/sootr/media/media_files/2025/11/11/ajit-choudhary-2025-11-11-17-01-11.jpeg)
Photograph: (the sootr)
सुनील जैन @ अलवर
राजस्थान के अलवर जिले लक्ष्मणगढ़ के कफनवाड़ा निवासी एमबीबीएस स्टूडेंट अजीत चौधरी का शव सात दिन बाद भी भारत नहीं आ पाया है। शव गांव नहीं पहुंचने के कारण ग्रामीण और परिजन परेशान हैं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। जब से उसकी मौत की खबर परिजनों को मिली है, तब से घर में खाना नहीं बना है। घटना के बाद इलाके में आक्रोश है। लक्ष्मणगढ़ के व्यापारी बाजार बंद करने की चेतावनी दे रहे हैं।
संकट में अलवर का प्याज किसान : जिस प्याज ने कल किसान को किया था कर्जमुक्त, आज खून के आंसू रुला रहा
अधूरा रह गया सपना
गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। सभी के दिमाग में एक ही सवाल है कि आखिर अजीत का शव गांव कब पहुंचेगा। अजीत का शव रूस में व्हाइट रिवर से लगते बांध में सात दिन पहले मिला था। अजीत अपने सपने पूरा करने रूस गया था, लेकिन सपने को किसी की नजर लग गई और डॉक्टर बनने से पहले उसकी सांस थम गई।
रूस में 19 दिन से लापता अलवर के स्टूडेंट का मिला शव, पोस्टमार्टम के बाद दो दिन में भारत आएगी बॉडी
नदी किनारे मिले थे कपड़े
कफनबाड़ा निवासी अजीत पुत्र रूपसिंह चौधरी रूस के ऊफा शहर में बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में MBBS की पढ़ाई करने गया था। वह थर्ड ईयर का स्टूडेंट था। कॉलेज कैंपस से कुछ ही दूरी पर नदी बहती है। इसमें अक्टूबर के महीने में पानी भी उफान पर था। 19 अक्टूबर को अजीत लापता हो गया था और 20 अक्टूबर को रूस में नदी के किनारे उसके कपड़े मिले थे।
रूस में मेडिकल की पढ़ाई करने गया अलवर का स्टूडेंट लापता, 4 दिन बाद भी नहीं मिल रही कोई जानकारी
नदी में बहने का अंदाजा
कपड़ों के आधार पर माना जा रहा था कि वह नदी में बह गया है। तब से लगातार सर्च किया जा रहा था, लेकिन उसकी जानकारी नहीं मिल रही थी। पूरा परिवार बेटे के लौटने की उम्मीद में था, लेकिन उसकी मौत की सूचना आई। अब परिजन और गांववाले उसके शव के इंतजार में हैं। सात दिन हो गए, लेकिन अभी तक शव भारत नहीं आ पाया है।
18 देशों में निर्यात होता है अलवर में बना सजावटी सामान, एक से बढ़कर एक हजारों तरह के उत्पाद
कोई नहीं सुन रहा फरियाद
अजीत को उसके परिवार ने 3 बीघा जमीन बेचकर रूस पढ़ने भेजा था। उसका दूसरा भाई कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रहा है। परिवार के पास पांच बीघा जमीन है। इसमें से 3 बीघा जमीन बिक गई है।
परिजनों ने बताया कि इस संबंध में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से भी कई बार मिले हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है। उन्होंने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि न यूनिवर्सिटी में उनका फोन उठाया जाता है और ना ही एंबेसी में अधिकारी सही तरीके से बात करते हैं।
सिंघाड़े की खेती पर मछलियां पड़ रहीं भारी, अलवर की सिलीसेढ़ झील का है मामला
बेसुध मां मांग रही अपना लाल
मृतक की मां और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह हमारे बेटे का शव अभी तक नहीं ला पाई है। अजीत की मां रोकर अपना लाल वापस मांग रही है। वह बेसुध हो रही है। वहीं गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। लक्ष्मणगढ़ के व्यापारियों का कहना है कि अगर एक-दो दिन में शव नहीं आया, तो हम बाजार बंद करने की कार्रवाई करेंगे और सरकार को मजबूर करेंगे।
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us