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Photograph: (the sootr)
Jaisalmer. आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में केन्द्रीय अंवेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कस्टम विभाग जैसलमेर में कार्यरत सहायक आयुक्त के ठिकानों पर रेड डाली। कार्रवाई के दौरान सहायक आयुक्त रतिराम मीणा के जयपुर, अहमदाबाद और अंकलेश्वर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की गई। कार्रवाई के दौरान सीबीआई टीम को करोड़ों रुपयों की प्रॉपर्टी के दस्तावेज, निवेश दस्तावेज, सोने-चांदी के आभूषण मिले हैं।
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अन्य दस्तावेज भी खंगाल रही
सीबीआई अन्य दस्तावेज भी खंगाल रही है। साथ ही बैंक लॉकर्स की पड़ताल में लगी हुई है। सीबीआई ने आय से अधिक सम्पत्ति की शिकायत सही पाए जाने पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। बताया जा रहा है कि सहायक आयुक्त रतिराम मीणा के यहां से ढाई करोड़ की प्रॉपर्टी और निवेश दस्तावेज मिले हैं।
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पत्नी-बेटे के नाम से कंपनी बनाई
सीबीआई की छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में निवेश और सम्पत्ति के दस्तावेज मिले हैं। सीबीआई जांच में पत्नी-बेटे के नाम पर कंपनियां और फर्म बनाकर निवेश करने से संबंधित दस्तावेज भी मिले है। यह भी जांच में सामने आया है कि सहायक कस्टम आयुक्त रतिराम मीणा लग्जरी लाइफ जीने का शौकीन है। रतिराम के ठिकानों पर की गई रेड में करीब 35 लाख रुपए सोने एवं चांदी के आभूषण मिले हैं।
दो बैंक लॉकर्स सामने आए
साथ ही दो बैंक लॉकर्स सामने आए हैं, जिन्हें सीबीआई बाद में खोलकर जांच करेगी। लॉकर्स की जांच में भी सोने-चांदी और दूसरे दस्तावेज मिले का अंदेशा है। सीबीआई की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रतिराम मीणा ने अवैध रूप से प्राप्त कमाई को पत्नी मोहिनी और बेटे गौरव के नाम पर बनाई गई कंपनी और फर्म में निवेश करवा रखा है।
8 कंपनियों व फर्मों की जानकारी
सीबीआई को उनके नाम से शिपॉन्क ऑनलाइन सर्विसेज एलएलपी, जय नरसिंह इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट सहित 8 कम्पनियों व फर्मों की जानकारी मिली है, जिनकी जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में अब तक ढाई करोड़ रुपए की सम्पत्ति के दस्तावेज मिल चुके हैं। भूखंड, कृषि भूमि खरीद के अलावा दूसरे निवेश में यह राशि लगाई है। सीबीआई अवैध कमाई के स्रोतों का पता कर रही है।
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महंगी गाड़ियां व लग्जरी सुविधाओं का घर
सीबीआई की छापेमारी में रतिराम के लग्जरी लाइफ जीने में पता लगा है। उसके जगतपुरा जयपुर स्थित आवास पर छापेमारी के दौरान महंगी गाड़ियां मिली हैं, तो विदेशी नस्ल के कुत्ते भी पाल रखे हैं। आवास में लग्जरी सुख-सुविधाओं की समस्त सामग्री मिली।
बताया जा रहा है कि कार्रवाई के दौरान सीबीआई को प्रभावित करने की भी कोशिश की गई। सहायक आयुक्त रतिराम 2018 से 2025 तक जयपुर और अहमदाबाद में कार्यरत रहे। वर्तमान में जैसलमेर में सहायक कस्टम आयुक्त पद पर है।
100 प्रतिशत से अधिक सम्पत्तियां
जांच में रतिराम के आय की तुलना में 100 प्रतिशत से अधिक सम्पत्तियां अर्जित की। सीबीआई की ओर से जब्त सम्पत्ति और निवेश संबंधित दस्तावेज, बैंक लॉकर्स की जांच के बाद और भी सम्पत्ति संबंधित खुलासे हो सकते हैं। सीबीआई मुख्यालय ने लिखित बयान जारी कर सहायक आयुक्त के ठिकानों पर छापेमारी और केस दर्ज करने का ब्योरा दिया है। अवैध रूप से पैसा और प्रॉपर्टी बनाने के आरोप में सीबीआई ने 28 अक्टूबर, 2025 को केस दर्ज किया था।
काली कमाई का कंपनियों में निवेश
सीबीआई ने शुक्रवार को रतिराम के ठिकानों पर सर्च कार्रवाई की थी। सर्च में करोड़ों रुपए की सम्पत्ति और निवेश के दस्तावेज मिले। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रतिराम ने काली कमाई को सफेद करने के लिए पत्नी और बेटों के नाम से फर्म बनाई। फिर उस कमाई को निवेश करना बताया, जबकि पत्नी और बेटे को इनके बारे में ज्यादा पता नहीं है। सीबीआई रतिराम की पत्नी और बेटे से भी पूछताछ करके कंपनियों में निवेश संबंधित राशि के बारे में पड़ताल करेगी।
रिकॉर्ड जांच रही सीबीआई
बताया जा रहा है कि सीबीआई टीम की पूछताछ में रतिराम संपत्ति के सोर्स के बारे में संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके। इसके बाद सीबीआई ने मामला दर्ज करके कार्यवाही की। आरोपी के परिवार के सदस्यों के पास कई फर्मों और कंपनियों का मालिकाना हक है। सहायक आयुक्त ने परिवार के मालिकाना हक वाली फर्मों में अवैध कमाई को ठिकाने लगाया। प्रारंभिक जांच में इसके सबूत मिले हैं। सीबीआई अब कंपनियों, फर्मों का रिकॉर्ड जांच रही है।
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