चूरू में DTO ने हरियाणा के 1307 लोगों को बांटे हैवी व्हीकल लाइसेंस, गांव में पता किया तो नहीं मिला कोई

राजस्थान के चूरू जिले में डीटीओ ऑफिस में हैवी व्हीकल लाइसेंस बनाने में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। डीटीओ ने हरियाणा के रहने वाले लोगों को 1307 लाइसेंस एक ही गांव के पते पर जारी किए गए। जबकि कड़वासरा गांव में इनमें से एक भी व्यक्ति नहीं रहता है।

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Kamlesh Keshote
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Photograph: (the sootr)

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Churu. राजस्थान के चूरू जिले के डीटीओ ऑफिस में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिसमें हरियाणा के 1307 लोगों को हैवी व्हीकल लाइसेंस जारी किए गए। हैरानी की बात यह है कि ये सभी लाइसेंस एक ही पते पर जारी किए गए। जो कड़वासर गांव था। यह घटना 2021 से 2024 तक हुई। जब ओमसिंह शेखावत चूरू के डीटीओ थे। इस फर्जीवाड़े में न तो लाइसेंस देने से पहले ड्राइवरों का टेस्ट लिया गया और न ही उनके पते की पुष्टि की गई।

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फर्जीवाड़े का खुलासा

यह मामला तब सामने आया जब इसकी जांच की गई। जांच में यह सामने आया कि सभी 1307 ड्राइवरों के पते कड़वासर गांव के बताए गए। लेकिन गांव के निवासी बताते हैं कि इनमें से कोई भी व्यक्ति वहां नहीं रहता था। कई उदाहरणों से यह स्पष्ट हुआ कि इन लोगों के दस्तावेज में दिए गए पते सही नहीं थे।

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शपथ पत्र के आधार पर लाइसेंस 

हरियाणा में हैवी व्हीकल लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कड़े नियम हैं। जिनमें ट्रेनिंग और टेस्ट शामिल हैं। हालांकि चूरू डीटीओ ऑफिस ने इन नियमों को नजरअंदाज करते हुए केवल शपथ पत्र के आधार पर लाइसेंस जारी कर दिए। शपथ पत्र में यह दावा किया गया था कि सभी लोग हरियाणा के स्थायी निवासी हैं। लेकिन वे कड़वासर गांव में रहते हैं। इसके बाद तत्कालीन डीटीओ ने साइन करके लाइसेंस जारी कर दिए। जो अब पूरे देश में मान्य हैं।

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कड़वासर गांव के निवासियों का बयान

कड़वासर गांव के लोगों ने बताया कि जो नाम इन लाइसेंसों पर दिए गए थे। वे न तो कभी गांव में रहे और न ही किसी ने वहां किराए पर घर लिया था। केवल शपथ पत्र के आधार पर लाइसेंस दे दिए गए हैं। गांव के मुख्य चौराहे पर भी लोग इन नामों को पहचानने से इंकार करते हैं। आपको बता दें की लाइसेंस बनवाने वाले सभी लोग हरियाणा के रहने वाले हैं। शपथ पत्र में इसका स्पष्ट उल्लेख भी किया गया है।

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अधिकारियों की प्रतिक्रिया

तत्कालीन डीटीओ ओमसिंह शेखावत ने कहा कि उन्होंने शपथ पत्र के आधार पर ही लाइसेंस जारी किए थे। क्योंकि उनके पास इसे अमान्य करने का कोई आधार नहीं था। आरटीओ मथुराप्रसाद मीणा ने इस घटना को चौंकाने वाला बताया और इसकी जांच की बात कही।

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मुख्य बिंदु 

डीटीओ में फर्जीवाड़ा: चूरू डीटीओ ऑफिस में हैवी व्हीकल लाइसेंस जारी करने में फर्जीवाड़ा हुआ। 1307 लोगों को एक ही गांव के पते पर लाइसेंस जारी किए गए। जबकि वह गांव में रहते ही नहीं थे। इन लोगों ने शपथ पत्र में गलत जानकारी दी थी।

गांव में पहचान नहीं: कड़वासर गांव के लोग इन फर्जी लाइसेंस धारकों को पहचानते नहीं थे। गांव के लोग बताते हैं कि इन नामों के लोग कभी गांव में नहीं रहे।

शपथ पत्र पर लाइसेंस: चूरू डीटीओ ने लाइसेंस जारी करते समय न तो ड्राइवरों का टेस्ट लिया और न ही उनके पते की सहीता की जांच की। केवल शपथ पत्र पर आधारित होकर लाइसेंस जारी किए गए थे।

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