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Photograph: (the sootr)
Baran. राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर आखिरकार प्रमोद जैन भाया का दबदबा और जादू कायम रहा। अंता उपचुनाव में कांग्रेस के भाया ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए भाजपा प्रत्याशी मोरपाल सुमन को शिकस्त दी है। कांग्रेस प्रत्याशी भाया 15594 वोटों से चुनाव जीत गए हैं।
चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की हार पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे के लिए बड़ा झटका है। मोरपाल सुमन को वसुंधरा का करीबी माना जा रहा है। ऐसे में जिताने की पूरी जिम्मेदारी भी वसुंधरा के हाथों में थी। मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने वाले निर्दलीय नरेश मीणा तीसरे नंबर पर रहे।
भाया को मिले 69462 वोट
चुनाव परिणाम पहले राउंड से चौंकाने वाले रहे। पहले राउंड से ही भाया ने बढ़त हासिल कर ली थी, जो बीसवें राउंड तक जारी रही। भाजपा प्रत्याशी दस राउंड तक पीछे रहे और तीसरे नम्बर पर चल रहे थे। बाद के राउंड में उनकी स्थिति सुधरी और दूसरे नम्बर पर आ गए। चुनाव में भाया को 69462 मत हासिल हुए। वहीं मोरपाल को 53868 वोट मिले। निर्दलीय नरेश 53740 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे।
समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा
सुबह सात बजे से मतगणना स्थल पर तीनों प्रत्याशियों के समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा था। वे अपने प्रत्याशियों के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे। चुनाव नतीजों के बाद जहां भाया के समर्थकों में खुशी का माहौल देखा गया। वहीं भाजपा के समर्थक मायूस दिखे। निर्दलीय नरेश के समर्थक पहले तो जोश में थे, लेकिन बाद में नरेश के पिछड़ने की सूचना के बाद वे निराश हो गए।
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जनता का आदेश सिर माथे
भाजपा प्रत्याशी की हार के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा है कि जनता का आदेश सिर माथे है। वो जनता का आदेश स्वीकारते हैं। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भाया को जीत की बधाई देते हुए कहा कि राजस्थान में जनता भाजपा राज से त्रस्त है। अंता का चुनाव परिणाम इसकी गवाही है। चुनाव जीतने के बाद भाया ने कहा कि मेरे को जनता का आशीर्वाद है। यह जनता और कांग्रेस की जीत है।
अंता उपचुनाव : मतदाताओं की बंपर वोटिंग, 80.32 फीसदी पड़े वोट, 14 नवंबर को आएंगे नतीजे
बंपर वोटिंग, एक बूथ पर एक वोट
11 नवम्बर को अंता के सभी मतदान केन्द्रों पर वोटर्स में खासा उत्साह देखा गया। अधिकांश जगह पर वोटर्स की लम्बी कतारें थीं। सुबह सात बजे से ही मतदान केन्द्रों पर वोटर वोट डालने पहुंचने लगे थे। सुबह ग्यारह बजे तक 29.86 प्रतिशत मतदान हुआ। दोपहर एक बजे तक 45 फीसदी मतदान हुआ। शाम छह बजे तक 80.32 फीसदी मतदान हुआ।
सभी ने की पूरी मेहनत
वोटर्स को लाने और ले जाने के लिए तीनों प्रमुख प्रत्याशी और उनके समर्थक जी-जान से जुटे दिखे। प्रत्याशी भी हर बूथ पर जाकर मतदाताओं से वोट देने की अपील करते दिखे। सांकली गांव में बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया था। गांव में 736 मतदाता हैं। काफी समझाइश के बाद भी एक ही ग्रामीण ने वोट डाला। शेष ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया।
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त्रिकोणीय मुकाबले से बढ़ा मतदान
आम तौर पर उपचुनाव वाली सीट पर मतदान कम ही रहता है, लेकिन अंता सीट पर वोटिंग अच्छी रही। इसका मुख्य कारण इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होना। भाजपा के मोरपाल, कांग्रेस के भाया और निर्दलीय नरेश के बीच में कड़ी टक्कर रही। तीनों प्रत्याशियों के समर्थन में दिग्गज नेताओं, मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री समेत सांसद, मंत्री और विधायकों ने चुनावी सभाएं की। त्रिकोणीय मुकाबले के कारण प्रत्याशियों और उनके समर्थकों ने जातिगत समीकरणों को साधते हुए अपने पक्ष में वोटिंग करवाई।
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183171 वोटर्स ने मत डाले
आयोग की ओर से 2,27,563 वोटर्स के लिए 268 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। कुल 227264 वोटर्स में से 183171 ने अपने मत डाले। इस बार 80.25 फीसदी मतदान हुआ, जबकि 2023 में 81.17 फीसदी मतदान हुआ था। मतदान दल के साथ पुलिस बल की तैनाती की गई है। संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केंद्रों पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवान तैनात रही। सभी केन्द्रों पर प्रशासन ने मतदान और मतदाताओं के लिए उचित इंतजाम किए। कुछ केन्द्रों पर मतदाताओं की शिकायतें सामने आई थीं।
त्रिकोणीय मुकाबला, लेकिन जीते भाया
अंता उपचुनाव में इस बार भी त्रिकोणीय मुकाबला बना। इस बार भाया, मोरपाल और नरेश के बीच कड़ा मुकाबला और चुनाव प्रचार रहा। हालांकि भाया जीते, लेकिन नरेश ने अपने धुरंधर प्रचार से दोनों राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशियों के सामने कड़ी टक्कर दी। इससे पहले साल 2008 में भी अंता में ऐसा ही मुकाबला देखने को मिला था।
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