अरविंद शर्मा, भोपाल. प्रदेश में संबल योजना ( Sambal Yojana ) में गरीबों के हक पर अधिकारी डाका डाल रहे हैं। हालात यह है कि गरीबों के खाते में जाने वाले करोड़ों रुपए की आर्थिक सहायता अधिकारी कर्मचारियों के खाते में ट्रांसफर विभाग के ही कर्मचारी कर रहे है।
जब मामले का खुलासा हुआ तो अधिकारी तकनीकी गलती बताकर पल्ला झाड़ रहे है। साथ ही आधार बेस्ड पेमेंट पर रोक लगवा दी है। द-सूत्र ने एक ऐसे ही मामले का खुलासा किया है। मप्र राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के कर्मचारी गगन के खाते में संबल योजना के 32.86 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए गए। मामले ने जब तूल पकड़ा तो श्रम विभाग के पीएस ने इस मामले को लेकर जांच बिठा दी।
साथ ही पीएनबी बैंक को मेल कर आधार बेस्ड भुगतान पर रोकने के निर्देश दिए। उसके बाद आनन-फानन में अधिकारियों ने अपनी गलती को छुपाने के लिए तीन कर्मचारियों के ऊपर कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया।
सिंगल क्लिक से राशि ट्रांसफर
प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव ने संबल योजना के तहत पात्र हितग्राहियों के खाते में सिंगल क्लिक के माध्यम से राशि ट्रांसफर की। उसके बाद एमपीएसईडीसी के अधिकारियों ने पात्र हितग्राहियों के खाते में आधार बेस्ड भुगतान करना शुरू कर दिया।
वहीं दूसरी ओर मप्र असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल मंत्रालय वल्लभ भवन सचिव रत्नाकर झा ने 2 मई वर्ष 2024 को पत्र जारी कर कहा कि 27 मार्च वर्ष 2024 को सुबह करीब 11 बजे मेल प्राप्त हुआ कि मप्र राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम द्वारा संबल पोर्टल के माध्यम से किए जा रहे आधार बेस्ड पेमेंट पर तत्काल रोक लगाई जाए। साथ ही बैंक के तकनीकि मैनेजर एमपीएसईडीसी की टेक्नीकल टीम द्वारा भी बताया गया।
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आधार बेस्ड भुगतान के ईपीओ में सॉफ्टवेयर गलती से कर्मचारी गगन के खाता क्रमांक 63005056063, आईएफसी कोड SBIN0030399 में 26 मार्च वर्ष 2024 से भुगतान हो रहा है। एमपीएसईडीसी टीम ने बताया कि यह अकाउंट नंबर उनके टीम के सदस्य गगन का है।
अधिकारियों ने कहा कि यह पैसा ट्रायल के दौरान टेस्टिंग के लिए डाला गया था। साथ ही गलती मानते हुए अफसरों ने कहा कि खाता नंबर ईपीओ में बना रहा। जिसकी वजह से ट्रांजेक्शन किए गए 32.86 करोड़ रुपए कर्मचारी गगन के खाते में पहुंच गए।
एमपीएसईडीसी के अधिकारियों की माने तो जब उन्हें इस बात की जानकारी लगी तो उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक के माध्यम से ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दी। साथ ही संबल योजना की करोड़ों रुपए की राशि मंडल के नोडल खाते में वापिसी की कार्रवाई की गई।
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सीएम के डिप्टी सेक्टरी बोले: तकनीकी गलती से करोड़ों रुपए कर्मचारी के खाते में हुए ट्रांसफर
सीएम मोहन यादव के डिप्टी सेक्ट्ररी अंशुल गुप्ता ने कहा कि इस मामले में तकनीकी गलती की वजह से राशि कर्मचारी के खाते में ट्रांसफर हो गई थी। 32.86 करोड़ रुपए राशि वापस आ गई है। यह राशि पात्र हितग्राहियों के खाते में ट्रांसफर कर दी गई है।
श्रम विभाग के प्रमुख सचिव ने नाराजगी व्यक्त की थी। उसके बाद तीन अधिकारी और कर्मचारियों पर लापरवाही बरतने को लेकर कार्रवाई कर सस्पेंड किया गया है। साथ ही यह हिदायत भी दी गई है कि आगे से पुनरावृत्ति न हो।
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भिंड नपा में संबल योजना में करोड़ों का घोटाला,कलेक्टर ने बिठाई जांच
नगरपालिका भिंड के बाबू और संबल योजना के प्रभारी राजेंद्र चौहान ने संबल योजना में करोड़ों का घोटाला किया है। कलेक्टर ने नपा सीएमओ को बाबू को सस्पेंड करने के निर्देश दिए थे। उसके बाद नपा सीएमओ ने बाबू राजेंद्र चौहान को सस्पेंड कर दिया है।
साथ ही तीन जून को इसकी जांच डीपीसी व्योमेश शर्मा को सौंपी गई है। नपा सीएमओ ने रिकॉर्ड डीपीसी को सौंप दिए है। डीपीसी व्योमेश शर्मा ने कहा कि उनकी जांच टीम में अरविंद भदौरिया, रविशंकर शर्मा, आकाश तोमर ौर आशीष शर्मा है। जांच बुधवार से शुरू कर दी है। बाबू राजेंद्र चौहान ने करोड़ों रुपए का घोटाला किया है। मुझे अभी नपा की ओर से 10 बस्ते रिकॉर्ड के तौर पर सौंपे गए है।
उधर नपा प्रशासन का कहना है कि संबल योजना के 96 पात्र हितग्राहियों की आर्थिक सहायता राशि दूसरे के खाते में ट्रांसफर की गई है। मुख्यमंत्री के डिप्टी सेक्टरी अंशुल गुप्ता ने कहा कि कलेक्टर द्वारा जांच कराई जा रही है। इसमें जो भी दोषी होगा। उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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