शिवराज सिंह चौहान बोले- बार-बार चुनाव होने से विकास ठप, अब एक देश-एक चुनाव जरूरी

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में 'एक देश-एक चुनाव' कार्यक्रम के दौरान कहा कि बार-बार होने वाले चुनावों के कारण विकास काम ठप हो जाते हैं, फैसले प्रभावित होते हैं और सरकारें लंबी अवधि के लिए कोई योजना नहीं बना पातीं।

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Jitendra Shrivastava
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केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान चुनावों के बार-बार होने के कारण विकास पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि चुनावों के कारण सरकारों की योजनाएं प्रभावित होती हैं, और लंबे समय तक विकास कार्य नहीं हो पाते। शिवराज का मानना है कि 'एक देश-एक चुनाव' प्रणाली से न केवल खर्च में कमी आएगी, बल्कि विकास की दिशा में भी तेजी आएगी। उन्होंने यह सुझाव दिया कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने चाहिए, ताकि राष्ट्र के लिए काम करने का समय मिल सके।

चुनावों का डर फैसलों को प्रभावित करता है: शिवराज

भोपाल के एक प्राइवेट कॉलेज में आयोजित 'एक देश-एक चुनाव' कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनावों के बार-बार होने से होने वाली समस्याओं पर विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि चुनावों के कारण न सिर्फ विकास कार्य प्रभावित होते हैं, बल्कि सरकारें लंबी अवधि के लिए योजनाएं भी नहीं बना पातीं। शिवराज ने इस बात पर जोर दिया कि चुनावों का डर सरकारों के फैसलों को प्रभावित करता है और कई बार महत्वपूर्ण निर्णय भी टल जाते हैं। 

चुनावों के खर्च पर भी उठाया सवाल

शिवराज सिंह चौहान ने चुनावों पर होने वाले खर्च को लेकर चिंता जताई और कहा कि चुनावों की बार-बार हो रही प्रक्रिया से धन का अपव्यय होता है। उनका कहना था कि चुनावों में जो औपचारिक खर्चा दिखता है, उससे कहीं अधिक खर्च चुनावों की तैयारियों में और चुनाव आचार संहिता के कारण होता है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारों को लंबे समय तक चलने वाली योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने का समय नहीं मिलता क्योंकि चुनाव के दौरान अधिकांश समय चुनावी तैयारियों में ही लग जाता है।

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एक साथ चुनावों की आवश्यकता

शिवराज ने एक साथ चुनावों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यदि संविधान में संशोधन करके लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाते हैं, तो सरकारों को 4.5 साल का समय मिल सकता है, जो जनता और विकास के लिए काम करने में मदद करेगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ओडिशा में दो बार लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए, और लोगों ने अलग-अलग वोट दिए, लेकिन दोनों चुनावों के परिणाम लोकतांत्रिक थे। 

प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता पर सवाल

शिवराज ने कहा कि कुछ लोग एक साथ चुनावों से डरते हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता बहुत अधिक है, लेकिन उनका मानना है कि जनता समझदार है और वह लोकसभा और विधानसभा के चुनावों के लिए अलग-अलग वोट देती है। उन्होंने यह भी कहा कि एक साथ चुनावों से होने वाले फायदों के बारे में अब सोचने का समय आ गया है।

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आचार संहिता की रुकावट को खत्म करना चाहिए

शिवराज ने अंत में यह कहा कि अब समय आ गया है कि देश को यह तय करना चाहिए कि बार-बार होने वाले चुनावों की बर्बादी और आचार संहिता की रुकावट को खत्म करना चाहिए, ताकि देश का विकास निर्बाध रूप से हो सके। एक साथ चुनाव होने से न सिर्फ सरकारी खर्चों में कमी आएगी, बल्कि विकास कार्यों को गति मिलेगी।

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