BHOPAL. मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने तीन नई यूनिवर्सिटी में कुलगुरुओं की नियुक्ति कर दी है। खरगोन की क्रांतिसूर्य टंट्या भील यूनिवर्सिटी, गुना की क्रांतिवीर तात्या टोपे यूनिवर्सिटी और सागर की रानी अवन्तीबाई लोधी यूनिवर्सिटी में कुलगुरु की पदस्थापना की गई है। तीनों कुलगुरुओं का कार्यकाल चार साल अथवा 70 वर्ष की आयु तक रहेगा। राजभवन से तीनों यूनिवर्सिटी के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
डॉ.कोरी को खरगोन विश्वविद्यालय का जिम्मा
राज्यपाल पटेल ने क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय, खरगोन का कुलगुरु भोपाल की आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के फार्मेसी विभाग के निदेशक डॉ. मोहन लाल कोरी को बनाया है। डॉ.कोरी पीसीआई नई दिल्ली में सदस्य भी हैं।
डॉ. यादव को गुना यूनिवर्सिटी की जिम्मेदारी
गुना की क्रांतिवीर तात्या टोपे यूनिवर्सिटी का कुलगुरु डॉ.किशन यादव को बनाया गया है। वे अभी बुंदेलखण्ड पीजी कॉलेज, झांसी में पदस्थ हैं। डॉ.यादव बुंदेलखंड पीजी कॉलेज में राजनीति विज्ञान विभाग एवं शोध केन्द्र के प्रोफेसर होने के साथ एचओडी भी हैं।
सागर के कुलगुरु डॉ. मिश्रा बने
सागर के रानी अवन्तीबाई लोधी विश्वविद्यालय का कुलगुरु डॉ. विनोद कुमार मिश्रा को बनाया गया है। वे जबलपुर के जीएस कॉलेज ऑफ कामर्स एण्ड इकनॉमिक्स में प्रोफेसर हैं।
इंदौर में पहले हो चुकी है नियुक्ति
गौरतलब है कि इससे पहले सितंबर में राज्यपाल ने इंदौर की देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में कुलगुरु की नियुक्ति की थी। यहां प्रो.राकेश सिंघई को नियुक्त किया गया है। वे यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) शिवपुरी में निदेशक थे।
सरकार ने अधिनियम में किया है संशोधन
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार ने तय किया है कि विश्वविद्यालयों के कुलपति अब कुलगुरु कहलाएंगे। सरकार ने कुलपति पद का नाम बदलकर कुलगुरु किया है। इसे कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गई है। इसके पीछे मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का कहना है कि कुलपति पद का नाम बदलकर कुलगुरु करने का यह कदम हमें हमारी संस्कृति और गुरु परंपरा से जोड़ता है। मंत्रिमंडल ने कुलपति पद का नाम बदलकर कुलगुरु करने के लिए संबंधित अधिनियम में संशोधन को अनुमति दे दी दी है।
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