/sootr/media/media_files/2025/08/22/fo-trading-mental-health-risks-and-government-action-2025-08-22-20-13-11.jpg)
Photograph: (The Sootr)
ऑनलाइन सट्टेबाजी पर सरकार की सख्त कार्रवाई के बाद, एक नया और गंभीर मुद्दा सामने आया है। प्रसिद्ध मनोचिकित्सक (Psychiatrist) डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी (Dr Satyakant Trivedi) ने हाल ही में शेयर मार्केट के फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट को लेकर चिंता जताई है।
उनके अनुसार, यह सेगमेंट युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है। सैकड़ों युवा, जो इस जोखिम भरे ट्रेडिंग सेगमेंट में शामिल हो रहे हैं, मानसिक रोगों (Mental Disorders) का शिकार हो रहे हैं।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि F&O ट्रेडिंग को आम आदमी और विशेष रूप से युवाओं की पहुंच से दूर किया जाए। उनके अनुसार, केवल संस्थागत निवेशकों (Institutional Investors) और विशेषज्ञों (Experts) को ही इस सेगमेंट में ट्रेडिंग की अनुमति होनी चाहिए।
F&O ट्रेडिंग क्या है?
फ्यूचर्स और ऑप्शंस (Futures and Options) शेयर मार्केट का एक डेरिवेटिव सेगमेंट है, जिसमें निवेशक भविष्य की कीमतों पर सट्टा लगाते हैं। यह एक उच्च जोखिम वाला क्षेत्र है, जहां मुनाफा और नुकसान दोनों ही बहुत अधिक हो सकते हैं।
हाल के वर्षों में, ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की आसान उपलब्धता के कारण, युवा इस सेगमेंट की ओर आकर्षित हो रहे हैं। लेकिन, डॉ. त्रिवेदी के अनुसार, इसकी जटिलता और जोखिम के बारे में जागरूकता की कमी युवाओं को आर्थिक और मानसिक दोनों रूप से प्रभावित कर रही है।
ये भी पढ़ें... 2800 रुपए हारने पर बच्चे ने जान दी, विशेषज्ञ बोले- छोटी विफलता बच्चों को असहनीय लग रही
F&O ट्रेडिंग का आकर्षण
आसान पहुंच: ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप्स ने F&O को हर किसी के लिए सुलभ बना दिया है।
तेज मुनाफे का लालच: युवा कम समय में अधिक मुनाफा कमाने की उम्मीद में इसमें शामिल होते हैं।
सोशल मीडिया का प्रभाव: ट्रेडिंग टिप्स और सफलता की कहानियां युवाओं को प्रेरित करती हैं।
युवाओं पर F&O ट्रेडिंग का मानसिक प्रभाव
डॉ सत्यकांत त्रिवेदी ने बताया कि उन्होंने अपनी प्रैक्टिस में देखा है कि F&O ट्रेडिंग में शामिल युवा अक्सर तनाव (Stress), चिंता (Anxiety), और अवसाद (Depression) जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसके पीछे कई कारण हैं:
1. आर्थिक नुकसान: F&O में भारी नुकसान होने की संभावना अधिक होती है, जो युवाओं को आर्थिक तंगी में डाल देता है।
2. लत का खतरा: ट्रेडिंग की लत (Trading Addiction) युवाओं को बार-बार जोखिम लेने के लिए प्रेरित करती है।
3. सामाजिक दबाव: सोशल मीडिया पर दिखाए जाने वाले सफल ट्रेडर्स की कहानियां युवाओं पर दबाव डालती हैं।
4. नींद की कमी: देर रात तक ट्रेडिंग और मार्केट की निगरानी से नींद की कमी और मानसिक थकान होती है।
ये समस्याएं न केवल व्यक्तिगत स्तर पर युवाओं को प्रभावित करती हैं, बल्कि उनके परिवार और सामाजिक जीवन को भी नुकसान पहुंचाती हैं।
ये भी पढ़ें... सुनो बच्चों! रिजल्ट का बिलकुल लोड मत लेना, हम सब आपके साथ हैं...एन्जॉय करो
सरकार से अपील: F&O को सीमित करें
उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि F&O ट्रेडिंग को केवल पेशेवर और संस्थागत निवेशकों तक सीमित किया जाए। इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- न्यूनतम निवेश सीमा: F&O ट्रेडिंग के लिए न्यूनतम पूंजी की आवश्यकता बढ़ाई जाए।
