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Photograph: (the sootr)
राजस्थान में झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद अलवर नगर निगम की ओर से कराए गए निरीक्षण में अलवर के नगर निगम के सभागार समेत 48 भवन जर्जर और गिराऊ पाए गए हैं।
इनमें अलवर के स्वर्ग रोड स्थित सैनी छात्रावास और भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष पंडित धर्मवीर के घर का कुछ हिस्सा भी जर्जर माना गया है। नगर निगम का सभागार काफी बड़ा है। इसमें नगर निगम बोर्ड की बैठक होती है। करीब एक साल से इस बोर्ड की मीटिंग नहीं हो रही। पहली बार नगर निगम ने इस सभागार को जर्जर माना है।
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भवन मालिकों को दिया नोटिस
नगर निगम ने सभी जर्जर भवनों को नोटिस जारी किया है। निगम ने कहा है कि तीन दिन में या तो अपने जर्जर भवन को दुरुस्त कर लें, अन्यथा नगर निगम अपने स्तर पर विधिक कार्रवाई करेगा। जहां मकान गिरने की आवश्यकता होगी, वहां उसे गिराया जाएगा। इसका हर्जा-खर्चा संबंधित मकान मालिक से लिया जाएगा।
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सभागार की होगी मरम्मत या गिराएंगे
अधिशासी अभियंता के अनुसार नगर निगम का जो मीटिंग हाल है, वह इस वक्त बैठने लायक नहीं है। उसको जर्जर घोषित कर कर उसका टेंडर दिया जा रहा है। तकनीकी शाखा द्वारा जो भी निर्णय होगा, वह लिया जाएगा। इसकी मरम्मत कराई जानी है या इसको डिस्मेंटल कर दोबारा बनाया जाएगा।
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मरम्मत नहीं, तो होगी कार्रवाई
नगर निगम के अधिशासी अभियंता खेमराज मीणा ने बताया कि बरसात में गिराऊ मकान की सूची तैयार कराई गई। इसमें 48 भवनों को जर्जर और गिराऊ माना है। इन भवनों को चिन्हित कर बैरिकेड्स लगाकर गिराने का काम किया जाएगा। अभी हाल में ही शहर में एक मकान को गिराया गया है।
इस मामले में किसी भी तरीके की लापरवाही स्वीकार नहीं होगी। नोटिस राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 के अंतर्गत धारा 243 के तहत दिया गया है। भवन मरम्मत नहीं करने पर अधिनियम की धारा 243 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन जर्जर भवन गिराने की कार्रवाई करेगा?
अलवर जिले में 20 चिकित्सा केंद्र जर्जर भवन में संचालित हो रहे हैं। सीएमएचओ कार्यालय भवन भी जर्जर है। करीब एक साल से डिप्टी सीएमएचओ व आरसीएचओ कार्यालय के नए भवन में अस्थायी रूप से सीएमएचओ कार्यालय का संचालन किया जा रहा है। जिले में 2 पीएचसी, 3 सीएचसी और 15 उप स्वास्थ्य केन्द्र (सब सेंटर) जर्जर भवन में संचालित हैं। जिला अस्पताल परिसर में संचालित जीएनएमटीसी व एएनएमटीसी का भवन भी जर्जर अवस्था में है। यहां कमरों का प्लास्टर झड़ने के साथ ही छज्जे गिराऊ हालत में हैं। करीब एक साल पहले शिशु अस्पताल की गैलरी से प्लास्टर उखड़कर गिरा था, जिसे अभी तक सही नहीं किया जा सका है और वार्ड में मरम्मत कार्य भी नहीं हो सका है। | |||||||||
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