जर्जर स्कूल भवन : मंदिरों और पेड़ों के नीचे चल रहे सरकारी स्कूल, DLSA रिपोर्ट ने किए गंभीर खुलासे

राजस्थान में जर्जर स्कूल भवनों के मामले में DLSA की रिपोर्ट जारी हुई है। इसमें मंदिरों और पेड़ों के नीचे चल रहे स्कूलों का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में चौंकाने वाले हालात बताए गए हैं। बड़े सुधार की जरूरत पर जोर दिया गया है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान में जर्जर स्कूल भवनों की समस्या अब गंभीर मोड़ पर पहुंच चुकी है, खासकर झालावाड़ हादसे के बाद। राजस्थान सरकार ने इस समस्या पर ध्यान देते हुए इन भवनों की मरम्मत और सुधार के लिए बड़े कदम उठाए हैं।

राजस्थान हाई कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए जर्जर भवनों की पहचान कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे। इस आदेश के बाद, शिक्षा विभाग ने सर्वे करके राज्य भर में 5,667 जर्जर स्कूलों की पहचान की।

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DLSA ने क्या बताया?

राजस्थान में स्कूलों के जर्जर भवन पर राज्य सरकार के त्वरित फैसले के बावजूद डालसा (DLSA) की रिपोर्ट में कई गंभीर खामियां सामने आई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 153 स्कूल मंदिरों, खुले मैदानों और निजी मकानों में चल रहे हैं। इनमें से कुछ स्कूल तो पेड़ के नीचे और टीनशेड में चलाए जा रहे हैं, जो कि बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है।

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ज्यादातर जगह हाल बेहाल

रिपोर्ट के अनुसार, किला रामगढ़ (कोटा) में स्थित महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय (MGEMS) में बच्चे नाले के पास और खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ाई कर रहे थे। इसके बाद डालसा ने प्रबंधन को तत्काल फर्नीचर, शौचालय, पीने के पानी और सुरक्षित कक्ष मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।

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वैकल्पिक व्यवस्था पर भी सवाल

राजकीय प्राथमिक विद्यालय पार्वती में छात्रों को आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ाई कराई जा रही थी, लेकिन वहां भी बारिश के कारण छत से पानी टपकने की समस्या थी। इसके अलावा, बांदीकुई के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बिशनपुरा में 102 छात्रों के लिए कक्षाएं पेड़ के नीचे चल रही थीं। डालसा ने ऐसे मामलों में भी तत्काल सुधार करने के आदेश दिए थे।

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सरकार की योजना और कार्रवाई

राजस्थान सरकार ने जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए एक विस्तृत योजना बनाई है। इस योजना के तहत 1,624.29 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है, जिसमें से पहले ही 174 करोड़ रुपए का आवंटन किया जा चुका है। मार्च, 2026 तक सभी कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, 98.91 करोड़ रुपए की लागत से 104 नए स्कूलों का निर्माण भी प्रस्तावित किया गया है।

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परिणाम और सरकार का उद्देश्य

सरकार के इन प्रयासों का उद्देश्य पारदर्शिता, सुरक्षित स्कूल वातावरण और बेहतर शैक्षिक सुविधाएं सुनिश्चित करना है। बच्चों के लिए सुरक्षित और समुचित विद्यालय उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। डालसा और हाई कोर्ट के निर्देशों के पालन में इन विद्यालयों को जल्द ही सही ढंग से व्यवस्थित किया जाएगा।

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