नीरजा मोदी स्कूल को CBSE का नोटिस, अमायरा मौत मामले में जांच में मिली गंभीर चूक, होगा एक्शन

राजस्थान के जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल को अमायरा सुसाइड मामले में CBSE ने नोटिस भेजा। स्कूल प्रबंधन से 30 दिन में जवाब मांगा। CBSE ने स्कूल को कारण बताओ नोटिस भेजा। स्कूल पर CBSE कर सकता है कड़ी कार्रवाई।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित नीरजा मोदी स्कूल एक बार फिर सुर्खियों में है। 9 साल की छात्रा अमायरा की आत्महत्या (सुसाइड) के मामले में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने स्कूल प्रबंधन को नोटिस भेजा है। CBSE की दो सदस्यीय जांच समिति ने स्कूल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। नोटिस का 30 दिन में जवाब देने को कहा गया है।

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नए मोड़ पर मामला

रिपोर्ट के आधार पर CBSE ने 20 नवंबर को स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस मामले में अब तक अभिभावक और समाज लगातार न्याय की मांग कर रहे थे और CBSE की कार्रवाई ने इस मामले को नए मोड़ पर ला खड़ा किया है।

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अमायरा की शिकायतें नजरअंदाज

जांच में सामने आया कि अमायरा लगभग डेढ़ साल से बुलिंग का सामना कर रही थी। वह बार-बार अपमानजनक व्यवहार और तानों की शिकायत करती रही, लेकिन इन शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया। इसके अलावा, जांच समिति ने घटना के बाद स्कूल ने सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना से इनकार नहीं किया, क्योंकि फॉरेंसिक जांच से पहले ही घटनास्थल की सफाई कराई गई थी।

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आत्महत्या से पहले मदद की अपील

सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, अमायरा ने घटना से सिर्फ 45 मिनट पहले अपनी क्लास टीचर से पांच बार मदद की अपील की थी। उसने अपनी डिजिटल स्लेट पर सहपाठियों द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणियां दिखाईं, लेकिन टीचर ने उसकी मदद नहीं की। बच्ची स्पष्ट रूप से परेशान थी, लेकिन उसे काउंसलर के पास नहीं भेजा गया, जो कि CBSE के दिशा-निर्देशों और पॉक्सो एक्ट का उल्लंघन था।

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स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था में खामियां

CBSE की टीम ने 3 नवंबर को निरीक्षण के लिए स्कूल का दौरा किया था। इस दौरान यह पाया गया कि कई विद्यार्थी पहचान-पत्र नहीं पहन रहे थे, सुरक्षा और मॉनिटरिंग से संबंधित समितियां सक्रिय नहीं थीं और राष्ट्रीय गाइडलाइंस का पालन नहीं किया जा रहा था। रिपोर्ट में कहा गया कि स्कूल बच्चों को सुरक्षित और सकारात्मक माहौल देने में विफल रहा है और एफिलिएशन बाय लॉज का उल्लंघन किया गया है।

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सख्त कार्रवाई की चेतावनी

CBSE ने स्कूल से पूछा है कि एफिलिएशन बाय लॉज के चैप्टर 12 के तहत उस पर पेनल्टी क्यों न लगाई जाए। संभावित दंड में चेतावनी, जुर्माना, एफिलिएशन डाउनग्रेड करना, सस्पेंशन या एफिलिएशन को वापस लेना शामिल हो सकता है। स्कूल प्रबंधन को 30 दिनों के भीतर विस्तृत जवाब देने के लिए कहा गया है। इसके बाद बोर्ड आगे की कार्रवाई करेगा।

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