अंता उपचुनाव : उम्मीदवारों के लिए कत्ल की रात, आज के समीकरण कल मतदान में हो सकते हैं मददगार

राजस्थान के अंता उपचुनाव में भाजपा, कांग्रेस समेत 15 प्रत्याशियों ने अंतिम दिन घर-घर जाकर लोगों से साधा संपर्क। विभिन्न समाजों के पंच-पटेलों के लगाई ढोक। प्रत्याशियों ने वोट लेने के लिए किया हर जतन। इस सीट का परिणाम कई नेताओं का भविष्य तय करेगा।

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Rakesh Kumar Sharma
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Photograph: (the sootr)

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Baran. राजस्थान के बारां जिले के अंता विधानसभा सीट पर मंगलवार को मतदान होगा। मतदान से एक दिन पहले सोमवार को भाजपा के उम्मीदवार मोरपाल सुमन, कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने घर-घर जाकर वोटर्स को साधने का प्रयास किया। रविवार शाम को चुनावी प्रचार थम गया था। 

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वोट दिलाने की गुहार

सोमवार को दिन में प्रत्याशी उन क्षेत्रों में ज्यादा घूमे, जहां अब तक जा नहीं पाए थे। साथ ही प्रभावशाली समाज के पंच-पटेलों के पास जाकर वोट दिलाने की गुहार लगाते दिखे। समाज के उन नेताओं की मान-मनोव्वल करते दिखे, जो नाराज चल रहे थे। प्रत्याशियों के अलावा भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेता भी अपने-अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए जी-जान से जुटे नजर आए। 

किया हर जतन 

यह भी तय है कि आज की रात सबसे अहम है, क्योंकि कई प्रभावशाली जातियां और समूह ऐसे हैं, जो मतदान से ठीक पहले प्रत्याशियों को समर्थन देने की घोषणा करते हैं। ऐसे में दोनों प्रमुख दल के प्रत्याशी इनकी मान-मनोव्वल में लगे हुए हैं। किसी भी तरह से समर्थन हासिल हो जाए, इसी प्रयास में लगे हैं।

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समर्थन के लिए नेताओं को लगाया

अंता उपचुनाव में माली, मीणा, धाकड़, राजपूत, चारण, मुस्लिम, ब्राह्मण, वैश्य और एससी के वोटर बहुतायत में हैं। इन समाजों के वोटर्स हासिल करने के लिए दोनों प्रमुख दल कांग्रेस और भाजपा लगे हुए हैं। पार्टी के जातिगत नेता समाज के पंच-पटेलों को साधने में लगे हैं, तो उन गांवों और क्षेत्रों में इनकी सभाएं व जनसंपर्क भी करवाया गया। निर्दलीय प्रत्याशी का जोर मीणा समाज के वोटर्स में ज्यादा है और उन्हें कांग्रेस व भाजपा से विमुख मतदाताओं के भी वोट मिलने की उम्मीद है। 

चाहिए हर समाज का साथ

भाजपा उम्मीदवार मोरपाल माली समाज से हैं, जिनके इस सीट पर सर्वाधिक 35 हजार वोट बताए जा रहे हैं। इसके अलावा सामान्य वर्ग, धाकड़ व अन्य ओबीसी जातियों से वोट मिलने की उम्मीद है। दूसरी तरफ कांग्रेस के भाया एससी, मुस्लिम, एसटी, वैश्य वोट के भरोसे हैं। हर उम्मीदवार दूसरे प्रत्याशी के वोट बैंक में सेंधमारी करने में लगा हुआ है। जिसने भी दूसरे उम्मीदवार के वोट बैंक में बड़ी सेंधमारी कर दी, उसका पलड़ा भारी रहेगा। तीनों प्रत्याशी हर समाज के नेता के माध्यम से वोट हासिल करने में लगे हुए हैं।

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2.28 लाख वोटर तय करेंगे भाग्य

अंता विधानसभा सीट पर 21 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा था। इनमें 32 फॉर्म जमा कराए थे। नामांकन वापसी के बाद अब मैदान में 15 प्रत्याशी हैं। 11 नवम्बर को मतदान है तो 14 नवम्बर को नतीजे आएंगे। 268 मतदान केन्द्रों पर मतदान होगा। इस सीट पर 2,28,264 वोटर्स हैं। इनमें 1,16,783 पुरुष और 1,11,477 महिलाएं हैं। 4 अन्य मतदाता हैं। ये वोटर्स सभी प्रत्याशियों का भाग्य तय करेंगे। 

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21 करोड़ से अधिक की जब्ती

प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं। संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केन्द्रों पर सीएपीएफ के जवान तैनात हैं। चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक 21 करोड़ 21 लाख रुपए की अवैध शराब, नशीले पदार्थ, नगदी आदि जब्त की गई है।

अवैध शराब 19.27 लाख, नशीले पदार्थ 35.46 लाख, फ्री-बीज व अन्य सामग्री 20.55 करोड़ व नगद राशि 11.34 लाख रुपए जब्त की है। भयमुक्त वातावरण में मतदान के लिए 4,262 शस्त्र जमा कराए गए। नाकाबंदी के दौरान 8 अवैध हथियार और 5 कारतूस जब्त किए। 

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कई नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर

उपचुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। दोनों ही दलों ने इसे प्रतिष्ठा का सवाल बना रखा है। इस सीट को जीतने के लिए दिग्गजों ने चुनावी मोर्चा संभाला। उन्होंने रोड शो, नुक्कड़ सभा और जनसंपर्क किया। यह चुनाव वसुंधरा राजे और प्रमोद जैन भाया की प्रतिष्ठा से भी जुड़ा हुआ है। पूरे प्रदेश की नजर अंता उपचुनाव पर टिकी हुई है। इस सीट का परिणाम कई नेताओं का भविष्य तय करेगा।

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