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MP NEWS: मध्य प्रदेश में 1 जून 2025 से स्मार्ट पीडीएस सिस्टम लागू किया जाएगा। पहले यह योजना 1 मई से शुरू होने वाली थी, लेकिन ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी न होने के कारण इसे एक महीने आगे बढ़ाया गया। अब तक राज्य के 87% उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी पूरी हो चुकी है और शेष प्रक्रिया 31 मई तक पूरी की जाएगी।
इस सिस्टम के लागू होने के बाद केंद्र सरकार सीधे खाद्यान्न वितरण की निगरानी कर सकेगी और राज्य स्तर पर किए जाने वाले नियमों में समानता लाई जाएगी। इसके साथ ही एपीएल श्रेणी को राशन देने की प्रक्रिया बंद की जाएगी। यह योजना ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ की दिशा में एक और बड़ा कदम है। स्मार्ट पीडीएस के जरिए राशन वितरण व्यवस्था को पारदर्शी और डिजिटल बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
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87% उपभोक्ताओं की eKYC पूरी
अब तक राज्य के लगभग 87 प्रतिशत राशन उपभोक्ता ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं। सरकार शेष 13 प्रतिशत उपभोक्ताओं का डाटा 31 मई तक अपडेट कर इस व्यवस्था को पूरी तरह लागू करना चाहती है। यह अंतिम तिथि तय की गई है और इसके बाद बिना ई-केवाईसी वाले उपभोक्ताओं को सिस्टम से बाहर किया जा सकता है।
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राशन वितरण पर अब केंद्र की सीधी नजर
स्मार्ट पीडीएस के लागू होने के बाद केंद्र सरकार सीधे राज्य के राशन वितरण की मॉनिटरिंग कर सकेगी। यह पहल ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ स्कीम को और मजबूत बनाएगी और खाद्यान्न वितरण में एकरूपता सुनिश्चित करेगी। केंद्र का उद्देश्य है कि राशन वितरण व्यवस्था पारदर्शी हो, जिससे फर्जीवाड़ा और अपात्र लोगों को राशन मिलने की घटनाएं रोकी जा सकें।
नियम बदलने की आजादी अब सीमित
अभी तक कुछ राज्य अपने स्तर पर एपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं को भी राशन उपलब्ध कराते थे। स्मार्ट पीडीएस लागू होने के बाद राज्यों को केवल केंद्र की गाइडलाइन के आधार पर ही खाद्यान्न वितरण करना होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी राज्यों में राशन वितरण की स्थिति समान हो।
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वन नेशन वन राशन कार्ड सिस्टम
स्मार्ट पीडीएस सिस्टम, पहले से लागू 'वन नेशन वन राशन कार्ड' की दिशा में एक और ठोस कदम है। इस योजना के तहत पात्र उपभोक्ता देश के किसी भी कोने से राशन प्राप्त कर सकते हैं। अब डिजिटल निगरानी के जरिए यह भी देखा जा सकेगा कि लाभ वास्तव में पात्र लोगों तक पहुंच रहा है या नहीं।
एमपी हिंदी न्यूज