BHOPAL. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi ) 24 अप्रैल को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के साथ हरदा, बैतूल और सागर में चुनावी सभाएं करेंगे। पीएम मोदी के दौरे से पहले हरदा पुलिस अधीक्षक ( Harda Superintendent of Police ) के एक पत्र पर सियासत शुरू हो गई। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ( Vivek Tankha ) ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। दरअसल, हरदा के पुलिस अधीक्षक अभिनव चौकसे ने कलेक्टर आदित्यराज सिंह को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री की सुरक्षा और ट्रैफिक जाम का हवाला देकर कृषि उपज मंडी बंद रखने का प्रस्ताव दिया है। कांग्रेस ने इस सवाल उठाते हुए कहा, ऐसी सुविधा हमे भी मिलेगी क्या?
विवेक तन्खा ने उठाए यह सवाल
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने X पर हरदा एसपी का पत्र पोस्ट कर लिखा क्या इस तरह से कृषि उपज मंडी I.N.D.I.A अलायन्स की मीटिंग या सभा के लिए प्रशासन कराएगा या फिर मीटिंग सीमित करने आदेश देगा। जैसे कि दिल्ली के रामलीला मैदान में कंडीशंस लगाई थीं। विवेक तन्खा ने पूछा मध्य प्रदेश का चुनाव प्रशासन लड़ रहा है क्या? विवेक तन्खा ने सोशल मीडिया पर वीडियो रिलीज कर कहा, प्रधानमंत्री का पद बहुत सामान्य है। उनके रोड शो और रैलियों में सामान्य रूप से लोग पहुंचते हैं। हरदा में बिना परमिशन के निजी ज़मीन टेकओवर कर ली।
प्रधान मंत्री का पद बहुत सामान्य है। लोग सामान्य रूप से रोड शो एवं रैलीज़ में पहुँचते है। हरदा में निजी ज़मीन बिना परमिशन के टेक ओवर कर ली प्रशासन ने।मंडी बंद कर दी। भोपाल में निजी एवं सरकारी स्कूल को आदेशित किया और दवाब बना रहे है इस गर्मी में स्टूडेंट्स रोड शो में भेजे।Not Fair pic.twitter.com/Dum0dA1UbJ
— Vivek Tankha (@VTankha) April 22, 2024
चुनाव आयोग और राष्ट्रपति से शिकायत
राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने चुनाव आयोग, मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को टैग कर मामले को संज्ञान में लेने और ऐसे अफसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की है। हालांकि, कलेक्टर आदित्यराज सिंह का कहना है कि एसपी ने सुझाव दिया है, लेकिन मंडी बंद कराने जैसा निर्णय नहीं लिया गया। निजी जमीन पर कार्यक्रम की सहमति बीजेपी ने उपलब्ध कराई है, जिस आधार पर कार्यक्रम की अनुमति दी गई है।
'प्रोटोकॉल' के हिसाब से फैसले लेता है प्रशासन'
तन्खा के ट्वीट पर हरदा के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री कमल पटेल ने कहा प्रधानमंत्री का अपना प्रोटोकॉल रहता है। प्रशासन उसी प्रोटोकॉल के हिसाब से फैसले करता है। यदि इनके किसी कार्यक्रम में ऐसा प्रोटोकॉल होगा तो प्रशासन वैसा निर्णय करेगा।
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