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Photograph: (TheSootr)
Jaipur . राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने SMS हॉस्पिटल के वरिष्ठ डॉक्टर मनीष अग्रवाल के खिलाफ जांच करते हुए उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की। बता दें, 9 अक्टूबर 2025 को एसीबी ने मनीष अग्रवाल को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि एसीबी ने उनके बैंक लॉकर से 900 ग्राम सोने (करीब 1 करोड़ रुपए) की ज्वेलरी भी बरामद की है। एसीबी का मानना है कि डॉ. मनीष अग्रवाल के और भी बैंक लॉकर हो सकते हैं।
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एसीबी द्वारा डॉक्टर मनीष अग्रवाल की गिरफ्तारी
राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS Hospital Jaipur) के न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉक्टर मनीष अग्रवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया। एसीबी ने 9 अक्टूबर को डॉक्टर को रंगे हाथों पकड़ा, जब वह एक लाख रुपए की रिश्वत ले रहे थे। एसीबी (ACB - Anti Corruption Bureau) की टीम ने जब कार्रवाई शुरू की, तो डॉक्टर मनीष अग्रवाल के कर्मचारी जगत ने रिश्वत की रकम घर के पास एक खाली प्लॉट में फेंक दी थी। पुलिस ने जगत को गिरफ्तार कर लिया और रकम को बरामद किया। इस पूरी कार्रवाई ने राजस्थान में स्वास्थ्य क्षेत्र के भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाए हैं।
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डॉक्टर मनीष अग्रवाल बोले जलने वालों ने की शिकायत
एसीबी की पूछताछ के दौरान डॉक्टर मनीष अग्रवाल ने अपने बचाव में कुछ अजीब बातें कही। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ शिकायतें उनके प्रतिस्पर्धियों ने की हैं, जो उनसे जलते थे। उनका दावा था कि वे बहुत जिम्मेदारियां निभा रहे थे और इस कारण से कुछ लोग उनसे नाराज थे। लेकिन एसीबी को शक है कि डॉ. मनीष अग्रवाल इस मामले को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं और उन्होंने जानबूझकर यह बयान दिए हैं।
डॉ. मनीष अग्रवाल के खिलाफ और क्या सबूत मिले?
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजस्थान को शक है कि एसएमएस अस्पताल घूसकांड में पकड़े गए डॉ. मनीष अग्रवाल के पास और भी बैंक लॉकर हो सकते हैं, जहां उन्होंने भ्रष्टाचार के माध्यम से अर्जित संपत्ति को छिपा रखा हो। उनके बैंक लॉकर से बरामद 900 ग्राम सोने की ज्वेलरी ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है। एसीबी को यह जानकारी मिली कि मनीष अग्रवाल खुद को SMS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी के करीबी बताते थे, और उनकी नजदीकी का फायदा उठाकर उन्होंने घूसखोरी की थी। अब एसीबी इस मामले की गहरी जांच कर रही है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि मनीष अग्रवाल के पास कितनी अवैध संपत्ति है और उन्होंने कितनी बार घूस ली।
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एसीबी की छापेमारी और इसके परिणाम
एसीबी की टीम ने जिस तरह से यह छापेमारी की, उससे यह स्पष्ट हो गया कि चिकित्सा विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी हैं। 1 लाख रुपए की रिश्वत और 900 ग्राम सोने की ज्वेलरी बरामद होने से यह मामला और भी गंभीर हो गया। यह छापेमारी ना केवल मनीष अग्रवाल के खिलाफ बल्कि राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार की प्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है। एसीबी अब अन्य अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में भी इसी प्रकार की जांच करने की योजना बना रही है, ताकि भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सके।
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डॉ. मनीष अग्रवाल घूसखोरी मामला क्या है?भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने 9 अक्टूबर 2025 को न्यूरो सर्जरी विभाग के HOD और SMS मेडिकल कॉलेज के एडिशनल प्रिंसिपल डॉ. मनीष अग्रवाल को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। डॉ. मनीष अग्रवाल न्यूरो सर्जरी में काम आने वाले ब्रेन कॉइल की सप्लाई को लेकर संबंधित कार्य के लिए पेश किए गए बिलों पर काउंटर सिग्नेचर करने के एवज में घूस मांग रहा था। एसीबी की टीम जब ट्रैप करने के लिए पहुंची तो डॉ.मनीष अग्रवाल एसीबी को ही मैनेज करने में जुट गया था। एसीबी सूत्रों के अनुसार, डॉ. मनीष अग्रवाल ने हैड कॉन्स्टेबल को कुछ ले देकर मामला सुलटाने की पेशकश भी की थी। पूछताछ में सामने आया है कि डॉ. मनीष अग्रवाल ने खुद को एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ.दीपक माहेश्वरी का काफी क्लोज बताया है। बताया जा रहा है कि एसीबी के ट्रैप के बाद डॉ. मनीष के खिलाफ और भी शिकायत एसीबी पहुंचने लगी हैं। | |
भ्रष्टाचार और स्वास्थ्य विभाग
राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का मुद्दा पहले भी उठ चुका है। SMS अस्पताल जैसे प्रमुख संस्थान में इस तरह की घटनाओं का सामने आना यह बताता है कि राज्य के चिकित्सा तंत्र में कहीं ना कहीं गड़बड़ी है। जब एक डॉक्टर जैसे प्रतिष्ठित पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा रिश्वत ली जा रही हो, तो इसका संदेश पूरी स्वास्थ्य प्रणाली में फैलता है। यह मामला एक चेतावनी के रूप में सामने आया है कि राज्य के अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
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भ्रष्टाचार की शिकायत कैसे करें?राजस्थान में भ्रष्टाचार की शिकायत करने के लिए आप भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को ईमेल कर सकते हैं, उनके हेल्पलाइन नंबर 1064 पर कॉल कर सकते हैं, या व्हाट्सएप नंबर 9413502834 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, आप मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 181 पर कॉल कर सकते हैं या राजस्थान संपर्क पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं। | |
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की भूमिका क्या है?
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की मुख्य भूमिका भ्रष्टाचार के मामलों में जांच और कार्रवाई करना है। एसीबी द्वारा की गई यह कार्रवाई दिखाती है कि अब राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। एसीबी की टीम को जितनी गंभीरता से इस मामले में काम करना चाहिए, उतनी ही गंभीरता से उन्हें स्वास्थ्य और अन्य विभागों में भी इसी प्रकार की जांच करनी चाहिए।
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राजस्थान के नागरिकों के लिए संदेश
इस मामले से यह संदेश मिलता है कि राज्य सरकार और एसीबी भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर रहे हैं। इसके बावजूद, हमें यह भी समझने की आवश्यकता है कि हमें भी स्वास्थ्य और अन्य विभागों में अपना योगदान देना चाहिए। यदि हमें इस भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहिए, तो हमें जिम्मेदारी से काम करना होगा और अपने अधिकारों का पालन करना होगा।
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