मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में पुलिस ने केवाईसी (KYC) अपडेट के नाम पर लोगों से ठगी करने के मामले में आरोपी युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने ग्लू गन का इस्तेमाल करके नकली अंगूठे का प्रिंट बनाकर कई लोगों से लाखों की ठगी की। आरोपी ने अपनी साजिश में एक महिला और तीन अन्य व्यक्तियों को भी शामिल किया था, जो अब फरार हैं।
जानें पूरा मामला
पुलिस ने बताया कि यह मामला शिवपुरी के खनियाधाना इलाके का है, जहां आरोपी भूपेंद्र लोधी और उसके साथी मजदूरों से केवाईसी अपडेट करने के बहाने उनके अंगूठों पर चिपचिपा पदार्थ लगाकर अंगूठे का स्कैन करते थे। इसके बाद, वह उन अंगूठों से नकली थंब प्रिंट तैयार कर लेते थे और एईपीएस (AEPS) के जरिए पीड़ितों के बैंक खातों से पैसे निकाल लेते थे। इन शातिर ठगों ने लोगों से ठगे गए रुपयों से खनियाधाना के राजापुर चौराहा पर 5 लाख रुपए का प्लॉट भी खरीदा था। जिस पर उन्होंने आठ दुकानें बनवाईं। आरोपियों ने मिलकर 200 से ज्यादा लोगों से करीब 20 लाख रुपए की ठगी को अंजाम दिया।
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केवाईसी के नाम पर अंगूठा स्कैन कर ठगी
केवाईसी के नाम पर स्कैन कर ठगी का मामला तब सामने आया जब बल्लो बाई नाम की एक आदिवासी महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। बल्लो बाई ने बताया कि चार महीने पहले आरोपी भूपेंद्र ने उनके अंगूठे का स्कैन लिया था और बाद में उनके खाते से 30 हजार रुपए निकाल लिए गए। महिला ने शिकायत में बताया कि वह चार-पांच महीने पहले मजदूरी के लिए सिमलार गई हुई थीं, जहां आरोपी भूपेंद्र ने अंगूठे का स्कैन किया। बाद में, जब अपने खाते से रुपए निकालने के लिए बैंक पहुंची तो पता चला कि अलग-अलग डेट में उनके खाते से रुपए निकाले जा चुके हैं।
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धोखाधड़ी कर 20 लाख रुपए की ठगी
मामले में शिकायत के पुलिस ने जांच करते हुए 11 फरवरी को आरोपी भूपेंद्र लोधी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने और उसके साथियों ने मिलकर एक गिरोह बनाया था, जो इस धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा था। आरोपी ने पुलिस को यह भी बताया कि उन्होंने 200-250 लोगों से करीब 20 लाख रुपए की ठगी की।
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साली और दोस्तों के साथ मिलकर की ठगी
पूछताछ में आरोपी भूपेंद्र ने बताया कि उसका खुद का कियोस्क बैंक है। उसने दो साथी धर्मवीर यादव और महावीर यादव निवासी लौटन, मायापुर के साथ लोगों के ठगने के लिए गिरोह बनाया था। इस गिरोह में उसने अपनी साली करीना लोधी निवासी कछउआ, पिछोर को भी शामिल किया था। आरोपी ने पुलिस को आगे बताया कि उन्होंने नकली थंब क्लोन को अलग-अलग पैकेट में रखा था, जिसमें संबंधित व्यक्ति का नाम, आधार नंबर और बैंक का नाम लिख रखा था।
ग्लू गन, ग्लू स्टिक, OTG और थंब स्कैनर जब्त
पुलिस ने आरोपी के पास से 161 नकली थंब क्लोन (जो ग्लू गन से बनाए गए थे), वीवो मोबाइल, ग्लू गन, 5 ग्लू स्टिक, ओटीजी और थंब स्कैनर के साथ 30 हजार रुपए कैश भी बरामद किए। फिलहाल पुलिस मामले में जांच कर रही है। पुलिस ने अन्य आरोपियों की तलाश तेज तर दी है। यह मामला यह साबित करता है कि केवाईसी अपडेट के नाम पर धोखाधड़ी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। पुलिस की सक्रियता से एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, ऐसे मामलों से बचने के लिए लोगों को जागरूक रहना जरूरी है, ताकि इस तरह के अपराधों से बचा जा सके।
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