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BHOPAL. मध्य प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, प्रदेश सरकार ने दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से बड़ा कदम उठाया है। आगामी 25 फरवरी को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में एमपी स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच सहकारिता अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अनुबंध को प्रदेश सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह कदम प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों की आय को दोगुना करने और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए अहम होगा। उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने इस अनुबंध पर सहमति दे दी है, जिसका कार्यान्वयन अब शुरू हो गया है। यह अनुबंध पांच साल की अवधि के लिए होगा, और आवश्यकता के अनुसार इसे बढ़ाया भी जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस अनुबंध के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में कलेक्शन सेंटर स्थापित किए जाएंगे, दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता में वृद्धि की जाएगी, और दुग्ध समितियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप दुग्ध उत्पादकों की आय में अप्रत्याशित वृद्धि होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार के संकल्प पत्र-2023 में प्रदेश में दूध की खरीद और डेयरी किसानों को दूध की सही कीमत दिलाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं का उल्लेख किया गया है। इस अनुबंध के माध्यम से इन योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया जाएगा, जिससे प्रदेश में श्वेत क्रांति मिशन के तहत सांची डेयरी के साथ मिलकर मिल्क कूलर, मिनी डेयरी प्लांट्स और चिलिंग सेंटर की संख्या बढ़ाई जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 6,000 दुग्ध समितियां हैं, जिन्हें बढ़ाकर 9,000 किया जाएगा। इस वृद्धि के साथ, दुग्ध संकलन की क्षमता 10.5 लाख किलोग्राम से बढ़कर 20 लाख किलोग्राम प्रतिदिन हो जाएगी। इसके अलावा, दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता को बढ़ाकर 30 लाख लीटर प्रतिदिन किया जाएगा, जो कि वर्तमान में 18 लाख लीटर प्रतिदिन है।
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दुग्ध उत्पादकों की आय दोगुना करने के लिए 1500 करोड़ रुपए का निवेश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि इस योजना के तहत 5 साल में लगभग 1500 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा और प्रदेश में दुग्ध उत्पादकों की कुल वार्षिक आय को 1700 करोड़ रुपए से दोगुना कर 3500 करोड़ रुपए करने का लक्ष्य रखा गया है।
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सांची ब्रांड को राष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा स्थापित
सीएम मोहन यादव ने यह भी कहा कि इस अनुबंध के तहत राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा सांची ब्रांड को और मजबूती दी जाएगी और इसका राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसारकिया जाएगा। इसके साथ ही, दुग्ध संघों के प्रबंधन और नवीन प्रसंस्करण अधोसंरचनाओं के विकास के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।
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बनाई जाएगी शिकायत निवारण प्रणाली
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए शिकायत निवारण प्रणाली भी विकसित की जाएगी, जिससे डेयरी किसानों के हितों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। यह कदम प्रदेश के पशुपालन और डेयरी विभाग को मजबूत करेगा और सांची ब्रांड को एक राष्ट्रीय पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाएगा।
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