पचमढ़ी में राहुल की क्लास के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस एक सुर में, हमलावर मोड में आए विपक्ष के नेता

राहुल गांधी के पचमढ़ी दौरे के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस में नया जोश नजर आ रहा है। पार्टी अब विपक्ष की भूमिका में सरकार की नाकामी को सवालों के घेरे में ला रही है। कांग्रेस नेता लगातार हमलावर मोड में हैं...

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Ravi Kant Dixit
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BHOPAL. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का पचमढ़ी दौरा शायद मध्यप्रदेश कांग्रेस के लिए टर्निंग पॉइंट बन गया है। कुछ हफ्ते पहले तक जहां प्रदेश कांग्रेस अलग-अलग खेमों में बंटी दिखाई देती थी, वहीं अब पार्टी में नया जोश, नई धार और नेताओं के बीच पहले से बेहतर ताल मेल नजर आ रहा है।

राहुल के दौरे के बाद प्रदेश कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में पहले से ज्यादा आक्रामक हो गई है। नेता सरकार की कमियों को निशाना बना रहे हैं। बड़े मुद्दों पर बोल रहे हैं। सिस्टम की नाकामी को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं। 

गौरतलब है कि एक पखवाड़े पहले राहुल गांधी ने पचमढ़ी में सीनियर नेताओं के साथ लंबी रणनीतिक बैठक की थी। राहुल ने साफ कहा था कि संगठन को तहसील, ब्लॉक और जिलों तक मजबूत करना जरूरी है। उन्होंने नेताओं को नसीहत दी थी कि वे किसानों और आम लोगों से सीधे जुड़कर उनकी परेशानियां समझें। संगठन के साथ मिलकर काम करें। 

राहुल जिला अध्यक्षों के प्रशिक्षण शिविर में भी पहुंचे थे, जहां उन्होंने करीब चार घंटे तक उनसे सीधा संवाद किया था। राहुल ने मिशन 2028 का लक्ष्य पार्टी के सामने रखा था। 

पचमढ़ी में राहुल की मौजूदगी के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा था कि उन्हें सरकार से लड़ने के लिए सभी नेताओं का साथ चाहिए। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी ‘एकला चलो’ के बजाय ‘आम सहमति’ से फैसले लेने की मजबूत पैरवी की थी। 

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जीतू ने यूं खोला मोर्चा 

अब प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से लेकर प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, हेमंत कटारे, विक्रांत भूरिया तक लगातार हमलावर मोड में दिख रहे हैं। सीहोर जिले के वीआईटी (VIT) शिक्षण संस्थान में हुए हंगामे और पीलिया फैलने के मामले पर जीतू पटवारी ने सोशल प्लेटफार्म पर सरकार को घेरा है।

उन्होंने लिखा, VIT जैसे बड़े शिक्षण संस्थान में व्यापक स्तर पर पीलिया फैला हुआ है। भोपाल, आष्टा, सीहोर के अस्पतालों में छात्र बड़ी संख्या में भर्ती हैं। कई बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है। जीतू ने आरोप लगाया कि मोटी फीस के बाद भी छात्रों को साफ पानी और शुद्ध भोजन जैसी बेसिक सुविधाएं तक नहीं मिल पाना संस्थान, सरकार और सिस्टम की गंभीर नाकामी है।

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बच्ची को देखने अस्पताल पहुंचे 

वहीं, पटवारी ने रायसेन जिले में बच्ची के साथ हुई घटना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बेटियों की सुरक्षा पर केवल एसपी-टीआई हटाना जवाब नहीं है। वे एम्स, भोपाल पहुंचे और छात्रा का हालचाल जाना। उसके परिजनों को ढांढस बंधाया। उन्हें हरसंभव मदद देने की बात कही। 

ब्राह्मण समाज को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले आईएएस संतोष वर्मा के खिलाफ भी कांग्रेस खुलकर मैदान में आई है। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, आईएएस वर्मा ने सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की है और सभ्य समाज में ऐसी सोच के लिए कोई जगह नहीं है।

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दिल्ली के प्रवक्ता उठा रहे मुद्दे 

मध्यप्रदेश कांग्रेस के लिए खास बात यह भी है कि अब प्रदेश के मुद्दों पर दिल्ली से भी सीधे सियासी हमले हो रहे हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता साधना भारती ने शिवपुरी जिले के संवेदनशील मामले को उठाते हुए कहा कि मंदिर के महंत ने दिव्यांग बच्ची के साथ बलात्कार किया।

पिता को धमकी दी और जब मामला सामने आया तब बच्ची आठ महीने की गर्भवती थी। आज उस बच्ची का डेढ़ साल का बच्चा भी है और आरोपी अभी तक फरार है। साधना भारती ने इस मामले में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की चुप्पी पर भी सवाल खड़ा किया, क्योंकि यह क्षेत्र उनके संसदीय क्षेत्र गुना में आता है।

कांग्रेस विधायक भी मैदान में उतरे

प्रदेश के कांग्रेस विधायक भी अब सरकार को चुनौती देने में पीछे नहीं हैं। बमौरी विधायक ऋषि अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मक्का खरीदी का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा ही नहीं, जिसके कारण किसान अपनी फसल कौड़ी के भाव बेचने को मजबूर हो गए। 

वहीं झाबुआ विधायक विक्रांत भूरिया सीधे सिंगरौली पहुंचे। उन्होंने वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि धिरौली कोल ब्लॉक अडानी को सौंप दिया गया है और वहां लाखों पेड़ों की कटाई जारी है। इस मुद्दे पर सांसद जयराम रमेश ने भी एक्स पर प्रतिक्रिया दी थी।

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उमंग ने विधानसभा का मुद्दा उठाया 

विधानसभा सत्र की अवधि केवल चार दिन रखे जाने पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उनके मुताबिक, इतने छोटे सत्र में जनहित के जरूरी मसलों पर चर्चा संभव नहीं है और कांग्रेस लगातार सत्र बढ़ाने की मांग कर रही है। इसी कड़ी में बालाघाट से विधायक अनुभा मुंजारे ने भी वीडियो साझा कर इस मसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी।

दिग्विजय-कमलनाथ भी पीछे नहीं 

वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पंचायतों में कथित गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। कमलनाथ ने एसआईआर और चुनावी कर्मचारियों की मौत का विषय उठाते हुए लिखा कि सात राज्यों में 22 दिनों में 25 बीएलओ की मौत हो चुकी है। इनमें 9 मौतें अकेले मध्यप्रदेश में हुई हैं। उनके मुताबिक, चुनावी काम का पूरा बोझ निचले कर्मचारियों पर डाल दिया गया, लेकिन उन्हें सुरक्षा, संसाधन और स्वास्थ्य सुविधाएं तक नहीं दी गईं।

क्या यह राहुल के दौरे का असर?

कुल मिलाकर राहुल गांधी के पचमढ़ी दौरे के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस में फुर्ती आती दिखाई दे रही है। विपक्ष अब सक्रिय है। मुखर है, हमलावर है। हां, एक बात जरूर है कि यह सक्रियता फिलहाल जमीन से ज्यादा सोशल मीडिया पर दिखाई पड़ती है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विपक्ष का असली असर सड़क और गांव–खेतों में उतरकर काम करने से बनता है।

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