- जागरूकता अभियान: युवाओं को F&O के जोखिमों के बारे में शिक्षित करने के लिए अभियान चलाए जाएं।
- सख्त नियम: ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स पर सख्त नियम लागू किए जाएं ताकि अनुभवहीन निवेशकों को रोका जा सके।
- मनोवैज्ञानिक सहायता: ट्रेडिंग से प्रभावित युवाओं के लिए काउंसलिंग और सहायता केंद्र स्थापित किए जाएं।
F&O ट्रेडिंग के जोखिम
- उच्च जोखिम: 90% से अधिक रिटेल ट्रेडर्स को नुकसान होता है।
- लत का खतरा: ट्रेडिंग की लत मानसिक और आर्थिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है।
- कानूनी जटिलताएं: अनियमित ट्रेडिंग से कानूनी समस्याएं हो सकती हैं।
- मानसिक तनाव: नुकसान से चिंता और अवसाद की संभावना बढ़ती है।
ऑनलाइन सट्टेबाजी पर सरकार की कार्यवाही
भारत सरकार ने हाल के वर्षों में अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफॉर्म्स पर नकेल कसी है। कई ऐप्स और वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगाया गया है और सख्त कानून बनाए गए हैं। मनोचिकित्सक डॉ. त्रिवेदी का मानना है कि इसी तरह की सख्ती F&O ट्रेडिंग पर भी लागू होनी चाहिए, क्योंकि यह भी एक प्रकार का सट्टा (Speculation) है, जो युवाओं को नुकसान पहुंचा रहा है।
ये भी पढ़ें... टीम इंडिया के स्पॉन्सर ड्रीम 11 पर ऑनलाइन गेमिंग बिल से खतरा? लोकसभा से विधेयक पास होने से मंडरा रहा संकट
शेयर मार्केट में जागरूकता की जरूरत
F&O ट्रेडिंग के खतरों से बचने के लिए युवाओं को वित्तीय शिक्षा (Financial Education) की आवश्यकता है। स्कूलों और कॉलेजों में वित्तीय प्रबंधन और जोखिम प्रबंधन (Risk Management) जैसे विषयों को शामिल करना चाहिए। साथ ही, ट्रेडिंग शुरू करने से पहले युवाओं को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- जोखिम का आकलन: ट्रेडिंग शुरू करने से पहले अपने जोखिम वहन करने की क्षमता का मूल्यांकन करें।
- विशेषज्ञ सलाह: किसी अनुभवी वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) की मदद लें।
- सीमित निवेश: अपनी कुल पूंजी का केवल एक छोटा हिस्सा ही जोखिम में डालें।
- मानसिक तैयारी: ट्रेडिंग के मानसिक दबाव को समझें और तनाव प्रबंधन की तकनीकें सीखें।
मेंटल हेल्थ: डॉक्टर की सलाहडॉ सत्यकांत त्रिवेदी का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) को प्राथमिकता देना जरूरी है। अगर कोई युवा ट्रेडिंग के कारण तनाव या चिंता का सामना कर रहा है, तो उसे तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा, वे परिवार और दोस्तों से समर्थन ले सकते हैं। डॉ. त्रिवेदी ने युवाओं से अपील की है कि वे त्वरित मुनाफे के लालच में न पड़ें और अपने भविष्य को सुरक्षित रखें। मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल कैसे करें?- नियमित व्यायाम: शारीरिक गतिविधियां तनाव को कम करती हैं। |
ये भी पढ़ें... सट्टेबाजी वाले ऑनलाइन गेम्स पर लगेगी रोक, लोकसभा में पेश होगा नया बिल
निष्कर्ष
प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ.सत्यकांत त्रिवेदी ने शेयर मार्केट के F&O सेगमेंट को लेकर एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। युवाओं में बढ़ते मानसिक रोगों (Mental Disorders) और आर्थिक नुकसान को देखते हुए, सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए। F&O ट्रेडिंग को सीमित करने और वित्तीय शिक्षा को बढ़ावा देने से न केवल युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षित होगा, बल्कि समाज में आर्थिक स्थिरता भी आएगी।
FAQ
thesootr links
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्स औरएजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧👩