मध्यप्रदेश के ओरछा में रामराजा लोक के निर्माण के लिए खुदाई चल रही है। खुदाई में 500 साल पहले बना आधुनिक कक्ष मिला है। जहां इस समय गर्मी से प्रदेश में कूलर भी जवाब देने लगे हैं। वहीं इस गर्मी में भी मिले इस कक्ष में सर्दी का अहसास हो रहा है।
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500 साल पुराना एसी रहित कमरा
रामराजा लोक के निर्माण के लिए सावन-भादौ टॉवर के पास खुदाई चल रही थी। खुदाई में टावर के नीचे आधुनिक कक्ष मिला है। इस कक्ष को देखने में मालूम होता है कि बुंदेला राजाओं ने 500 साल पहले ओरछा को राजधानी बनाई तो आधुनिक तरीके से बसाया। गर्मी में राहत के लिए प्राकृतिक एयर कंडीशन कमरे बनाए। सदियों बाद भी इसकी खूबसूरती बरकरार है। इस कक्ष में नहाने के लिए फाउंटेन की सुविधा भी देखने को मिली है। खास यह है कि यहां का तापमान बाहर की तुलना में 15 डिग्री तक कम रहता है।
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जानें कक्ष के शीतलता का कारण
पुरातत्व विभाग के क्यूरेटर घनश्याम बाथम ने बताया कि सावन-भादौ टावर की तरह ही राजमहल की संरचना है। यहां 25 फीट ऊंचे टावर से महल के अंदर हवा आती थी। राजा के कक्ष में यह सुविधा है। इन टावर में चारों ओर छेद हैं। इससे किसी भी दिशा से हवा चलने पर हवा टावर के नीचे आती है।
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ईरान से आई होगी तकनीक
पर्यटन विभाग के उपयंत्री वाजपेयी का कहना हैं कि ओरछा के तत्कालीन नरेश वीर सिंह जू देव के मुगलों से अच्छे संबंध बताए जाते थे। इसी के चलते यहां पर जहांगीर महल का निर्माण कराया गया था। ऐसे में यह तकनीक ईरान से आई होगी। मुगल ईरान से ही देश में आए थे। विदित हो कि अब सावन-भादौ पिलर को लेकर किंवदंती थी कि सावन-भादौ के माह में यह पिलर आपस में जुड़ जाते थे। लोग इन पिलर को श्रद्धा से देखते थे।
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फाउंटेन रहित है कक्ष
उपयंत्री वाजपेयी ने बताया कि इस पूरे परिसर में फाउंटेन का जाल है। सावन-भादौ पिलर के नीचे मिले कक्ष में भी फाउंटेन के अंश मिले है। इसके साथ ही चंदन के कटोरा बाग में भी एक दर्जन फाउंटेन मिले है। यहां पर टेराकोटा की पाइप लाइन का उपयोग कर फव्वारे चलाए जाते थे।
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