अरविंद शर्मा, भोपाल : प्रदेश में संबल योजना फर्जीवाड़ा ( Sambal Yojana fraud ) सामने आने के बाद नगरीय निकाय भोपाल में पात्र हितग्राहियों ने पिछले दिनों धरना देकर प्रदर्शन किया था। लेकिन उसके बाद भी पात्र हितग्राहियों को न्याय नहीं मिला। उधर प्रदेश की सभी नगरीय निकायों में संबल योजना में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। श्रम विभाग ने प्रदेश की नगरीय निकायों में संबल योजना के तहत हुई राशि के वितरण की जांच बैठाई है।
नपा के रिकॉर्ड जब्त कर डीपीसी को जांच सौंपी
पांच साल की रिपोर्ट श्रम विभाग ने मांगी है। उधर भिंड जिले में संबल योजना में हुए करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार की जांच शुरू कर दी गई है। कलेक्टर ने भिंड नपा के रिकॉर्ड जब्त कर डीपीसी को जांच सौंपी है। गुरुवार को कलेक्टर की ओर से पब्लिक नोटिस जारी कर दिया गया है। पात्र हितग्राहियों सेजांच टीम वन-टू-वन पूछताछ करेगी।
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उधर जांच अधिकारियों का कहना है कि प्रथम दृष्टया सामने आया है कि पात्र मृत हितग्राहियों की सहायता राशि अपात्रों के खाते में ट्रांसफर कर दी गई है। इसकी रिपोर्ट भोपाल सात दिन के भीतर कलेक्टर को भेज देंगे। श्रम विभाग और एमपीएसईडीसी के अधिकारियों ने माना है कि प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में संबल योजना की भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही है। इसको लेकर जांच कराई जा रही है। डिप्टी चीफ सेक्रेटरी अंशुल गुप्ता ने माना है कि श्रम विभाग में बड़े स्तर पर पहले फर्जीवाड़ा हुआ।
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इसको रोकने के लिए आधार बेस्ड भुगतान किया जा रहा है। इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। वहीं पुराने समय में हुए भ्रष्टाचार की जांच स्थानीय स्तर पर कलेक्टर जांच टीम गठित करने के बाद कर रहे हैं। अपात्र हितग्राहियों को जो राशि वितरित जिलों में की गई हैं। वहां पर पात्र हितग्राहियों को बुलाकर पूछताछ की जा रही है। इसकी शुरुआत भिंड में कर दी गई है।
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छह हजार से अधिक फाइलों में फॉर्मेट सही नहीं पाए गए
श्रम विभाग के पीएस सचिन सिन्हा ने पत्र जारी किया है। जिसमें सामने आया है कि 6036 फाइल फॉर्मेट सही नहीं पाए गए है। जिसके कारण भुगतान भी नहीं हो सकता है। इन भुगतान फाइलों में गलती के कारण विभाग के बैंक खाते का विवरण भी गलत अंकित हुए है। जिसके द्वारा बैंक ने उन्हें आमान्य किया है। एमपीएसईडीसी की टीम ने निर्देश दिए है कि सॉफ्टवेयर कोड का वर्तमान में परीक्षण किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि तकनीकी स्तर पर आवश्यक बदलाव भी किए जा रहे है।
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छह महीने से संबल योजना की 14,800 फाइले अटकी
श्रम विभाग पीएस सचिन सिन्हा ने पत्र जारी किया है कि जिसमें कहा गया है कि छह महीने से अधिक समय से 14800 फाइले लंबित है। इन फाइलों की डीएससी की वैधता समाप्त हुई जिसके कारण से भुगतान फैल हो गए।निकाय स्तर पर हस्ताक्षरित फाइल लंबे समय तक राज्य स्तर पर प्रशासकीय कारणों से होल्ड किए गए । जिसकी वजह से पात्र हितग्राहियों को भी भुगतान नहीं हो सकता है।
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डीपीसी भिंड व्योमेश शर्मा का कहना है कि संबल योजना में भिंड जिले में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है। कलेक्टर की ओर से पब्लिक नोटिस जारी किया गया है। पात्र हितग्राहियों से पूछताछ की जाएगी। कलेक्टर को जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद सात दिन के बाद भोपाल भेज दी जाएगी।