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Photograph: (TheSootr)
Bharatpur . राजस्थान के भरतपुर जिले के वैर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक बहादुर सिंह कोली के बेटे विजेंद्र कोली को दो बार हार्ट अटैक आया। खास बात यह है कि विजेंद्र कोली ने अपनी जान की सलामती के लिए खुद कार चलाकर 180 किलोमीटर की दूरी तय की और जयपुर स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए पहुंचे। इस घटना से जुड़ी कई बातें सामने आई हैं जो इस पूरी कहानी को और भी हैरान कर देने वाली बनाती हैं।
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हार्ट अटैक के बाद विजेंद्र कोली का इलाज
12 अक्टूबर को दोपहर के समय विजेंद्र कोली को अचानक सीने में दर्द हुआ, जिसे सामान्य ब्लड प्रेशर की शिकायत मानते हुए एक प्राइवेट डॉक्टर ने उन्हें दवाइयां दीं। अगले दिन, 13 अक्टूबर 2025 को रात के समय जब फिर से उन्हें सीने में दर्द महसूस हुआ, तो उनकी हालत और बिगड़ गई। इस बार स्थिति और गंभीर हो गई और विजेंद्र को खुद अपनी कार ड्राइव करके भरतपुर से जयपुर की ओर निकलने का निर्णय लिया। करीब 180 किलोमीटर का सफर तय करते हुए वे मानसरोवर स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने तुरंत उनका इलाज शुरू किया।
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विधायक के बेटे को हार्ट अटैक
जयपुर के अस्पताल में विजेंद्र कोली का इलाज किया गया। जांच के दौरान पता चला कि उनकी धमनियों में ब्लॉकेज था। इसके बाद डॉक्टरों ने उनका ऑपरेशन किया और स्टेंट डाला। ऑपरेशन के बाद, उनकी हालत स्थिर हो गई, लेकिन इस घटना ने सबको हैरान कर दिया। ऐसा बताया जा रहा है कि विजेंद्र की हालत देखकर अस्पताल के डॉक्टर भी चौंक गए, क्योंकि इस स्थिति में आमतौर पर व्यक्ति को अस्पताल पहुंचने में वक्त लगता है, लेकिन विजेंद्र ने खुद अपनी जान की सलामती के लिए कार चलाकर अस्पताल तक पहुंचने का साहस दिखाया।
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सांसद हरीश मीणा के पुत्र का हुआ निधन
इस घटना के ठीक कुछ दिन पहले, जयपुर में कांग्रेस सांसद हरीश मीणा के बेटे की भी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। हरीश मीणा के 42 वर्षीय बेटे की अचानक मौत ने भी राजस्थान में स्वास्थ्य समस्याओं और जीवनशैली से जुड़े मुद्दों पर चर्चा छेड़ दी है। दो प्रमुख राजनीतिक परिवारों से जुड़े इस प्रकार के मामलों ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं और उनके प्रबंधन को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
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भाजपा विधायक बहादुर सिंह कोली का बयान
घटना के बाद भाजपा विधायक बहादुर सिंह कोली ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनके बेटे विजेंद्र को 12 अक्टूबर को अचानक सीने में दर्द हुआ था, जिसे पहले ब्लड प्रेशर की समस्या समझा गया था। डॉक्टर से दवाइयां लेने के बाद भी जब उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और 12 अक्टूबर को रात के समय फिर से सीने में दर्द हुआ, तो विजेंद्र ने खुद कार चलाने का निर्णय लिया। विजेंद्र ने बिना किसी मदद के लगभग 180 किलोमीटर का रास्ता तय किया और जयपुर के अस्पताल पहुंचे, जहां उनका इलाज किया गया।
भाजपा विधायक बहादुर सिंह कोली के बेटे को हार्ट अटैक
इस घटना की एक और दिलचस्प बात यह है कि विजेंद्र ने अपनी हालत के बावजूद खुद स्कॉर्पियो कार चलाकर अस्पताल जाने का साहस दिखाया। उनका गन मैन गजेंद्र सिंह मीणा उनके साथ था, लेकिन वह गाड़ी चलाने में सक्षम नहीं था। इस स्थिति में विजेंद्र ने खुद गाड़ी चलाई और समय रहते जयपुर पहुंचे। यह घटना न केवल उनकी हिम्मत और साहस को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि आपातकालीन स्थितियों में कैसे व्यक्ति अपनी जान की सलामती के लिए तत्पर रहता है।
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हार्ट अटैक से कैसे बचें?हार्ट अटैक से बचने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने होंगे। निम्नलिखित प्वाइंट्स पर ध्यान दें: जीवनशैली में बदलाव:
स्वास्थ्य की निगरानी:
आपातकालीन स्थिति में:
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डॉक्टर बोले- समय रहते नहीं आते तो हो जाती मुसीबत
जयपुर अस्पताल में विजेंद्र के इलाज के बाद चिकित्सकों ने इस प्रकार की गंभीर स्थिति में समय रहते इलाज को आवश्यक बताया। डॉक्टरों का कहना था कि अगर विजेंद्र अस्पताल समय से नहीं पहुंचते, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी। इस घटना ने यह संदेश दिया कि ऐसी स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, और हर व्यक्ति को समय रहते डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। साथ ही, यह भी जरूरी है कि हमारे पास कोई मेडिकल इमरजेंसी हो, तो हम सही समय पर अस्पताल पहुंचने की कोशिश करें।
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