सौरभ शर्मा ने मांगी जान की सुरक्षा, मध्यप्रदेश सरकार को लिखा पत्र

सौरभ शर्मा ने मध्यप्रदेश सरकार को पत्र लिखकर अपनी और अपने परिवार की जान की सुरक्षा की मांग की है। उनका दावा है कि अगर उन्हें सुरक्षा की गारंटी दी जाती है, तो वे जांच एजेंसियों के सामने आकर बड़ा खुलासा करने के लिए तैयार हैं...

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Jitendra Shrivastava
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BHOPAL. आरटीओ के पूर्व आरक्षक धन कुबेर सौरभ शर्मा ( Saurabh Sharma ) भले ही अभी ईडी ( ED ) की गिरफ्त से बाहर है, लेकिन उसके संपर्क वालों की घेराबंदी जारी है। इसी बीच इस चर्चित मामले में नया मोड़ आ गया है। सौरभ शर्मा ने सरकार को पत्र लिखकर अपनी जान और परिवार की सुरक्षा की मांग की है। उसका कहना है कि वे जांच एजेंसियों के सामने आकर बड़े खुलासे करेंगे, बशर्ते उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए।

मामले को लेकर सौरभ के वकील ने भी बयान दिया है, इसमें उन्होंने सौरभ को एक आसान निशाना बताया है। सौरभ शर्मा ने लिखा कि अगर सरकार सुरक्षा की गारंटी देती है, तो वे मामले में जांच एजेंसियों के सामने आकर सच्चाई उजागर करेंगे। सौरभ का दावा है कि जब्त की गई संपत्ति, सोना और नकदी उनका नहीं बल्कि, कुछ राजनेताओं और ब्यूरोक्रेट्स का है।

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सौरभ शर्मा के वकील का बयान

भोपाल निवासी सौरभ शर्मा ने वकील राकेश पाराशर के माध्यम से मध्यप्रदेश सरकार को लिखे अपने पत्र में कहा कि उन्हें, उनकी पत्नी, मां और बच्चों को जान का खतरा है। अगर सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करती है, तो वे जांच एजेंसियों के सामने आकर सभी आरोपों पर प्रकाश डालने के लिए तैयार हैं। सौरभ के वकील ने कहा कि पकड़ा गया सोना, नकदी और संपत्ति असल में राजनेताओं और ब्यूरोक्रेट्स की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सौरभ को "आसान निशाना" बनाकर पूरे मामले की जिम्मेदारी उन पर डाल दी गई है। वकील ने लोकायुक्त से अपील की कि वे प्रेस कांफ्रेंस कर सौरभ को सुरक्षा देने का आश्वासन दें।

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राजनीतिक और प्रशासनिक संबंध

वकील ने यह भी आरोप लगाया कि जांच एजेंसियों ने पहले ही यह मान लिया है कि सौरभ दोषी है। हालांकि, उनका कहना है कि यह मामला सात साल के एक कांस्टेबल का नहीं हो सकता। इसमें एक बड़ा सिंडिकेट शामिल है, जो वर्षों से सक्रिय है।

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लोकायुक्त से अपील

सौरभ के वकील ने लोकायुक्त से स्पष्ट बयान देने की मांग की कि सौरभ को उनसे कोई खतरा नहीं है। साथ ही, उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन दिया जाए। मले में नए खुलासे के बाद सरकार और जांच एजेंसियों पर सवाल उठ रहे हैं। सौरभ शर्मा का कहना है कि जब तक उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती, वे जांच एजेंसियों के सामने नहीं आएंगे।

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