मां लक्ष्मी और कुबेर के साथ शनि देव को भी करें प्रसन्न, खूब होगी धनवर्षा

इस धनतेरस पर शनि प्रदोष व्रत और विशेष पूजा विधियों को जानें। इससे शनि देव की कृपा प्राप्त करें और समृद्धि और सुख की प्राप्ति करें। यह संयोग बेहद खास है, जिसका लाभ उठाएं!

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Jitendra Shrivastava
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Shani Pradosh Vrat

Photograph: (thesootr)

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धनतेरस मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा का दिन है। इस बार यह शनिवार को शनि प्रदोष व्रत के साथ है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन शनि देव की पूजा और आशीर्वाद विशेष रूप से लाभकारी होते हैं।

शनि देव की कृपा से समृद्धि, सुख और शांति मिलती है। शनि देव की नाराजगी से धन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने के उपाय करना आवश्यक है।

धनतेरस पर शनि देव की कृपा क्यों आवश्यक है? 

धनतेरस पर शनि देव की पूजा करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि शनि देव का प्रभाव सीधे तौर पर जीवन की समृद्धि और बाधाओं को दूर करने से जुड़ा हुआ है।

अगर शनि देव प्रसन्न होते हैं, तो जीवन में स्थायी धन और सुख का संचार होता है। इस दिन शनि प्रदोष व्रत का पालन करना और शनि देव के साथ-साथ लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा करना जरूरी है ताकि जीवन में धन की कमी न हो।

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शनि देव को प्रसन्न करने के उपाय...

शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाते हैं-

  1. शनि देव का मंत्र: “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप शनि देव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।
  2. पीपल के पेड़ की पूजा: पीपल के पेड़ में गंगाजल और काले तिल चढ़ाकर उसकी तीन बार परिक्रमा करना शनि देव की कृपा पाने के लिए शुभ माना जाता है।
  3. दान: इस दिन काले वस्त्र, उड़द की दाल और तिल का दान करना शनि देव को प्रसन्न करने का एक प्रभावी उपाय है।

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शनि देव की कृपा प्राप्त करने के टिप्स...

  • पीपल के पेड़ की पूजा करें: गंगाजल और काले तिल चढ़ाकर परिक्रमा करें।
  • मंत्र जाप करें: “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।
  • दान करें: काले वस्त्र और उड़द की दाल का दान करें।

शनि प्रदोष व्रत– समृद्धि के लिए सर्वोत्तम उपाय

शनि प्रदोष व्रत का महत्व और बढ़ जाता है जब यह धनतेरस के साथ संयोग बनाता है। यह व्रत शनि देव के साथ-साथ भगवान शिव की पूजा का भी दिन है। प्रदोष व्रत का उद्देश्य सभी बाधाओं और दुखों को दूर करना है। विशेष रूप से शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा और शनि देव की पूजा से जीवन में समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है।

शनि प्रदोष व्रत के लाभ...

  • धन: यह व्रत जीवन में स्थायी धन और सुख की प्राप्ति कराता है।
  • स्वास्थ्य: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है।
  • शांति: घर में शांति और समृद्धि की वृद्धि होती है।

धनतेरस पर क्या न करें? 

धनतेरस पर कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें नकारात्मक परिणामों से बचने के लिए नहीं करना चाहिए-

  • जुआ, नशा और धोखाधड़ी से बचें।
  • चमड़े से बनी वस्त्रों (जूते, चप्पल, पर्स) का उपयोग न करें।
  • नमक, सरसों का तेल और काजल न खरीदें।
  • पूर्व, दक्षिण या ईशान दिशा में यात्रा करने से बचें।

शनि प्रदोष व्रत पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

धनतेरस और शनि प्रदोष व्रत के लिए पूजा का शुभ समय प्रदोष काल में आता है, जो सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले और 45 मिनट बाद होता है। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:43 से 5:33 बजे तक होता है, जो पूजा और स्नान के लिए सर्वोत्तम समय है।

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