PANNA. पन्ना राजघराने का विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार महारानी जितेश्वरी देवी ने अपनी ननद कृष्णा के खिलाफ थाने में शिकायत की है। आरोप ये है कि ननद ने आधी रात को गुंडे भेजकर उनके कमरे का दरवाजा तोड़ने की कोशिश की और उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इससे पहले जन्माष्टमी की पूजा के दौरान भी प्रसिद्ध जुगल किशोर मंदिर में ये राजघराने की लड़ाई चर्चा में रही थी। जानकारी के मुताबिक मंदिर के गर्भगृह से रानी जितेश्वरी को घसीटकर बाहर निकाला गया था।
संपत्ति है इस विवाद का जड़
बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं, जब राजघराने का विवाद पुलिस तक पहुंचा हो। इससे पहले भी ऐसा कई बार हो चुका है। पुलिस के रिकॉर्ड में पन्ना राजघराने की महारानी जितेश्वरी के खिलाफ पन्ना और दिल्ली का मिलाकर कुल 13 केस दर्ज हैं। जांच-पड़ताल में पता चला कि इस विवाद की जड़ संपत्ति है।
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कैसे बनीं जयपुर की राजकुमारी पन्ना राजघराने की महारानी?
जानकारी के मुताबिक 1998 में पन्ना के महाराज मानवेंद्र के बेटे राघवेंद्र सिंह की शादी राजस्थान के जयपुर स्टेट की राजकुमारी जितेश्वरी से हुई थी। राघवेंद्र 2005 में महाराज बने, लेकिन ये बात मां दिलहर देवी को नागवार गुजरी। दिलहर अपनी बेटी कृष्णा को संपत्ति में बड़ा हिस्सा देना चाहती थीं। वह बेटे से ज्यादा बेटी को चाहती थीं। यानी राघवेंद्र के महाराज बनते ही मां-बेटे और बहू-ननद में विवाद शुरू हो गया। इसके बाद राघवेंद्र के जीवित रहते ही ये विवाद कई बार पुलिस तक पहुंचा। जनवरी 2023 में किडनी की बीमारी के चलते राघवेंद्र की मौत हो गई। इसके बाद सास और बहू में झगड़ा और बढ़ गया। एक तरफ सास दिलहर और ननद कृष्णा थीं और दूसरी ओर जितेश्वरी देवी। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर लगातार कई गंभीर आरोप लगाए।
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कहां-कहां है इस शाही परिवार की प्रॉपर्टी
कहा जाता है कि इस शाही परिवार की प्रॉपर्टी केवल पन्ना में ही नहीं बल्कि, मुंबई, दिल्ली, गुरुग्राम, लखनऊ और भोपाल में भी है। 2005 से ही ये सारी जायदाद राजघराने के लोगों के बीच विवाद की वजह बनी हुई है। पन्ना के लोगों का कहना है कि पूर्व महाराजा मानवेंद्र सिंह के जिंदा रहते ही प्रॉपर्टी को लेकर परिवार में विवाद शुरू हो गया था। राजस्थान के जयपुर की राजकुमारी, जितेश्वरी देवी का जन्म 1971 में हुआ था। जितेश्वरी ठिकाना शिवाद के राजावत ठाकुर दरबार शिवप्रकाश सिंह की बेटी हैं। इनकी मां नरेंद्र कंवर, भैरोसिंह शेखावत की सरकार में पर्यटन मंत्री रही हैं। इनकी मां ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत सवाई माधोपुर से निर्दलीय चुनाव जीतकर की थी। जितेश्वरी देवी की शादी 1998 में पन्ना महाराज राघवेंद्र सिंह जूदेव से हुई।
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अब तक जितेश्वरी देवी 13 मामले दर्ज
पुलिस का कहना है कि जितेश्वरी देवी पर पन्ना में अब तक 13 मामले दर्ज हो चुके हैं। दो एफआईआर दिल्ली के तुगलकाबाद और कनॉट प्लेस एरिया में दर्ज हैं। 11 प्रकरणों में 6 प्रतिबंधात्मक हैं। अब तक 3 मामलों में वो बरी हो चुकी हैं। तीन प्रकरण कोर्ट में लंबित हैं। एक विवाद पिछली जन्माष्टमी में हुआ था। तब जितेश्वरी देवी पर सास दिलहर देवी ने एफआईआर दर्ज कराई थी। एक बार उन पर आर्म्स एक्ट का भी चार्ज लग चुका है। दिल्ली प्रकरण में भी इनडायरेक्ट फरियादी दिलहर देवी ही हैं। सितंबर, 2023 में बुंदेलखंड के प्रसिद्ध जुगल किशोर मंदिर में पन्ना राजघराने की महारानी जितेश्वरी देवी पर कृष्ण जन्माष्टमी पर हंगामा करने के आरोप लगे थे। कृष्ण जन्मोत्सव रात 12 बजे शुरू हुआ, इस दौरान जितेश्वरी देवी आरती के बीच से उठीं और गर्भगृह में जाकर पुजारी से चंवर छुड़ा लिया। फिर भक्तों की तरफ देखकर गलत तरीके से चंवर डुलाने लगीं। पुजारी से अभद्रता का भी उन पर आरोप लगा था।
जितेश्वरी देवी आर्म्स एक्ट का केस भी दर्ज
