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Photograph: (the sootr)
Jaisalmer. राजस्थान के जैसलमेर जिले में हुई दर्दनाक बस दुर्घटना में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है। एफएसएल रिपोर्ट के अनुसार, आग का कारण बस के एयर कंडीशनर की वायरिंग में हुआ शॉर्ट सर्किट था। यह हादसा जोधपुर और जयपुर की विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं द्वारा की गई संयुक्त जांच में सामने आया।
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एसी की वायरिंग में शॉर्ट सर्किट
जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर थइयात गांव के पास हुई इस दुर्घटना में पाया गया कि बस के एयर कंडीशनर की वायरिंग से शॉर्ट सर्किट हुआ था, जिसके बाद आग ने बस के ऊपरी हिस्से को अपनी चपेट में लिया। इंजन से जुड़ी हुई एयर कंडीशनर की वायरिंग में चिंगारी लगी और धुआं बस के अंदर फैलने लगा। यात्रियों के खिड़की तोड़ते ही बाहर की ऑक्सीजन से आग भड़क उठी, जिससे पूरे बस में आग फैल गई।
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हादसे में क्या हुआ?
एफएसएल रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि बस के टायर, डीजल टैंक और बैटरी पूरी तरह से सुरक्षित पाए गए। इससे यह स्पष्ट होता है कि आग बस के ऊपर से लगी थी और निचला हिस्सा सुरक्षित रहा। हादसे के बाद 19 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 16 अन्य गंभीर रूप से झुलस गए थे। अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है।
विस्फोटक पदार्थ नहीं पाए गए
शुरुआत में यह अनुमान लगाया गया था कि बस में पटाखे या विस्फोटक पदार्थ हो सकते हैं, लेकिन जांच में यह साबित हुआ कि बस में किसी प्रकार का विस्फोटक या ज्वलनशील पदार्थ नहीं था। बस की डिक्की में मिले पटाखे पानी से भीग गए थे, जिससे उनमें किसी प्रकार के विस्फोट की संभावना खत्म हो गई।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारियां
घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने जांच में पाया कि बस के मालिक, ड्राइवर और बॉडी निर्माता की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) द्वारा की जा रही जांच में इन रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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एफएसएल रिपोर्ट में क्या था खास?
एफएसएल जांच में यह भी सामने आया कि बस के भीतर तापमान 1000 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच गया था, लेकिन फिर भी पटाखों के जलने या फटने के कोई प्रमाण नहीं मिले। इसके अलावा, जांच में यह साफ हुआ कि बस के भीतर किसी प्रकार के विस्फोटक सामग्री के कोई साक्ष्य नहीं मिले।
बस यात्रा करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
सुरक्षा उपकरण : बस में हमेशा फायर एक्सटिंग्विशर और आपातकालीन दरवाजे चेक करें।
वायरिंग जांच : वाहन की वायरिंग और इंजन का नियमित रूप से निरीक्षण कराना चाहिए।
सीट बेल्ट का उपयोग : यात्रा करते समय सीट बेल्ट पहनना न भूलें।
अचानक आग की स्थिति में : हमेशा सबसे नजदीकी आपातकालीन द्वार से बाहर निकलने की कोशिश करें।
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