ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया, व्हीकल फैक्ट्री, जीसीएफ फैक्ट्री और ग्रे आयरन फाउंड्री समेत विभिन्न आयुध निर्माणियों के कर्मचारियों से जुड़ा था।

इन फैक्ट्रियों के कर्मचारियों और संगठनों के खिलाफ केंद्र सरकार ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं।

HRA, TA जोड़कर ओवरटाइम भत्ते का विवाद

विवाद की जड़ छठवें वेतनमान में निहित प्रावधान था, जिसके तहत कर्मचारियों के ओवरटाइम (OT) भत्ते की गणना में हाउस रेंट अलाउंस (HRA), ट्रैवलिंग अलाउंस (TA) और स्माल फैमिली अलाउंस को भी शामिल किया जाना था। लेकिन 2006 में वेतनमान लागू होने के बाद इन अलाउंस को OT गणना से हटा दिया गया।

कर्मचारियों ने इस विसंगति को लेकर कैट का दरवाजा खटखटाया, जहां जबलपुर बेंच ने 24 मार्च 2025 को उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए तीन माह में भुगतान के आदेश दिए।

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हाईकोर्ट ने कहा आधारहीन हैं याचिकाएं

कैट के आदेश के खिलाफ आर्डनेंस फैक्ट्रियों की फील्ड यूनिट ने हाईकोर्ट में 30 अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की थीं। जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस अवनींद्र कुमार सिंह की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद साफ कहा कि केंद्र सरकार की ओर से दाखिल ये याचिकाएं पूरी तरह आधारहीन हैं।

कोर्ट ने इन्हें सिरे से खारिज करते हुए तल्ख टिप्पणी की और हर याचिका पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। इस तरह कुल तीन लाख रुपये का जुर्माना केंद्र सरकार को अदा करना होगा।

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कर्मचारी कल्याण कोष में जाएगी जुर्माने की राशि

हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि यह पूरी राशि कर्मचारी कल्याण कोष (Employee Welfare Fund) में जमा कराई जाएगी। कोर्ट के इस निर्णय से न केवल कर्मचारियों को उनके अधिकार के भत्ते की राह खुली है। बल्कि, केंद्र सरकार को भी बेवजह मुकदमेबाजी के खिलाफ चेतावनी मिल गई है।

आयुध निर्माणियों में कार्यरत हजारों कर्मियों के लिए यह फैसला बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि अब उनके ओवरटाइम भत्ते की गणना में एचआरए और टीए जैसे भत्ते भी शामिल किए जाएंगे।

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