पुजारी और वहां मौजूद लोगों ने जितेश्वरी देवी को गर्भगृह से बाहर करने की कोशिश की, तो वह गिर गईं। बाद में पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक बाहर किया। उसके बाद जितेश्वरी देवी ने पुलिस पर घसीटकर निकालने और अभद्रता के आरोप लगाए। मंदिर समिति के प्रबंधक संतोष कुमार तिवारी ने पुलिस को शिकायत में महारानी के नशे में होने का दावा किया था। इसके बाद पुलिस ने महारानी जितेश्वरी देवी को गिरफ्तार कर सीजीएम न्यायालय में पेश किया था। वहां उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। एक दिन उन्हें जेल में रहना पड़ा था, इसके बाद सीजीएम कोर्ट ने महारानी को जमानत दी थी। जितेश्वरी देवी की सास दिलहर देवी ने अपनी बहू ही नहीं अपने बेटे राघवेंद्र सिंह और पोते छत्रसाल द्वितीय पर भी केस दर्ज कराए हैं। साल 2021 में दिलहर देवी ने उनपर जानलेवा हमला करने और भीड़ इकट्ठा कर उपद्रव करने के आरोप में केस दर्ज कराया था। इसी मामले में उन पर आर्म्स एक्ट का भी केस दर्ज हुआ था। दिलहर देवी ने आरोप लगाया था कि जितेश्वरी ने अपने परिवार के साथ मिलकर उनके दरवाजे पर हंगामा किया था। जितेश्वरी ने शराब के नशे में हमला किया था। फिर अपने हाथ में लिए कट्टे को फेंककर चली गई। इसी कट्टे को सबूत बताकर पुलिस में आर्म्स एक्ट का प्रकरण दर्ज कराया गया था। इसके जितेश्वरी देवी को डेढ़ महीने जेल में भी रहना पड़ा था।
सास ने शुरू से ही किया है अत्याचार
जितेश्वरी देवी का कहना है कि जब से वह शादी के बाद इस घराने में आई हैं, उनकी सास दिलहर देवी ने चैन से जीने नहीं दिया है। सिर्फ मैं बुरी होती तो मान लेती, लेकिन उन्होंने बीमार बेटे और 14 साल के पोते को भी आरोपी बना दिया। उन्होंने सफाई में कहा कि न तो मैं शराब पीती हूं और न ही हथियार रखती हूं। तब भी सास ने मुझ पर झूठे केस दर्ज कराकर मेरी जिंदगी नरक कर दी है। इन झूठे मुकदमों ने मुझे मानसिक रूप से परेशान किया है। मामला न्यायालय में है। उम्मीद है कि कोर्ट से मेरे साथ न्याय होगा। जितेश्वरी देवी पर एक मुकदमा दिल्ली में दर्ज है। 2005 में ससुर मानवेंद्र सिंह ने बहू और बेटे राघवेंद्र पर एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप है कि इन्होंने मानवेंद्र सिंह की पहली पत्नी कृष्णा कुमारी के नाम पर डीएलएफ अथॉरिटी में रजिस्टर्ड एक फ्लैट को फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर अपने नाम पर ट्रांसफर करा लिया। दावा किया गया कि ये सभी नकली कागजात जयपुर में तैयार कराए गए।
जितेश्वरी देवी ने समाजवादी पार्टी और बीजेपी दोनों के लिए काम किया
जितेश्वरी देवी कुछ समय के लिए राजनीति में भी रही हैं। इस दौरान वो थोड़े-थोड़े समय के लिए समाजवादी पार्टी और बीजेपी दोनों में रहीं। शुरुआत में इन्होंने मुलायम सिंह यादव की सलाह पर मध्यप्रदेश में ही समाजवादी पार्टी से जुड़कर काम किया। दो वर्षों तक सपा से जुड़े रहने के बाद वो बीजेपी में शामिल हो गईं। मगर कुछ ही समय में वैचारिक मतभेदों के चलते उन्होंने बीजेपी छोड़ दी। इसके बाद वो स्थानीय स्तर पर सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर बोलती रही हैं। बीते कुछ सालों से वो केन बेतवा प्रोजेक्ट का विरोध कर रही हैं। साथ ही क्षेत्र की जीवनदायनी किलकिला नदी के अस्तित्व के लिए भी वो बहुत सक्रियता से आवाज उठाती रही हैं।
राजमाता ने पुलिस से लगाई मदद की गुहार
पन्ना राजघराने की महारानी जितेश्वरी देवी ने अपने लेटर हैड पर 15 फरवरी को एक शिकायती आवेदन दिया है, जिसमें उन्होंने ननद कृष्णा कुमारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आवेदन में लिखा है कि 14 फरवरी की रात वह अपने निवास पर अकेले सो रही थीं। तभी उनकी ननद के 6 से 7 नौकर-चाकर, शराब के नशे में हाथ में लाठी-डंडे और धारदार हथियार लेकर आए और मेरे कक्ष का दरवाजा खटखटाकर अंदर आने का प्रयास किया। मेरे विरोध करने पर गालियां देकर जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि काफी देर तक हंगामा चलता रहा और फिर वह चले गए। यह गुंडे मेरी ननद कृष्णा कुमारी ने ही भेजे थे। राजमाता ने पुलिस को दिए आवेदन में कार्रवाई की मांग की है।