दास, बढेरा, कालरा, वाधवानी के पिनेकल ड्रीम प्रोजेक्ट का निकला हल, NCLT ने मुंबई की कंपनी देवव्रत के प्रस्ताव को दी मंजूरी

होमबायर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संजय कुंद्रा ने बताया कि यह आदेश ट्रिब्यूनल से जारी हो गया है। दो साल में सभी पीड़ितों को फ्लैट दिए जाएंगे और उनसे किसी तरह की अतिरिक्त राशि नहीं ली जाएगी।

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Jitendra Shrivastava
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पिनेकल ड्रीम प्रोजेक्ट का निकला हल।

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संजय गुप्ता, INDORE. आठ साल से पिनेकल ड्रीम प्रोजेक्ट में अपने फ्लैट का रास्ता देख रहे 640 पीड़ितों का रास्ता निकल गया है। NCLT (नेशन कंपनी ला ट्रिब्यूनल) इंदौर ने इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए मुंबई के राजीव अग्रवाल की कंपनी देवव्रत डेवलपर्स प्रालि के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को इसका लिखित आदेश जारी हो गया है। दो साल में सभी पीड़ितों को फ्लैट दिए जाएंगे और उनसे किसी तरह की अतिरिक्त राशि नहीं ली जाएगी। 

होमबायर्स एसोसिएशन ने जताई राहत

होमबायर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संजय कुंद्रा ने बताया कि यह आदेश ट्रिब्यूनल से जारी हो गया है। इसमें हम बायर्स से किसी तरह की अतिरिक्त राशि नहीं ली जाएगी। प्रोजेक्ट लेने वाली कंपनी अपना मुनाफा अतिरिक्त बची जमीन 1.98 हेक्टयर जिस पर पांच और टावर्स बनने थे इसे बनाकर, बेचकर अपना खर्चा, मुनाफा निकालेगी। सभी होमबायर्स ने समिति बनाकर सांवरलाल शर्मा,  सेवानिवृत्ति नौसेना अधिकारी के नेतृत्व में इसमें पूरी लंबी लड़ाई लड़ी। 

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2009-10 में दास, बढेरा, कालरा, वाधवानी लेकर आए थे प्रोजेक्ट

यह प्रोजक्ट पिनेकल ड्रीम, साल 2009-10 में इंदौर में लांच हुआ था, तब फिल्म स्टार ऋतिक रोशन जैसों ने इसे प्रमोट किया था। यह प्रोजेक्ट जेएसएम डेवकांस प्रालि जो आशीष दास और पुष्पेंद्र बडेरा की थी, उनके साथ अशोका हाई टेक बिल्डर्स प्रालि जो नीतेश वाधवानी और धीरज कालरा की कंपनी है, दोनों का ज्वाइंट एडवेंचर था। 4.98 हेक्टेयर पर यह प्रोजेक्ट आया जिसमें जमीन कालरा की थी और उनकी हिस्सेदारी 32 फीसदी की थी, वहीं जेएसएम का काम इसे बनाना, डेवलप करना था, उनकी हिसस्दारी 68 फीसदी की थी। लेकिन यह प्रोजेक्ट में 6 अधूरे टावर बने, 640 ने बुकिंग की, इसमें सभी इंदौर और मप्र के हाईप्रोफाइल व्यक्ति थे। क्योंकि यह प्रोजेक्ट उस समय सबसे महंगे फ्लैट प्रोजेक्ट में से एक था, लेकिन साल 2016 में प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया। 

इसके बाद हुए केस, गिरफ्तारी, फरारी

इसके बाद दास, बढेरा गायब हो गए, फिर पुलिस में कई केस हुए। बाद में गिरफ्तारी हुई। कोर्ट में केस चले। इसमें हाईकोर्ट ने जस्टिस दीपक वर्मा की एसआईटी भी गठित की, मामला एनसीएलटी में भी चला गया। प्रोजेक्ट को फायनेंस करने वाली कंपनी मोटल रेहन ने ट्रिब्यूनल में केस लगा दिया। इसमें रिजोल्यूशन प्रोफेशनल के तौर पर संजय सिंह की नियुक्ति हुई कि वह इसका समाधान खोजेंगे, इसी बीच कालरा ने भी 400 करोड़ की डिमांड वाला आवेदन लगा दिया। पूरे मामले में सिंह की भूमिका को लेकर होमबायर्स एसोसिएशन ने आपत्ति ली। इसके बाद छाया गुप्ता को नया रिजोल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्ति किया, जिसके बाद प्रोजेक्ट हल करने में तेजी आई। 

अगस्त 2023 में प्रस्ताव दिया, सभी की सहमति से ट्रिब्यूनल ने किया मंजूर

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इंसॉल्वेंसी प्रोफेशनल छाया गुप्ता की नियुक्ति नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल द्वारा नवंबर 2022 में की गई। फ्लैट खरीदारों की ओर से  दिल्ली के एडवोकेट  नीरज गुप्ता को अपना वकील नियुक्त किया गया। जिन्होंने पुराने इंसॉल्वेंसी प्रोफेशनल को हटाकर नए इंसॉल्वेंसी प्रोफेशनल के नियुक्ति में और लेनदारों की समिति में गलत तरीके से जोड़े गए धीरज कालरा, नीतेश वाधवानी की कंपनी M/s Ahoka Hi-Tech Builders Pvt. Ltd को हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष  संजय कुंद्रा और नीरज  गुप्ता  की टीम ने  छाया गुप्ता के साथ पूरे प्रक्रिया को  पटरी पर लाने में और किसी नए  बिल्डर के माध्यम से प्रक्रिया को पूर्ण करने  का  बीड़ा उठाया और इस मार्ग में आने वाली सभी समस्याओं को एक-एक करके हल किया। मुंबई के बिल्डर Devvrat Developers Private Limited ने जब समाधान योजना के लिए आवेदन किया तो कुंद्र और गुपता की टीम ने बात कर तय कराया कि फ्लैट वालों को अतिरिक्त कीमत नहीं लगे। 

अतिरिक्त कीमत लगे दो साल में मिलेंगे फ्लैट

Devvrat Developers Private Limited ने अगस्त 2023 में अपनी समाधान योजना प्रस्तुत की जिसके अनुसार सभी फ्लैट खरीदारों को उनके फ्लैट बिना किसी अतिरिक्त लागत के दिए जाने का प्रस्ताव रखा जो की फ्लैट खरीदारों ने स्वीकार किया और लेनदारों की समिति ने भारी बहुमत से इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके बाद इस पर कानूनी प्रक्रिया होने के बाद इसे कागज पर लिया गया और 5 अप्रैल 2024 को यह विस्तृत आदेश जारी हुआ। इसमें दो साल (अतिरिक्त 6 माह ग्रेस पीरियड) के भीतर सभी को फ्लैट मिलेंगे, बिना अतिरिक्त राशि दिए हुए। अन्य लेनदारों को भी समाधान योजना के अनुसार उनकी लेनदारियां प्राप्त करने का रास्ता खुल गया है।

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