अरावली पर्वतमाला की परिभाषा पर विवाद : केंद्र सरकार का अहम फैसला, फिर भी अवैध खनन जारी

केंद्र सरकार ने अरावली क्षेत्र में नए खनन पट्टे न जारी करने का फैसला किया है, लेकिन राजस्थान में अवैध खनन की घटनाएं बढ़ रही हैं। यह अवैध खनन टाइगर रिजर्व जैसे संरक्षित वन क्षेत्रों में भी हो रहा है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. अरावली क्षेत्र की नई परिभाषा को लेकर पिछले कुछ समय से विवाद जारी था। केंद्र सरकार ने हाल ही में स्पष्ट किया कि वह इस क्षेत्र में नए खनन पट्टे नहीं जारी करेगी। साथ ही इस क्षेत्र का संरक्षित क्षेत्र बढ़ाने की योजना बनाई है। हालांकि राजस्थान में अरावली के वन क्षेत्र में अवैध खनन की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जो चिंता का विषय है।

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दो साल में बढ़े अवैध खनन के मामले

राजस्थान के 19 जिलों में फैली अरावली पर्वतमाला में पिछले दो सालों में 1478 अवैध खनन के मामले रजिस्टर्ड किए गए हैं। इसमें से 530 मामले 2025 तक दर्ज किए गए हैं। इन घटनाओं के बावजूद, केवल 4.12 करोड़ रुपए की वसूली हो पाई है, जो अवैध खनन पर नियंत्रण के लिए अपर्याप्त है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह अवैध खनन टाइगर रिजर्व जैसे संरक्षित वन क्षेत्रों में भी हो रहा है।

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वन विभाग की नाकामी

वन विभाग अरावली में अवैध खनन को रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है। केवल कुछ मामलों में जुर्माना लगाया गया है, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है। वन विभाग द्वारा इस समस्या को सुलझाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इससे खनन में लगातार इजाफा हुआ है।

पुनर्निर्माण के लिए सरकारी योजना

अरावली पर्वतमाला के संरक्षण और पुनर्निर्माण के लिए राजस्थान सरकार ने इस साल 250 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया है। इस योजना के तहत 19 जिलों में तीन साल (2025-2026 से 2027-2028) तक 28,500 हेक्टेयर में वृक्षारोपण करने का प्रस्ताव है। इसके लिए जल एवं मृदा संरक्षण कार्यों के साथ-साथ 11 नई नर्सरियों का निर्माण भी किया जाएगा।

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वृक्षारोपण और मृदा संरक्षण कार्य

वित्तीय वर्ष 2024-2025 में वन विभाग ने 38,009 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण किया। इसके अलावा 2025-2026 में 31,705 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण की योजना है। इस दौरान मृदा संरक्षण कार्य भी किया जाएगा और आगामी मानसून 2026 में वृक्षारोपण का काम आगे बढ़ेगा।

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रणथंभौर में रोकथाम के लिए कदम

रणथंभौर और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए वन विभाग ने अतिरिक्त पुलिस सहायता मांगी है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में चौकियां और निगरानी सिस्टम भी स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि अवैध खनन पर सख्ती से रोक लगाई जा सके।

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अरावली पर्वतमाला की परिभाषा पर विवाद

  • केंद्र सरकार ने अरावली में नए खनन पट्टे जारी करने पर रोक लगा दी है और संरक्षित क्षेत्र को बढ़ाने का फैसला किया है। हालांकि अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण नहीं पाया गया है। वन विभाग की कार्रवाई में कमी है।
  • अरावली के पुनर्निर्माण के लिए राजस्थान सरकार ने 250 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया है। इसके तहत 19 जिलों में 28,500 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण और जल एवं मृदा संरक्षण कार्य किए जाएंगे।
  • रणथंभौर और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए अतिरिक्त पुलिस सहायता मांगी गई है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में चौकियां और निगरानी सिस्टम भी स्थापित किए जा रहे हैं।
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